अल्जाइमर के मरीजों के लिए अच्छी खबर: बस इस मामूली काम से रिवर्स हो जाएगा!

अल्जाइमर से जूझ रहे लोगों के लिए उम्मीद की किरण एकदम सामने है. अब अल्जाइमर से पीड़ित दो लोगों का दावा है कि उन्होंने जीवनशैली में एकदम मामूली बदलावों से इसे ठीक कर लिया!

अल्जाइमर के मरीजों के लिए अच्छी खबर: बस इस मामूली काम से रिवर्स हो जाएगा!
अल्जाइमर से जूझ रहे लोगों के लिए उम्मीद की किरण एकदम सामने है. हाल ही में ऐसे दो लोगों ने इस दिमागी बीमारी पर जीत हासिल कर ली जिसमें भूलने से शुरुआत होती है और बाद में यह मानसिक रूप से इंसान को पंगु ही कर देती है और जान तक ले लेती है. ब्रिटेन में डिमेंशिया (Dementia) और अल्जाइमर (Alzheimer) के चलते पिछले दस सालों में कई मौते हुईं. अब अल्जाइमर से पीड़ित दो लोगों का दावा है कि उन्होंने जीवनशैली में एकदम मामूली बदलावों से इसे ठीक कर लिया! अल्जाइमर के लक्षणों को रिवर्स करना संभव! ऑनलाइन पत्रिका द कन्वरसेशन (theconversation) के मुताबिक, ब्रिटेन में 2022 में 11.4% मौत हुईं. वैसे तो नई दवाएं बीमारी को बढ़ने से रोक सकती हैं लेकिन अब ऐसे सबूत सामने आ रहे हैं कि स्वस्थ जीवनशैली के साथ अल्जाइमर के लक्षणों को रिवर्स किया जा सकता है. अल्जाइमर से पीड़ित दो लोग, सिसी ज़र्बे और साइमन निकोल्स, ने दावा किया कि उन्होंने रहन सहन और खान पान में कुछ ऐसे बदलाव किए जिससे उन्होंने अंतत: अल्जाइमर को ठीक कर दिया. इस जोड़ी ने सीएनएन डॉक्यूमेंट्री द लास्ट अल्जाइमर पेशेंट में अपनी इस ठीक होने की पूरी जर्नी के बारे में बताया है. अमेरिका में एक क्लिनिकल परीक्षण में भाग लेने के बाद ज़र्बे ने लक्षणों में बदलाव देखा. अल्जाइमर के केवल 5% रोगी पारिवारिक, वंशानुगत होते हैं और 95% अल्जाइमर रोगी पर्यावरण, जीवनशैली और आनुवंशिक कारकों के चले होते हैं. यही वजह है कि अल्जाइमर से निपटने के लिए भी सबसे प्रभावी रणनीति इसकी रोकथाम और स्वस्थ जीवन शैली जीना है. क्या हैं वे बदलाव जिन्हें तुरंत लागू करना होगा… रिपोर्ट के मुताबिक, जीवनशैली में बदलावों में प्लांट बेस्ड फूड पर स्विच करना, नियमित व्यायाम, हेल्प ग्रुप सेशन में पार्टिसिपेट करना, योग और ध्यान करना शामिल हैं. निकोलस ने अपनी यात्रा के लिए शारीरिक गतिविधि और आहार परिवर्तन को सर्वोपरि बताया. सबसे पहले, उन्हें टिरजेपेटाइड दिया गया, जो ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करके भूख को दबाने के लिए बनाई गई दवा थी. उन्होंने नियमित व्यायाम को भी शामिल किया, जिसमें सप्ताह में तीन बार स्ट्रेंथ टेस्ट, प्रतिदिन 10,000 कदम चलना और हर सुबह जॉगिंग या साइकिल चलाना शामिल है. खराब हार्ट हेल्थ से अल्जाइमर का खतरा बढ़ सकता है क्योंकि मस्तिष्क कोशिकाओं को कार्य करने के लिए कम ऊर्जा मिलती है. उन्होंने आहार में बदलाव भी लागू किया – चीनी, शराब और प्रोसेस्ड फूड को हटा दिया. mediterranean diet खान पान में लेनी शुरू की. इसमें हाई क्वॉन्टिटी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो ब्रेन के सेल्स को नुकसान से बचाते हैं. निकोलस अपनी इररेगुलर नींद के पैटर्न को सुधारने की कोशिश करने के लिए अच्छी नींद की आदत भी लागू कर रहे हैं क्योंकि कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि नींद की कमी अल्जाइमर से जुड़ी हुई है. प्रमुख सिद्धांत यह है कि नींद के दौरान अमाइलॉइड जैसे विषैले प्रोटीन को ग्लाइम्फैटिक प्रणाली से बाहर निकाला जा सकता है. नींद अच्छी नहीं होगी तो ये इकट्ठा होते जाएंगे और याददाश्त खोने का कारण बनेंगे. Tags: Health NewsFIRST PUBLISHED : June 7, 2024, 13:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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