सांस्कृतिक विरासत की जड़ों से जुड़ी रहे युवा पीढ़ी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदाई भाषण की 10 बड़ी बातें
सांस्कृतिक विरासत की जड़ों से जुड़ी रहे युवा पीढ़ी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदाई भाषण की 10 बड़ी बातें
President Ramnath Kovind Farewell Speech: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज शाम अपने कार्यकाल के आखिरी दिन देशवासियों को संबोधित किया. इस अवसर पर उन्होंने इस सर्वोच्च पद पर देश की सेवा करने के लिए जनता और जनप्रतिनिधियों का आभार जताया. उन्होंने कहा कि, इस मुकाम के लिए मैं अपने देश की जीवंत लोकतांत्रिक व्यवस्था की शक्ति को शत-शत नमन करता हूं.
नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन आज शाम देशवासियों को संबोधित किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि, देश की जनता ने 5 साल पहले मुझ पर भरोसा जताया था और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के माध्यम से मुझे राष्ट्रपति चुना गया. इसके लिए मैं सभी का आभार जताता हूं.
आइये जानते हैं राष्ट्रपति के विदाई भाषण की 10 बड़ी बातें जो उन्होंने से देशवासियों को संबोधित करते हुए कही. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंन ने कहा कि, छोटे से गांव और अति साधारण परिवार में पला-बढ़ा रामनाथ कोविंद आज देशवासियों को संबोधित कर रहा है. इसके लिए मैं अपने देश की जीवंत लोकतांत्रिक व्यवस्था की शक्ति को शत-शत नमन करता हूं. उन्होंने कहा, अपनी जड़ों से जुड़े रहना भारतीय संस्कृति की विशेषता है. मैं युवा पीढ़ी से अनुरोध करूंगा कि अपने गांव या नगर तथा अपने विद्यालयों और शिक्षकों से जुड़े रहने की परंपरा को आगे बढ़ाते रहें. मेरा दृढ़ विश्वास है कि 21 वीं सदी को भारत की सदी बनाने की दिशा में हमारा देश सक्षम हो रहा है. हमारे पूर्वजों और आधुनिक राष्ट्र निर्माताओं ने कठिन परिश्रम और सेवा भावना के द्वारा जिन आदर्शों को स्थापित किया है हमें केवल उनके पदचिन्हों पर आगे बढ़ते रहना है. 19वीं शताब्दी के दौरान पूरे देश में पराधीनता के विरुद्ध अनेक विरोध और विद्रोह हुए. देशवासियों में नई आशा का संचार करने वाले आजादी के अधिकांश नायकों के नाम भुला दिए गए. लेकिन अब उनकी वीर-गाथाओं को आदर सहित याद किया जा रहा है. तिलक और गोखले से लेकर भगत सिंह और नेताजी सुभाष चन्द्र बोस तक, पंडित नेहरू, सरदार पटेल और श्यामा प्रसाद मुकर्जी से लेकर सरोजिनी नायडू तक अनेक विभूतियों का सिर्फ एक ही लक्ष्य के लिए तत्पर होना मानव इतिहास में कहीं नहीं देखा गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, मैंने पूरी योग्यता से अपने दायित्वों का निर्वहन किया. डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, एस. राधाकृष्णन और एपीजे अब्दुल कलाम जैसी महान विभूतियों का उत्तराधिकारी होने के नाते में बहुत सचेत रहा. जलवायु परिवर्तन का संकट पृथ्वी के भविष्य के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है. हमें अपने बच्चों की खातिर अपने पर्यावरण, जमीन, हवा और पानी का संरक्षण करना है. संविधान सभा में पूरे देश का प्रतिनिधित्व करने वाले अनेक महानुभावों में हंसाबेन मेहता, दुर्गाबाई देशमुख, राजकुमारी अमृत कौर तथा सुचेता कृपलानी सहित 15 महिलाएं भी शामिल थीं. इससे पहले शनिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के सेंट्रल हॉल में सांसदों को संबोधित करते राजनीतिक दलों से राष्ट्रहित में दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लोगों के कल्याण के लिए काम करने की अपील की थी. राष्ट्रपति ने सांसदों से विरोध जताने के संवैधानिक तरीके अपनाने, शांति और सद्भाव के मूल्यों के साथ-साथ संवाद की आवश्यकता पर जोर देने को कहा.
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Tags: President of India, President Ramnath KovindFIRST PUBLISHED : July 24, 2022, 21:10 IST