शिवराज सरकार छह साल बाद 350 लाख सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन पर रोक हटाएगी नियम तैयार

विधानसभा चुनावों में कर्मचारियों की नाराजगी से बचने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने पदोन्नति नियम 2022 तैयार कर लिए हैं. अब प्रमोशन मेरिट-कम-सीनियरिटी के आधार पर होगा. हालांकि सबसे पहले, आरक्षित वर्ग को प्रमोशन का मौका दिया जाएगा.

शिवराज सरकार छह साल बाद 350 लाख सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन पर रोक हटाएगी नियम तैयार
हाइलाइट्सहाईकोर्ट ने 30 अप्रैल 2016 को 2002 के भर्ती नियमों में लागू आरक्षण रोस्टर को रद्द कर दिया था. तब से प्रमोशन में आरक्षण और प्रमोशन पर रोक लगी है. सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर 17 अगस्त को सुनवाई है. 2016 से अब तक 70 हजार सरकारी कर्मचारी बिना प्रमोशन के रिटायर हो चुके हैं. भोपाल. नगरीय निकायों और पंचायत चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन पर सवाल उठ रहे हैं. इसी बीच संघ के सर्वे ने भी शिवराज सरकार की नींद उड़ा दी है. लिहाजा डैमेज कंट्रोल करने के लिए अब सरकार ने अपना पिटारा खोल दिया है. सबसे पहले, मध्यप्रदेश सरकार कर्मचारियों को साधने में जुट गई है. महंगाई भत्ता बढ़ाने के बाद अब सरकार कर्मचारियों के प्रमोशन का विवाद सुलझाने की कवायद में है. लिहाजा, विधानसभा चुनाव से 14 महीने पहले राज्य सरकार ने प्रमोशन में रिजर्वेशन का रास्ता निकाल लिया है. सूत्रों के मुताबिक, पदोन्नति नियम 2022 तैयार हो गए हैं और इसका ड्राफ्ट विधि विभाग को भेजा है. जल्द ही इसे कैबिनेट में रखा जाएगा. कोशिश है कि इसे अगस्त में लागू कर दिया जाए. सरकार अध्यादेश का विकल्प भी देख रही है. इससे 3.50 लाख सरकारी कर्मचारियों के प्रमोशन पर छह साल से लगी रोक हट जाएगी. यह भी पढ़ें:  Inside Story: मुख्य सचिव के करीबी की जांच करने पर महिला आईएएस नेहा मारव्या का हुआ था तबादला, बाद में सीएम के पीएस से विवाद  यह है विवाद संविधान के अनुच्छेद 309 में राज्य सरकारों को कर्मचारियों की पदोन्नति से संबंधी नियम बनाने के अधिकार दिए गए हैं. इसी के तहत, 2002 के भर्ती नियमों में आरक्षण रोस्टर लागू था. लेकिन 30 अप्रैल 2016 को हाईकोर्ट ने आरक्षण रोस्टर को रद्द कर दिया था. तब से प्रमोशन में आरक्षण और प्रमोशन पर रोक लगी है. सरकार ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर 17 अगस्त को सुनवाई है. वहीं, 2016 से अब तक 70 हजार सरकारी कर्मचारी बिना प्रमोशन के रिटायर हो चुके हैं. यह भी पढ़ें: खेलों की नर्सरी स्कूलों में इस साल नहीं हो पाएंगे नेशनल गेम्स, खेल मंत्रालय का एक निर्णय बना परेशानी  ऐसे हैं नए नियम नए नियमों के मुताबिक पदोन्नति मेरिट-कम-सीनियरिटी के आधार पर होगी. अभी ये पैमाना क्लास-1 से सुपर क्लास-1 अफसरों के प्रमोशन में लागू है. सबसे पहले, हर साल सामान्य प्रशासन विभाग प्रत्येक विभाग को आरक्षण की स्थिति वाला डाटा देगा. इसी आधार पर प्रमोशन होंगे. यदि आरक्षित संवर्ग के 100 में से 20% पद आरक्षित हैं और पहले साल में 15% पद भरते हैं तो दूसरे साल में सिर्फ खाली 5% पद भरे जा सकेंगे. पदोन्नति में पहले आरक्षित पद भरे जाएंगे. फिर अनारक्षित. मान लीजिए कि कुल 50 पद हैं और पदोन्नति के लिए 150 कर्मचारी हैं तो पहले 20 पद आरक्षित वर्ग के कर्मचारी से भरे जाएंगे। फिर इसमें चाहे कर्मचारी अनारक्षित वर्ग के कर्मचारी से भी कनिष्ठ हो. बचे 30 अनारक्षित पद में से भी आरक्षित वर्ग का कोई कर्मचारी सीनियर रहता है तो उससे पद भरा जाएगा. इसके बाद बचे पद अनारक्षित को जगह मिलेगी. हालांकि, यदि आरक्षित वर्ग का कोई व्यक्ति एक बार सामान्य वर्ग के पद पर पदोन्नति पा लेता है तो आगे उसकी पदोन्नति सामान्य में ही होगी. वहीं, बाकी बचे अनारक्षित पदों में प्रमोशन के लिए पहले सीआर, ग्रेडिंग आदि से मैरिट तय होगी. यदि समान अंक हैं तो फिर सीनियरटी देखी जाएगी. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Bhopal News Updates, BJP MP politics, Chief Minister Shivraj Singh Chauhan, Madhya Pradesh High Court, Madhya pradesh latest news, Madhya Pradesh News Updates, Shivraj Cabinet, Shivraj governmentFIRST PUBLISHED : August 04, 2022, 13:09 IST