Basti: वॉल्टरगंज शुगर मिल पर किसानों का 62 करोड़ बकाया साल 2016 साल से नहीं हुआ भुगतान
Basti: वॉल्टरगंज शुगर मिल पर किसानों का 62 करोड़ बकाया साल 2016 साल से नहीं हुआ भुगतान
वाल्टरगंज चीनी मिल जब बंद हुई तो उस समय तक किसानों और वहां के सैकड़ों कर्मचारियों का 62 करोड़ रुपये से अधिक बकाया हो चुका था. यह रकम किसानों को आज तक नहीं मिली है. इसके लिए किसानों और कर्मचारियों के द्वारा कई बार धरना-प्रदर्शन किया गया, लेकिन जिम्मेदारों के द्वारा उनको आश्वासन देकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया
कृष्ण गोपाल द्विवेदी
बस्ती. उत्तर प्रदेश के बस्ती को कभी चीनी का कटोरा कहा जाता था. इसका कारण था कि यहां सबसे ज्यादा चीनी मिलें और उनके द्वारा निर्मित चीनी की क्वालिटी हुआ करती थी. बस्ती चीनी मिल, वाल्टरगंज चीनी मिल, मुड़ेरवा चीनी मिल और रूधौली चीनी मिल यहां प्रोड्यूस की गई चीनी अपने क्वालिटी को लेकर पूरे देश में मशहूर थी. लेकिन बस्ती में चीनी मिलों के बंद होने से यहां के साढ़े लाख किसानों की आय समाप्त हो गई. गन्ना उत्पादन ही यहां के किसानों की एकमात्र मुख्य नगदी फसल थी जिसको बेच कर वो अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, शादी-ब्याह और अन्य आवश्यक कार्य करते थे. लेकिन चीनी मिलों के बंद हो जाने से किसानों को दिहाड़ी मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का जीविकोपार्जन करना पड़ रहा है.
हालांकि बाद में मुड़ेरवा व रूधौली की चीनी मिलों को चालू कर दिया गया, लेकिन फिर भी किसानों को राहत नहीं मिल पाई है. वर्ष 2016 में फेनिल ग्रुप की वाल्टरगंज चीनी मिल घाटे के चलते बंद हो गई थी जिससे इस क्षेत्र के लाखों किसानों में उदासी छा गई थी.
वाल्टरगंज चीनी मिल जब बंद हुई तो उस समय तक किसानों और वहां के सैकड़ों कर्मचारियों का 62 करोड़ रुपये से अधिक बकाया हो चुका था. यह रकम किसानों को आज तक नहीं मिली है. इसके लिए किसानों और कर्मचारियों के द्वारा कई बार धरना-प्रदर्शन किया गया, लेकिन जिम्मेदारों के द्वारा उनको आश्वासन देकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.
इतने किसान हुए हैं प्राभावित
वाल्टरगंज चीनी मिल के बंद होने से उस क्षेत्र के लगभग ढाई लाख किसानों के आय का स्रोत खत्म हो गया है. खेती करने के बाद भी किसानों को दिहाड़ी मजदूरी कर के अपना और अपने परिवार का भरन-पोषण करना पड़ रहा है. वाल्टरगंज चीनी मिल कस्बे के पास रहने वाले किसान राम आसरे ने बताया कि चीनी मिल बंद होने से यहां के किसानों ने गन्ना उत्पादन करना बंद कर दिया है. किसी तरह मजदूरी कर के हम लोग अपनी जीवका चला रहे हैं.
बस्ती की जिलाधिकारी (डीएम) प्रियंका निरंजन ने बताया कि शासन के द्वारा वाल्टरगंज चीनी मिल की कुर्की की जा चुकी है और एसडीएम सदर शैलेश द्विवेदी के द्वारा वसूली की कार्रवाई की जा रही है. जल्द ही किसानों के गन्ने के बकाए का भुगतान किया जाएगा.
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Tags: Basti news, Sugar mill, Sugarcane Farmers, Up news in hindiFIRST PUBLISHED : November 01, 2022, 17:25 IST