सीएम योगी आदित्यनाथ ने हिंदू युवा वाहिनी की प्रदेश की सभी कार्यकारिणी भंग कीं हो सकता है बड़ा ऐलान
सीएम योगी आदित्यनाथ ने हिंदू युवा वाहिनी की प्रदेश की सभी कार्यकारिणी भंग कीं हो सकता है बड़ा ऐलान
Gorakhpur News: हिंदू युवा वाहिनी दलितों के साथ सहभोज जैसे कार्यक्रमों का आयोजन कर हिंदुत्व के विस्तार में लगा रहा. हिंदू युवा वाहिनी खुले तौर पर कभी भी राजनीति में सक्रिय नहीं हुई लेकिन हिंदू युवा वाहिनी से जुड़े कई नेता भाजपा के टिकट पर विधायक बने. फिलहाल हिन्दू युववाहिनी की कार्यकारिणी निरस्त करने की कोई ठोस वजह सामने नहीं आई है. उम्मीद लगाया जा रहा कि जल्द ही नए सिरे से कार्यकारिणी का गठन होगा.
हाइलाइट्ससीएम योगी आदित्यनाथ ने हिंदू युवा वाहिनी की सभी कार्यकारिणी भंग कींजल्द हो सकती है नई कार्यकारिणी का गठन, विस्तार देने की कवायद
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और हिन्दू युवा वाहिनी के मुख्य सरंक्षक योगी आदित्यनाथ ने आज हिंदू युवा वाहिनी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी, प्रदेश कार्यकारिणी समेत सभी फ्रंट को भंग कर दिया. हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश राय ने टेलीफोन पर हुई बातचीत में कहा कि योगी जी ने सिर्फ इतना कहा है कि संगठन का पुनर्गठन होगा इसलिए सभी कार्यकारिणी को भंग किया जा रहा है. राकेश राय ने बताया कि इसके अलावा उन्हें कोई जानकारी नहीं है कि कार्यकारिणी क्यों भंग की गई.
हिंदू युवा वाहिनी का गठन 2002 में हुआ था. इस संगठन को सांस्कृतिक संगठन के रूप में गठित किया गया था. इस संगठन का मकसद था कि नाथ संप्रदाय और हिंदुत्व की विचारधारा को गांव गांव तक पहुंचाया जाए. जिसके बाद पूर्वांचल में यह संगठन धीरे-धीरे सक्रिय होने लगा. इसी बीच 2002 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और योगी आदित्यनाथ के बीच गोरखपुर सदर विधानसभा सीट को लेकर कुछ अनबन हो गई थी. जिसके बाद योगी आदित्यनाथ ने हिंदू महासभा के टिकट पर राधा मोहन दास अग्रवाल को भाजपा के प्रत्याशी शिव प्रताप शुक्ला के खिलाफ चुनावी मैदान में उतार दिया.
उस चुनाव की कमान हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने सम्भाली थी. जिसका परिणाम यह रहा कि भाजपा तीसरे नंबर पर चली गई और हिंदू महासभा के प्रत्याशी राधा मोहनदास अग्रवाल विजयी रहे. इसके बाद संगठन धीरे धीरे बढ़ता चला गया.
मूल उद्देश्य से कभी नहीं भटका संगठन
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2002 के बाद जब दोबारा योगी आदित्यनाथ और भाजपा के रिश्ते सामान्य हुए तब से हिंदू युवा वाहिनी भाजपा के मददगार के रूप में काम करती रही है. हालांकि हिन्दू युवा वाहिनी की कभी सक्रिय राजनीति में भागीदारी नहीं रही, लेकिन सांस्कृतिक संगठन के रूप में यह गांव-गांव तक हिंदुत्व का अलख जगाती रही है. जिसका परिणाम यह हुआ कि पूर्वांचल में भाजपा मजबूत होती चली गई. 2017 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले हिंदू युवा वाहिनी के कुछ नेताओं ने बगावत कर दी.
उन्होंने चुनाव मैदान में उतरने का फैसला कर लिया था. जिसके बाद योगी आदित्यनाथ ने उन सभी नेताओं को संगठन से बाहर का रास्ता दिखा दिया, और इस बात को साफ कर दिया कि हिंदू युवा वाहिनी राजनीतिक संगठन नहीं बल्कि सांस्कृतिक संगठन है.
2017 के बाद प्रदेश में हुआ तेजी से विस्तार
2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला और योगी आदित्यनाथ को सूबे की कमान मिल गई. जिसके बाद इस संगठन का पूरे प्रदेश में विस्तार हुआ पर यह संगठन अपने मूल उद्देश्यों से कभी नहीं भटका. हिन्दू युवा वाहिनी दलितों के साथ सहभोज जैसे कार्यक्रमों का आयोजन कर हिंदुत्व के विस्तार में लगा रहा. हिंदू युवा वाहिनी खुले तौर पर कभी भी राजनीति में सक्रिय नहीं हुई लेकिन हिंदू युवा वाहिनी से जुड़े कई नेता भाजपा के टिकट पर विधायक बने. फिलहाल हिंदू युवा वाहिनी की कार्यकारिणी निरस्त करने की कोई ठोस वजह सामने नहीं आई है. उम्मीद लगाई जा रहा कि जल्द ही नए सिरे से कार्यकारिणी का गठन होगा.
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Tags: Chief Minister Yogi Adityanath, CM Yogi Adityanath, Gorakhpur news, GorakshapeethFIRST PUBLISHED : August 03, 2022, 18:14 IST