Rapid Rail: बिना कंपन के सुरंग खोदने में माहिर है टीबीएम मशीन एक दिन में निकालती है 50 ट्रक मिट्टी
Rapid Rail: बिना कंपन के सुरंग खोदने में माहिर है टीबीएम मशीन एक दिन में निकालती है 50 ट्रक मिट्टी
Delhi-Meerut Rapid Rail: टीबीएम यानी टनल बोरिंग मशीन (Tunel Boring Machine) का नाम सुदर्शन रखा गया है, जो मेड इन इंडिया है. सुदर्शन टीबीएम मशीन कम समय में बड़ी से बड़ी सुरंग की खुदाई कर देती है.
रिपोर्ट-विशाल झा
गाजियाबाद. साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर तक रैपिड रेल के ट्रैक को तैयार करने के लिए निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. रैपिड रेल का संचालन हर हाल में मार्च 2023 तक चलाने का लक्ष्य रखा गया है. पहले चरण में दिल्ली से दुहाई के बीच रेलवे कॉरिडोर का निर्माण अपने फाइनल स्टेज में पहुंच गया है. रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (Regional Rapid Transit System) कॉरिडोर की कुल लंबाई 82 किमी है. इसमें 14 किमी का हिस्सा दिल्ली और 68 किलोमीटर का हिस्सा उत्तर प्रदेश में है.
दिल्ली में जंगपुरा, सराय काले खां, न्यू अशोक नगर और आनंद विहार चार स्टेशन हैं. इन चारो स्टेशन में से आनंद विहार स्टेशन से वैशाली तक रैपिड रेल अंडरग्राउंड ही रहेगी. बता दें कि आनंद विहार से वैशाली तक दो किमी लंबी पहली सुरंग का निर्माण किया जा रहा है. इस सुरंग का काम सितंबर तक पूरा होने की उम्मीद है. इसके अलावा आनंद विहार से वैशाली तक की दूसरी सुरंग की खुदाई का काम अगस्त से शुरू होने की भी संभावना है.
कैसे काम करती है टीबीएम मशीन
टीबीएम यानी टनल बोरिंग मशीन (Tunel Boring Machine ) बिल्कुल आधुनिक तरह से खुदाई करती है. इस टीबीएम मशीन का नाम सुदर्शन रखा गया है, जो मेड इन इंडिया है. सुदर्शन टीबीएम मशीन कम समय में बड़ी से बड़ी सुरंग की खुदाई कर देती है. इस टीबीएम मशीन को खुदाई शुरू करने से पहले असेंबल करना होता है. इस मशीन के कारण आसपास के इलाकों में किसी तरह का कंपन भी नहीं होता है.
• टीबीएम मशीन के तीन हिस्से होते हैं. सबसे आगे एक रोटेटिंग कटर (Rotating cutter ) लगा हुआ होता है जिससे खुदाई का काम किया जाता है. ये कटर बहुत सफाई से काम करते हैं.
• मशीन के दूसरे हिस्से को सपोर्ट बोल्ट (Support bolt) कहते हैं. इसका मेन काम खुदाई किए गए इलाकों को कंक्रीट की प्लेट से ढंकना होता है. जैसे ही कटर जमीन का हिस्सा काट देती है इसका दूसरा हिस्सा उस जगह कंक्रीट लगा देती है, जिससे आगे के काम में कोई रुकावट नहीं आती.
• टीबीएम का तीसरा भाग इसकी बैकबोन होता है, ऐसा इसलिए क्योंकि इस हिस्से की मदद से मिट्टी बहार निकाली जाती है. खुदाई के दौरान जो भी मिट्टी निकलती है वो सिलिंडर के जरिए एक मग तक पहुंचाई जाती है फिर वो मग ट्रेन से बहार खींच लिया जाता है.
एक मिनट में 5 एमएम मिट्टी खोदती है मशीन
न्यूज़ 18 लोकल को इंजीनियर ने बताया कि ये एक स्पेशल अर्थ प्रेसर बोरिंग मशीन है, जिससे एक मिनट में 5 एमएम मिट्टी खोदी जाती है. यह सुदर्शन मशीन मेड इन इंडिया है, जो एक दिन में 50 ट्रक मिट्टी बड़ी आसानी से खोद देती है. उम्मीद है कि रैपिड रेल का काम इस नई तकनीक की मशीनों के उपयोग से निर्माण कार्य समय पर पूरा हो जाएगा. (एनिमेटेड वीडियो साभार-Ncrtc)
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Tags: Delhi-Meerut RRTS Corridor, Ghaziabad NewsFIRST PUBLISHED : July 04, 2022, 17:51 IST