पंजाब: कृषि विभाग में 1178 करोड़ के घोटाले का अंदेशा ईडी ने शुरू की जांच

हाल ही में हुए वन घोटाले के बाद राज्य के कृषि विभाग के लिए मुसीबत और बढ़ गई हैं. क्योंकि ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत सब्सिडी घोटाले की जांच शुरू कर पिछले महीने विभाग से रिकॉर्ड मांगा था.

पंजाब: कृषि विभाग में 1178 करोड़ के घोटाले का अंदेशा ईडी ने शुरू की जांच
एस. सिंह चंडीगढ़. पंजाब में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कृषि विभाग में फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनरी से जुड़े 1,178 करोड़ रुपये के कथित घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है. इस कार्रवाई से विभाग के कई अधिकारी और अन्य लोग मुश्किल में फंस गए हैं. इस घटना के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कृषि निदेशक से उन अधिकारियों और निजी व्यक्तियों की सूची मांगी है, जो कथित रूप से इस घोटाले में शामिल हैं. ईडी ने की अधिकारियों की खिंचाई हाल ही में हुए वन घोटाले के बाद राज्य के कृषि विभाग के लिए मुसीबत और बढ़ गई हैं. क्योंकि ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत सब्सिडी घोटाले की जांच शुरू कर पिछले महीने विभाग से रिकॉर्ड मांगा था. 14 जून को कृषि निदेशक गुरविंदर सिंह को लिखे पत्र में प्रवर्तन निदेशालय ने विवरण नहीं नहीं भेजने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों की खिंचाई की थी. गुरविंदर सिंह ने ट्रिब्यून को दिए एक बयान में पुष्टि की कि उन्हें ईडी से पत्र मिला है. ऐसे हुआ घोटाले का पर्दाफाश पंजाब के पूर्व कृषि मंत्री रणदीप सिंह नाभा ने 8 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर अपनी ही तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौरान हुए फसल अवशिष्ट मशीनरी से जुड़े 1,178 करोड़ रुपये के कथित घोटाले का पर्दाफाश किया था. उन्होंने पीएम से इसकी सीबीआई से जांच कराने की भी मांग की थी. नाभा ने दावा किया था कि पराली जलाने पर अंकुश लगाने के लिए फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) योजना के तहत मशीनरी खरीदने के लिए चार साल में 1,178 करोड़ रुपये की केंद्रीय सब्सिडी दी गई थी. लेकिन कागज पर लिखी मशीनरी जमीन पर नहीं मिली. पीएम को लिखे अर्ध-सरकारी पत्र में नाभा ने धन के गबन का आरोप लगाया था. नाभा ने दावा किया था कि एक मंत्री के रूप में उन्हें मशीनरी का कोई विवरण नहीं दिया गया था. नाभा को नहीं दिया गया था रिकॉर्ड पूर्व कृषि मंत्री रणदीप सिंह नाभा ने बताया कि जब मैंने विभाग का कार्यभार संभाला और समीक्षा की तो मुझे पता चला कि भारत सरकार ने 2018-19 से 2021-22 तक सीआरएम योजना के तहत 1,178.47 करोड़ रुपये भेजे थे. उन्होंने कहा कि 8 नवंबर 2021 को हर प्रत्येक जिले के लिए योजना और धन के बंटवारे के बारे में जानकारी मांगी. लेकिन उन्हें कोई डेटा प्रदान नहीं किया गया. वित्तीय आयुक्त (कृषि) के साथ इस मामले पर चर्चा करने के बाद भी कोई जानकारी नहीं दी गई. कैबिनेट को भी दी थी जानकारी पूर्व मंत्री ने आगे बताया कि इस मुद्दे पर कैबिनेट में भी चर्चा हुई थी. लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. मैंने कैबिनेट बैठक में तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को एक प्रस्ताव सौंपा था. लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Congress Government, Enforcement directorate, PunjabFIRST PUBLISHED : June 24, 2022, 14:28 IST