ALIGARH: कसीबा दे रहीं हैंडमेड जूलरी को बढ़ावा इस कोर्स के बाद आप भी बना सकते हैं पहचान
ALIGARH: कसीबा दे रहीं हैंडमेड जूलरी को बढ़ावा इस कोर्स के बाद आप भी बना सकते हैं पहचान
कसीबा सिद्दीकी ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी यानी एएमयू से B-voc में फैशन डिजाइनिंग डिप्लोमा किया है. उन्होंने अपने हाथ से बनाई गई जूलरी की नुमाइश सेंटर प्वाइंट के चौराहे पर लगाईं हैं. इसके साथ-साथ कसीबा ने अपने करियर की शुरुआत हैंडमेड जूलरी से करने के उद्देश्य और उसकी इंपोर्टेंस भी बताया है
वसीम अहमद
अलीगढ़. आज के दौर में जूलरी मेकिंग केवल सुनारों का ही खानदानी काम नहीं रह गया है. आप भी गहने बनाने के काम में अपना भविष्य बना सकते हैं. पहली बार में थोड़े निवेश के साथ काम शुरू कर सकते हैं. जिस तरह जूलरी अब सिर्फ सोने-चांदी का नाम नहीं है. ठीक वैसे ही यह काम अब केवल सुनारों का नहीं रह गया है. जूलरी की बढ़ती डिमांड और बाजार में प्रतिस्पर्धा के चलते अब इस क्षेत्र में पढ़े-लिखे डिग्रीधारी प्रोफेशनल को काम करने का मौका मिलने लगा है.
इसी सोच लेकर कसीबा सिद्दीकी ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी यानी एएमयू से B-voc में फैशन डिजाइनिंग डिप्लोमा किया है. उन्होंने अपने हाथ से बनाई गई जूलरी की नुमाइश सेंटर प्वाइंट के चौराहे पर लगाईं हैं. इसके साथ-साथ कसीबा ने अपने करियर की शुरुआत हैंडमेड जूलरी से करने के उद्देश्य और उसकी इंपोर्टेंस भी बताया है.
हैंडमेड जूलरी में सुनहरा अवसर
कसीबा कहती हैं कि, अब वो दौर धीरे-धीरे जा रहा है जब लोग जूलरी को आवश्यकता की चीज यानी इन्वेस्टमेंट की नजर से ज्यादा और साज-सज्जा यानी श्रृंगार की सोच से कम खरीदा करते थे. आजकल लोग इन्वेस्टमेंट के साथ ही इस बात पर विशेष ध्यान देने लगे हैं कि वो जिस आभूषण को खरीद रहे हैं, उसका डिजाइन कैसा है और वो पहनने पर कैसा लगेगा. डिजाइन अच्छा होगा तो उसे पहनने वाले की सुंदरता में चार चांद लगेंगे.
उन्होंने कहा कि लोगों की इस सोच के चलते अब सोने-चांदी के अलावा आर्टिफिशियल और कॉस्टय़ूम जूलरी की भी बाजार में काफी डिमांड है. हालांकि जूलरी चाहे सोने-चांदी की हो या आर्टिफिशियल या कॉस्टय़ूम, दोनों को तैयार करने वालों को प्रशिक्षण एक ही तरह का दिया जाता है. आज कल के बदलते ट्रेंड और इस क्षेत्र में करियर के बेहतर मौके मिलने के चलते युवा इस ओर रुख कर रहे हैं.
जानिए क्यों बढ़ी हैंडमेड जूलरी की मांग
न्यूज़ 18 लोकल से बात करते हुए कसीबा ने हैंडमेड जूलरी की कुछ खास किस्म के बारे में भी जानकारियां साझा की. कसीबा बताती हैं कि उन्होंने लगभग एक साल पहले हैंडमेड जूलरी बनानी शुरू की थी, और अब तक वो विभिन्न प्रकार की जूलरी तैयार कर चुकी हैं. जूलरी में इस समय काफी वैराइटी बाजार में आ गई है. डेली रूटीन में पहनी जाने वाली जूलरी, शादी-विवाह और अन्य खास समारोह के लिए अलग जूलरी होती है. तो वहीं, कामकाजी महिलाएं भी अधिकतर लाइट जूलरी पहनना पसंद करती हैं. इसके चलते अब हैंडमेड जूलरी की मांग बढ़ गई है. इसे काफी पसंद किया जा रहा है.
आपको बताते हैं कि हैंडमेड जूलरी में बाजार में ग्राहकों के लिए क्या-क्या उपलब्ध है
एम्ब्रॉयडरी जूलरी
एम्ब्रॉयडरी जूलरी शादी-विवाह के फंक्शन में पहनी जाती है. यह कपड़ों पर की जाने वाली एम्ब्रॉयडरी से तैयार होती है. इसकी खासियत है कि यह दिखती भारी है, लेकिन पहनने में काफी हल्की होती है. इसलिए इसे काफी पसंद किया जा रहा है.
हैंडमेड फैंसी जूलरी
हैंडमेड फैंसी जूलरी रंग-बिरंगे मोतियों से बनती है. इस जूलरी को धागे में मोतियों को पिरोकर बनाया जाता है. यह हर रंग में उपलब्ध होती है और लुक भी एकदम बाजार में मिलने वाली जूलरी की तरह होता है.
वुडन से बनी जूलरी
वुडन से बनी जूलरी बाजार में इन दिनों काफी कॉमन है. यह खास कर ऑफिस गोइंग गर्ल्स के लिए ज्यादा अच्छी हैं. यह पहनने में हल्की होती हैं और लुक भी काफी क्लासी होता है. वुडन के इयर रिंग, बैंगल्स और नेकलेस बाजार में कम दाम पर उपलब्ध हैं. इसके अलावा ऑनलाइन भी यह जूलरी आसानी से मिल जाती है.
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Tags: Aligarh news, Jewellery companies, Up news in hindiFIRST PUBLISHED : September 26, 2022, 20:48 IST