महाकाल के दरबार में दिवाली की अद्भुत शुरुआत देखें भस्म आरती का खास वीडियो
महाकाल के दरबार में दिवाली की अद्भुत शुरुआत देखें भस्म आरती का खास वीडियो
Mahakal Mandir Bhasam Aarti: महाकाल के दरबार में दिवाली की शुरुआत भस्म आरती से हुई, जिसमें एक फूलजड़ी जलाकर परंपरा निभाई गई. यह वीडियो महाकाल मंदिर में दिवाली के अनोखे आयोजन को दर्शाता है, जो श्रद्धालुओं के लिए खास अनुभव प्रदान करता है. इस धार्मिक उत्सव की झलक पाने के लिए इसे जरूर देखें.
उज्जैन. विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी में हर पर्व बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है. दीपावली की सुबह उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में आज सुबह भस्म आरती में देश की सबसे पहले दीपावली मनाई गई, यहां पुजारी परिवार की महिलाओं ने बाबा महाकाल को हल्दी चंदन का उबटन लगाया, जिसके बाद गर्म जल से उन्हें स्नान कराया गया. महाकाल को सोने-चांदी के आभूषणों से शृंगार किया गया. इसके बाद पंडे-पुजारियों ने बाबा महाकाल को नए वस्त्र पहनाएं, इसके बाद अन्नकूट का भोग लगाकर फुलझड़ी से बाबा की आरती की गई.
महाकाल मंदिर में सबसे पहले मनाया जाता है हर त्योहार
महाकाल को उज्जैन का राजा माना जाता है, ऐसे शहर के लोग सभी त्योहार सबसे पहले यहां मनाते हैं. दीपावली, होली, राखी सभी त्योहार भस्म आरती में ही महाकाल के आंगन में मनाए जाते हैं.
भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु
महाकाल मंदिर में दीपावली के दिन हुई भस्म आरती के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु रात 11 बजे से ही मंदिर यहां पहुँच गए थे. बाबा महाकाल के दरबार मे रोजाना 6 आरती होती है. लेकिन भस्म आरती जिसमे प्रसिद्ध है. दिवाली के दिन भगवान महाकाल के दरबार मे भस्म आरती मे फूलजड़ी जला कर पुरे भारत वर्ष मे दिवाली की शुरुआत होती है. इसलिए भक्त बाबा महाकाल के साथ सबसे पहले दिवाली मनाने आते है.
महाकाल को लगाता हैं सबसे पहले अन्नकूट
महाकालेश्वर मंदिर में अन्नकूट की परंपरा भी सबसे पुरानी है. यहां पर सबसे पहले अन्नकूट लगाया जाता है, जिसके बाद देश भर के मंदिरों में अन्नकूट लगता है. महाकालेश्वर मंदिर दर्शन करने आए श्रद्धालु प्रीति शर्मा ने बताया कि, भगवान महाकाल के साथ भस्म आरती में दीपावली पर मनाने का जो अवसर मिला है. उसे वे जीवन भर नहीं भूल पाएंगी. उन्होंने यह भी बताया कि, भक्त और भगवान के बीच त्यौहार मनाने की परंपरा काफी पुरानी है. आज बाबा के दर्शन कर ध्न्य हो गयी.
रोजाना की तरह श्रृंगार में भगवान का रूप निखारा गया
रोजाना की तरह उज्जैन के राजा बाबा भूतभावन महाकाल के सुबह तड़के 4 बजे मंदिर के कपाट खोले गए. पुजारी ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक और दूध, दही, घी, शक्कर फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया.उज्जैन के राजा भगवान महाकाल को कपूर आरती कर भोग लगाया गया. मंत्रोच्चर के साथ भगवान को भांग, चन्दन, सिंदूर और आभूषण अर्पित किए गए.
अब गर्म जल से स्नान करेंगे महाकाल
पुजारी महेश शर्मा ने लोकल 18 को बताया सुबह 4 बजे भस्म आरती के दौरान स्नान के बाद कार्तिक मास की चौदस से ठंड की शुरुआत मानी जाती है, इसलिए आज से महाशिवरात्रि तक महाकाल को गर्म जल से स्नान कराया जाएगा.भगवान महाकाल मृत्यु लोक के राजा माने जाते हैं. दीपावली पर महाकाल को अन्नकूट लगता है. इसमें धान, खाजा, शक्कर पारे, गूंजे, पपड़ी, मिठाई समेत भोग की थाली में मूली, बैंगन की सब्जी अर्पित की गई.
Tags: Latest hindi news, Local18, Madhya pradesh news, Ujjain Mahakal, Ujjain mahakal mandir, Ujjain newsFIRST PUBLISHED : October 31, 2024, 07:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed