विदेश से करना है MBBS तो पढ़ लें एडवाजरी कहीं बेकार न हो जाए डिग्री
विदेश से करना है MBBS तो पढ़ लें एडवाजरी कहीं बेकार न हो जाए डिग्री
NEET UG Exam : विदेश से एमबीबीएस करने की चाह रखने वालों के लिए एनएमसी ने एडवाइजरी जारी की है. जिसमें कहा गया है कि यदि एनएमसी के नियम न मानने वाले मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लिया, तो MBBS की डिग्री भारत में बेकार हो जाएगी.
NEET UG Exam : आपकी योजना विदेश से MBBS की डिग्री लेने का है, तो आपके जरूरी खबर है. नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने विदेशी मेडिकल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से एमबीबीएस करना चाह रहे स्टूडेंट्स के लिए महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है. इसमें स्टूडेंट्स को उन विदेशी मेडिकल कॉलेजों और में दाखिला लेने को लेकर आगाह किया गया है,जो फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट लाइसेंशिएट्स (FMGL) पर खरे नहीं उतरते.
एनएमसी पहले भी इस तरह की एडवाइजारी कर चुका है. आयोग ने एक बार फिर से दोहराया है कि विदेश में मेडिकल एजुकेशन हासिल करने के इच्छुक स्टूडेंट्स को किसी भी विदेशी संस्थान में एमबीबीएस कोर्स में दाखिला लेने से पहले एफएमजीएल के नियमों का पालन सुनिश्चित करना जरूरी है.
एनएमसी की एडवाइजरी की मुख्य बातें -एमबीबीएस कोर्स की अवधि कम से कम 54 महीने की हो और उसी संस्थान में 12 महीने की इंटर्नशिप भी जरूरी है. -ट्रेनिंग सहित कोर्स की कुल अवधि 10 साल के भीतर पूरी की जानी जरूरी है. -विदेश से हासिल की गई डिग्री अंग्रजी में प्राप्त होनी चाहिए. -सिलेबस और क्लिनिकल ट्रेनिंग भारतीय MBBS कोर्स के बराबर होनी चाहिए. जिसमें सामान्य चिकित्सा, शल्य चिकित्सा, बाल रोग, मनोचिकित्सा, प्रसूति विज्ञान आदि विषय शामिल हों. -कोर्स के दौरान क्लिनिकल विषयों में हैंड्स ऑन ट्रेनिंग जरूरी है. -एनएमसी में आवेदन के बाद भारत में 12 महीने की इंटर्नशिप भी पूरी की होनी चाहिए. -विदेश से प्राप्त मेडिकल की डिग्री को उस देश के नियामक निकाय द्वारा मान्यता दी जानी चाहिए. -मेडिकल ग्रेजुएट को उस देश के नागरिकों के समान मेडिसिन प्रैक्टिस की अनुमति मिलनी चाहिए. -स्थायी पंजीकरण के लिए नेशनल एग्जिट टेस्ट पास करना जरूरी है.
तो नहीं मिलेगा डॉक्टरी का लाइसेंस
एडवाइजरी में कहा गया है कि कोर्स की अवधि, पढ़ने का मीडियम, सिलेबस, क्लिनिकल ट्रेनिंग जैसी FMGL 2021 की शर्तों का उल्लंघन होता है, तो ऐसी डिग्री से भारत में डॉक्टरी का लाइसेंस नहीं मिलेगा. दरअसल, एनएमसी ने पाया है कि पहले दी गई चेतावनियों के बावजूद भी कई स्टूडेंट्स ऐसे विदेशी निजी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन ले रहे हैं, जो एनएमसी की ओर से तय मानकों का पालन नहीं करते.
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Tags: Abroad Education, MBBS student, Neet examFIRST PUBLISHED : November 28, 2024, 14:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed