पंजाब: करोड़ों के स्कॉलरशिप घोटाले में होगी बड़ी कार्रवाई सीएम भगवंत मान ने मंगवाई फाइलें
पंजाब: करोड़ों के स्कॉलरशिप घोटाले में होगी बड़ी कार्रवाई सीएम भगवंत मान ने मंगवाई फाइलें
2019 में तत्कालीन सामाजिक न्याय मंत्री साधु सिंह धर्मसोत के कार्यकाल के दौरान तब के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति के वितरण में 55.71 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था. दावा किया गया कि निजी संस्थानों को 16.91 करोड़ रुपये गलत तरीके से वितरित कर दिए गए. अब सीएम भगवंत मान ने इससे संबंधित सारी विभागीय फाइलें अपने पास मंगवा ली हैं.
(एस. सिंह)
चंडीगढ़: सामाजिक न्याय विभाग में अनुसूचित जाति पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप में कथित तौर पर हुए करोड़ों के घोटाले में सरकार बड़ी कार्रवाई करने के मूड में है. सीएम भगवंत मान ने इस संबधी सारी विभागीय फाइलें अपने पास मंगवा ली हैं. इस मामले में पूर्व मंत्री साधु सिंह धर्मसोत की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं जो पहले से ही वन विभाग में हुए कथित घोटाले के मामले में जेल में हैं. वह उस समय सामाजिक न्याय विभाग के मंत्री भी थे.
9 संस्थान जांच के दायरे में
सरकार ने सामाजिक न्याय विभाग में एससी पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत धन के वितरण से संबंधित करोड़ों के घोटाले में शामिल दोषी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. सीएम भगवंत मान ने विभाग से उन फाइलों को तलब किया है जिनमें शिक्षण संस्थानों को जारी किए गए फंड्स का ब्यौरा है. सत्ता में आने से पहले आम आदमी पार्टी स्कॉलरशिप के वितरण में हुई कथित गड़बड़ियों की जांच के लिए मुखर रही थी, लेकिन अब इस पर धरातल पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. सूत्रों के मुताबिक अब सरकार जल्द उन नौ संस्थानों को भी कारण बताओ नोटिस जारी करेगी, जो 16.91 करोड़ रुपये के गलत वितरण में शामिल हैं.
2019 में सामने आया था घोटाला
यह घोटाला 2019 में तत्कालीन सामाजिक न्याय मंत्री साधु सिंह धर्मसोत के कार्यकाल के दौरान सामने आया था. तब तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव (सामाजिक न्याय) कृपा शंकर सरोज ने अपनी रिपोर्ट में अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति के वितरण में 55.71 करोड़ रुपये के कथित घोटाले का आरोप लगाया था. दावा किया गया था कि निजी संस्थानों को 16.91 करोड़ रुपये गलत तरीके से वितरित किए गए थे. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पहले से ही इस घोटाले की जांच कर रही है.
पूर्व चन्नी सरकार ने रोकी थी FIR
पंजाब की पिछली चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 1 जनवरी 2022 को इस मामले में 50 करोड़ रुपये और उससे अधिक की वसूली का सामना कर रहे संस्थानों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का फैसला किया था. बताया गया था कि बाद में गलती से जारी की गई राशि की वसूली की जा सकती है. चन्नी सरकार के फैसले से करीब 70 संस्थानों को राहत मिली थी.
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Tags: Bhagwant Mann, PunjabFIRST PUBLISHED : July 13, 2022, 15:42 IST