PM मोदी राष्ट्र को समर्पित करेंगे स्मृतिवन भुज भूकंप में जान गंवाने वालों की याद में बना है ये म्यूजियम जानें खासियतें
PM मोदी राष्ट्र को समर्पित करेंगे स्मृतिवन भुज भूकंप में जान गंवाने वालों की याद में बना है ये म्यूजियम जानें खासियतें
इस परियोजना में कई खूबसूरत चीजें है. यहां बने खूबसूरत सिमूलेटर थिएटर में हिलने-डोलने वाली फ्लोर है. इसके साथ ही यहां पर खास तरह की लाइटें लगाई गई हैं, जो यहां आने वालों को 2001 के भूकंप के कंपन की यादों को ताजा करेगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 अगस्त को कच्छ इलाके के भुज में निर्मित स्मृतिवन का उद्घाटन करेंगे. यह म्यूजियम 26 जनवरी 2001 को आए भूकंप में जान गंवाने वाले लोगों को समर्पित है. 2001 की आपदा के बाद इस क्षेत्र में व्यापक बदलाव हुआ है. आज यह क्षेत्र अपने विकास के लिए दुनिया में पहचाना जा रहा है. इस आपदा के वक्त नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. आपदा के बाद उन्होंने इस क्षेत्र के विकास के लिए खूब काम किया. बतौर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही इस म्यूजियम को बनवाने की बात कही थी.
मौजूदा वक्त में गुजरात के मुख्यमंत्री भुपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने इस प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने के लिए लगातार काम किया. स्मृतिवन में यह म्यूजियम लोगों के आकर्षण का केंद्र रहेगा.
इस परियोजना में कई खूबसूरत चीजें है. यहां बने खूबसूरत सिमूलेटर थिएटर में हिलने-डोलने वाली फ्लोर है. इसके साथ ही यहां पर खास तरह की लाइटें लगाई गई हैं, जो यहां आने वालों को 2001 के भूकंप के कंपन की यादों को ताजा करेगी.
स्मृतिवन मेमोरियल प्रोजेक्ट करीब 470 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. यह भुज के भुजियो डुंगर में बना है. इस म्यूजियम में 8 ब्लॉक हैं. इनके नाम हैं- पुनर्जन्म, पुनर्खोज, पुनर्स्थापना, पुनर्निर्माण, पुनर्सोच, पुर्नजीवन और पुनर्नवा.
नाम के हिसाब से हर ब्लॉक में दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण है. इतना ही नहीं 2001 के भूकंप के बाद भुज में जीवन पटरी पर लौटने के बारे में प्रेजेंटेशन होगा. साथ ही बेहद समृध हड़प्पा संस्कृति, भूगर्भ विज्ञान, विरासत, संस्कृति और गुजरात की भी चर्चा होगी.
वर्चुअल रियलिटी, इंटेरेक्टिव प्रोजेक्शन
दर्शकों को विश्व स्तरीय अनुभव प्रदान करने के लिए 50 ऑडियो विजुअल मॉडल, होलोग्राम, इंटरेक्टिव प्रोजेक्शन और वर्चुअल रियलिटी का उपयोग किया गया है. साथ ही लोग जीवाश्म प्रदर्शनी की एक झलक भी देख सकते हैं.
डिजिटल फ्लेम के जरिए श्रद्धांजलि
यह गैलरी दर्शकों को आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति सम्मान जताने का एक तरीका है. यहां टच पैनल के माध्यम से एक डिजिटल लौ जलाकर श्रद्धांजलि दी जा सकती है.
स्थानीय पत्थर का इस्तेमाल
म्यूजियम की दीवारें और फ्लोर बनाने के लिए भुज के स्थानीय पत्थर का इस्तेमाल किया गया है. इससे म्यूजियम की खूबसूरती और बढ़ जाती है.
470 एकड़ में फैला है स्मृतिवन
स्मृतिवन मेमोरियल प्रोजेक्ट 470 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. यह कच्छ के भुज इलाके के भुजियो डुंगर में बना है. अभी इस परियाजा के पहले चरण में 170 एकड़ क्षेत्र को विकसित किया जा रहा है. इसमें 50 चेक एम्स, सन प्वाइंट और पाथवे हैं, जो 8 किमी लंबे हैं. इसके अंदर 1.2 किमी लंबी सड़क है. इसमें 300 साल से अधिक पुराने किले की दीवारों को संवारा गया है. इसमें एक मेगावाट का सोलर प्लांट लगा है जो 3000 से अधिक दर्शकों के लिए उपयुक्त है. भूकंप म्यूजियम 11,500 वर्ग मीटर में फैला हुआ है. यहां भूकंप में मारे गए 12,932 लोगों के नेम प्लेट लगे हैं.
ग्लोबल म्यूजियम जापान और दक्षिण अफ्रीका में आए भूकंप को समर्पित हैं. जापान में बने कोब भूकंप म्यूजियम वहां की आपदा में बच गए लोगों को समर्पित है. इसमें पुनर्निर्माण की एक झलक दिखाई गई है. दक्षिण अफ्रीका के तुलभाग म्यूजियम को भूकंप के अनुभव के बारे में बताने के लिए बनाया गया है. यहां स्थानीय लोग ऑडियो-विजुअल प्रेजेंटेशन के बारे में अपने अनुभव साझा करते हैं. इसी तरह भुज का म्यूजियम न केवल भारत बल्कि दुनिया के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा.
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Tags: Gujarat, PM ModiFIRST PUBLISHED : August 24, 2022, 18:20 IST