मंदिर जाने से नहींइस काम से खुश होते हैं भगवान जानिए क्या बोले प्रेमानंद

वृंदावन के प्रख्यात संत प्रेमानंद महाराज का कहना है कि मंदिर जाने की कोई आवश्यकता नहीं है. अगर आपको भगवान ढूंढना है, तो आप अपने माता-पिता के नित्य रोज दर्शन करें. उन्हें आदर सम्मान से उनके चरण छूकर उन्हें प्रसन्न रखें. माता-पिता के चरण स्पर्श करने से और उनकी सेवा करने से मंदिर जाने से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है. 

मंदिर जाने से नहींइस काम से खुश होते हैं भगवान जानिए क्या बोले प्रेमानंद
वाराणसी. काशी रहस्यों की खान है और काशी के रहस्यों को समझना आसान नहीं है. यहां हर छोटी से छोटी चीजों में बड़े रहस्य छिपे हैं. ऐसा ही एक रहस्यमयी मंदिर है पिता महेश्वर का जिसे ढूढ़ लिया तो समझो आपको महादेव के दर्शन हो गए. चौक के तंग गलियों में मकानों से बीच एक छोटे से छिद्र से हर रोज सैकड़ो लोग पिता महेश्वर का जलाभिषेक करते हैं. वैसे को पत्थर से बना ये 1.5 फीट का छिद्र आम छिद्र जैसा ही है. लेकिन इससे आपको पाताल लोक में विराजे पिता महेश्वर के दर्शन होते हैं. सावन का महीना हो या सोमवार हर दिन इसी छिद्र से भक्त बाबा का दर्शन और जलाभिषेक करते हैं. साल में सिर्फ एक दिन महाशिवरात्रि पर यह मंदिर खुलता है. बिना आरती के बंद होता है मंदिर मंदिर के महंत परिवार के सदस्य अंकित मिश्रा ने बताया कि पिता महेश्वर जमीन से 40 फीट नीचे विराजमान हैं. दिन में सिर्फ एक बार उन्हें ही मंदिर जाने की इजाजत है वो भी महज कुछ सेकेंड के लिए. हर दिन पिता महेश्वर को सिर्फ एक बेलपत्र और जल चढ़ाया जाता है और फिर बिना आरती या किसी शोर के मंदिर को बंद कर दिया जाता है. साल में सिर्फ इस दिन खुलता है मंदिर अंकित मिश्रा ने बताया कि पिता महेश्वर का तेज इतना है कि हर दिन साक्षात उनका कोई दर्शन नहीं कर सकता है. इसलिए साल में सिर्फ एक बार महाशिवरात्रि के दिन उनका मंदिर खोला जाता है और विधिवत रुद्राभिषेक और पूजा की जाती है. ऐसे काशी में विराजमान हुए पिता महेश्वर अंकित मिश्रा ने बताया कि पुराणों में ऐसा वर्णन है कि पिता महेश्वर बाबा विश्वनाथ के पिता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार जब काशी में सभी देवी देवता आये तो महादेव अपने पिता को न देख दुखी हो गए. जिसके बाद सभी देवी-देवताओं ने उनका आह्वान किया जिसके बाद पिता महेश्वर प्रकट हुए और शिवलिंग रूप में यहां विराजमान हो गए. शिव पुराण, काशी खंडोक्ट जैसे धार्मिक पुस्तकों में इसका उल्लेख है. Tags: Dharma Aastha, Local18, Religion 18, Uttar Pradesh News Hindi, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : August 5, 2024, 15:15 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed