Ghaziabad House Tax: 2 लाख मकान मालिकों को देना पड़ेगा ज्यादा गृहकर जानें गाजियाबाद नगर निगम के नियम
Ghaziabad House Tax: 2 लाख मकान मालिकों को देना पड़ेगा ज्यादा गृहकर जानें गाजियाबाद नगर निगम के नियम
Ghaziabad Nagar Nigam: गाजियाबाद नगर निगम के जीआईएस सर्वे (Geographic Information System) के बाद अपने मकान को बढ़ाने या फिर बदलाव करने वालों लोगों पर गृहकर की ज्यादा मार पड़ने वाली है. गृहकर की जद में 2 लाख लोग आने वाले हैं.
रिपोर्ट- विशाल झा
गाजियाबाद. यूपी के गाजियाबाद नगर निगम ने जीआईएस सर्वे (Geographic Information System) के द्वारा ऐसे आवासीय मकानों और भवनों को चिन्हित किया है, जिन्होंने भवनों में 25 से 100 फीसदी तक बदलाव करके विस्तार किया है. इसके अलावा पिछले 15 साल से नगर निगम स्तर पर कोई सर्वे करवाकर भवनों की पैमाइश का सत्यापन नहीं कराया गया है. ऐसे में इन 15 सालों में कई भवनों में बड़े स्तर पर विस्तार हुआ है.
बहरहाल, शासन के निर्देश पर जब गाजियाबाद नगर निगम ने जीआईएस सर्वे करवाया तब इन बदले हुए भवनों की तरफ ध्यान गया और पता चला कि ऐसा कराने वाले करीब 2 लाख लोग हैं, जिन पर अब नगर निगम की ओर से टैक्स की मार पड़ने वाली है.
जानिए क्या है गृहकर निर्धारण का सिस्टम
दरअसल चिन्हित किए गए भवन के मालिकों को नगर निगम ने बढ़े हुए गृहकर भेजने शुरू कर दिए हैं. अभी गाजियाबाद नगर निगम में गृहकर निर्धारण के लिए ‘सेल्फ एसेसमेंट का सिस्टम’ मौजूद है. इस सेल्फ एसेसमेंट सिस्टम के तहत आवासीय भवन के मालिकों को अपने घरों की पैमाइश की जानकारी एक फॉर्म पर भर कर नगर निगम के संपत्ति कर विभाग में जमा करना होता है. फिर भवन मालिक की सूचना के आधार पर ही गृहकर का निर्धारण किया जाता है. नगर निगम के अधिकारी इन घरों की पैमाइश खुद जाकर नहीं करते हैं.इन बदलावों को भी नगर निगम द्वारा तीन श्रेणी में बांटा गया है.
>> पहली श्रेणी में उन भवनों को रखा गया है, जिनमें 25 फीसदी तक बदलाव किया हो.
>>दूसरी श्रेणी में उन भवनों को रखा गया है, जिनमें 25 से 50 फीसदी तक बदलाव किया गया हो.
>>तीसरी श्रेणी में उन भवनों को रखा गया है, जिनमें 50 से 24 दिन तक बदलाव किया गया हो. इन बदलाव के आधार पर ही इनके गृहकर निर्धारण किए गए हैं.
नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ संजीव सिन्हा ने न्यूज़ 18 लोकल को बताया कि जीआईएस सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर कर निर्धारण किया गया है. साथ ही भवन मालिकों को आपत्ति दर्ज कराने का भी मौका दिया गया है और इसके लिए उन्हें बिल मिलने के बाद 30 दिन तक की मोहलत भी दी गई है.वहीं, निर्धारण के आधार पर वसूली हुई तो नगर निगम को सालाना करीब 100 करोड़ रुपए की ज्यादा आमदनी हो सकती है.
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Tags: Ghaziabad District Administration, Ghaziabad NewsFIRST PUBLISHED : July 15, 2022, 18:14 IST