2047 तक स्वाधीनता सेनानियों के सपनों को पूरी तरह साकार कर लेंगे: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
2047 तक स्वाधीनता सेनानियों के सपनों को पूरी तरह साकार कर लेंगे: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
शाम 7 बजे से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपना संबोधन शुरू किया और इसका प्रसारण आकाशवाणी के सभी राष्ट्रीय नेटवर्क और दूरदर्शन के सभी चैनलों पर किया गया. अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि 76 वें स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को मैं हार्दिक बधाई देती हूं.
नई दिल्ली. नव-निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुंर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया. राष्ट्रपति पद संभालने के बाद यह पहला मौका था जब उन्होंने देश को संबोधित किया. शाम 7 बजे से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपना संबोधन शुरू किया और इसका प्रसारण आकाशवाणी के सभी राष्ट्रीय नेटवर्क और दूरदर्शन के सभी चैनलों पर किया गया. अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि 76 वें स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को मैं हार्दिक बधाई देती हूं. इस गौरवपूर्ण अवसर पर आपको संबोधित करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है. एक स्वाधीन देश के रूप में भारत 75 साल पूरे कर रहा है. आइए हम आपको बताते हैं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन की 10 प्रमुख बातें.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमारा संकल्प है कि वर्ष 2047 तक हम अपने स्वाधीनता सेनानियों के सपनों को पूरी तरह साकार कर लेंगे. इसी काल-खंड में हम बाबासाहब भीमराव आम्बेडकर के नेतृत्व में संविधान का निर्माण करने वाली विभूतियों के vision को साकार कर चुके होंगे.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश के नाम अपने संबोधन में कहा कि लोकतंत्र की वास्तविक क्षमता का पता लगाने में दुनिया की मदद करने का श्रेय भारत को दिया जा सकता है.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि दुनिया ने हाल के वर्षों में एक नए भारत को उभरते हुए देखा है, खासकर COVID-19के प्रकोप के बाद. इस महामारी का सामना हमने जिस तरह किया है उसकी सर्वत्र सराहना की गई है. हमने देश में ही निर्मित वैक्सीन के साथ मानव इतिहास का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि महामारी ने पूरे विश्व में मानव-जीवन और अर्थ-व्यवस्थाओं पर कठोर प्रहार किया है. जब दुनिया इस गंभीर संकट के आर्थिक परिणामों से जूझ रही थी तब भारत ने स्वयं को संभाला और अब पुनः तीव्र गति से आगे बढ़ने लगा है.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमारे पास जो कुछ भी है वह हमारी मातृभूमि का दिया हुआ है. इसलिए हमें अपने देश की सुरक्षा, प्रगति और समृद्धि के लिए अपना सब कुछ अर्पण कर देने का संकल्प लेना चाहिए. हमारे अस्तित्व की सार्थकता एक महान भारत के निर्माण में ही दिखाई देगी.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि जब हम स्वाधीनता दिवस मनाते हैं तो वास्तव में हम अपनी ‘भारतीयता’ का उत्सव मनाते हैं. हमारा भारत अनेक विविधताओं से भरा देश है. परंतु इस विविधता के साथ ही हम सभी में कुछ न कुछ ऐसा है जो एक समान है. यही समानता हम सभी देशवासियों को एक सूत्र में पिरोती है.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमारे देश की बहुत सी उम्मीदें हमारी बेटियों पर टिकी हुई हैं. समुचित अवसर मिलने पर वे शानदार सफलता हासिल कर सकती हैं. अनेक बेटियों ने हाल ही में सम्पन्न हुए राष्ट्रमंडल खेलों में देश का गौरव बढ़ाया है.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत के नए आत्म-विश्वास का स्रोत देश के युवा, किसान और सबसे बढ़कर देश की महिलाएं हैं. अब देश में स्त्री-पुरुष के आधार पर असमानता कम हो रही है. महिलाएं अनेक रूढ़ियों और बाधाओं को पार करते हुए आगे बढ़ रही हैं.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज देश में स्वास्थ्य, शिक्षा और अर्थ-व्यवस्था तथा इनके साथ जुड़े अन्य क्षेत्रों में जो अच्छे बदलाव दिखाई दे रहे हैं उनके मूल में सुशासन पर विशेष बल दिए जाने की प्रमुख भूमिका है.भारत में आज संवेदनशीलता एवं करुणा के जीवन-मूल्यों को प्रमुखता दी जा रही है, इन जीवन-मूल्यों का मुख्य उद्देश्य हमारे वंचित, जरूरतमंद तथा समाज के हाशिये पर रहने वाले लोगों के कल्याण हेतु कार्य करना है: राष्ट्रपति मुर्मू
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Tags: 15 August, Draupadi murmuFIRST PUBLISHED : August 14, 2022, 19:48 IST