ऐतिहासिक है मेरठ के ये 5 स्थल जहां मौजूद हैं प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के सबूत
ऐतिहासिक है मेरठ के ये 5 स्थल जहां मौजूद हैं प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के सबूत
10 मई 1857 को प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की मेरठ से शुरूआत हुई थी, तो मेरठ में ऐसे काफी स्थल हैं जो आज भी क्रांति को जीवित किए हुए हैं. वरिष्ठ इतिहासकार प्रोफेसर डॉ नवीन गुप्ता के अनुसार मेरठ का सूरजकुंड पार्क, विक्टोरिया पार्क, सदर थाना, राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय, औघड़नाथ मंदिर प्रमुख केंद्र है.
रजनीश यादव/ प्रयागराज: युवाओं में वर्दी पहनने को लेकर एक अलग प्रकार का जुनून देखने को मिलता है. चाहे वह उत्तर प्रदेश पुलिस की भर्ती हो या आर्मी में जाने का मौका हो. वर्दी की चाह रखने वाले प्रतियोगी छात्र इसके लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं. इन सब में दरोगा युवाओं की पहली पसंद होती है. अगर आप भी दरोगा बनने की इच्छा रखते हैं ,तो सुपर क्लाइमैक्स एकेडमी प्रयागराज के गणित विषय के फेमस टीचर मारूफ सर से कुछ आसान टिप्स को जान लें. जिससे दरोगा भर्ती में आपके सफल होने के चांस बढ़ जाएंगें.
बेसिक करें मजबूत
सुपर क्लाइमैक्स अकादमी प्रयागराज के टीचर मारूफ सर का प्रयागराज में एक निजी कोचिंग संस्था है, जहां वह बच्चों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करवाते हैं. मारूफ सर बताते हैं कि दरोगा भर्ती में सफलता पाने के लिए प्रतियोगी छात्रों को अपने बेसिक पर फोकस करना चाहिए. जिस प्रकार बड़ी-बड़ी बिल्डिंग नीव पर खड़ी होती हैं. ठीक वैसे ही दरोगा की तैयारी में भी बेसिक का रोल सबसे ज्यादा होता है. बेसिक तैयार करने में दसवीं तक की पढ़ाई का अहम रोल होता है. अगर छात्र दसवीं तक की पढ़ाई ईमानदारी पूर्वक किया है, तो उसका बेसिक मजबूत होता है. ऐसे विद्यार्थी को दरोगा परीक्षा में सवाल हल करने में आसानी होता है.
प्रीवियस ईयर पेपर को पांच बार करें हल
दरोगा भर्ती में पिछले पांच परीक्षाओं का प्रीवियस ईयर क्वेश्चन पेपर सेट कम से कम पांच बार प्रतियोगी छात्रों को हल करके ही परीक्षा हाल में जाना चाहिए. इससे परीक्षा में आने वाले प्रश्नों को हल करने में ज्यादा समस्या नहीं आती है. कभी-कभी तो ऐसा होता है की हूबहू वही क्वेश्चन परीक्षा में आ जाते हैं, वहीं गणित विषय में सेम प्रश्न पर बस अंकों का फेर बदल किया जाता है. जबकि सॉल्व करने का मेथड वही होता है.
सिलेबस के अनुसार करें पढ़ाई
दरोगा के पेपर में मैथ ,रीजनिंग ,सामान्य ज्ञान ,सामान्य हिंदी एवं आईपीसी ,सीआरपीसी से ही प्रश्न आते हैं. ऐसे में प्रतियोगी छात्रों को दिए गए सिलेबस को अच्छे से तैयार करना चाहिए. सिलेबस तैयार होने से छात्रों के अंदर एक आत्मविश्वास उभर कर आता है ,जिसका फायदा उनको परीक्षा हाल में मिलता है.
एक माध्यम को करें सेलेक्ट
मारूफ सर बताते हैं कि परीक्षा के दौरान छात्र ऑनलाइन ऑफलाइन के चक्कर में कंफ्यूज हो जाते हैं. ऐसे में तैयारी करते समय उनको एक ही माध्यम को चुनना चाहिए. छात्रों को कोशिश करनी चाहिए कि अधिकतम वह ऑफलाइन बैच में ही पढ़ाई करें, जहां उनका शिक्षक से सीधा संवाद हो सकें. ऑनलाइन में छात्रों के भटकने के कई साधन है. बच्चे बीच-बीच में रील और मैसेज देखने लगते हैं. जिसके वजह से पढ़ाई में उनका मन नहीं लगता है.
अभ्यास का होता है अहम रोल
परीक्षा हाल में जाने से पहले छात्रों को दरोगा के प्रीवियस ईयर क्वेश्चन सेट को सॉल्व तो कर ही लेना चाहिए. इसके साथ ही किसी कोचिंग संस्था से जुड़कर वहां चल रहे प्रैक्टिस सेट को जरूर हल करना चाहिए. इससे छात्रों का लगातार अभ्यास बना रहता है एवं प्रश्नों के सूत्रों को भूलने की संभावना कम हो जाती है. लगातार अभ्यास करने से छात्रों के अंदर एक प्रश्न बनाने की क्षमता भी विकसित हो जाती है. जिससे परीक्षा में आए प्रश्नों को अपने अनुसार हल करने में माहिर हो जाते हैं.
Tags: Allahabad news, Local18FIRST PUBLISHED : May 8, 2024, 12:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed