Balaghat: नक्सल प्रभावित इलाके में शिक्षा की अलख जगाने का प्रयास बच्चों को बांटे गए स्कूल बैग व किताबें

तथागत फाउंडेशन की टीम ने सीआरपी 148 बटालियन के कमांडेंट सुरेंद्र कुमार के साथ मिलकर बालाघट जिले के अति संवेदनशील इलाकों में पहुंच कर वहां के आदिवासी बच्चों को स्कूल बैग, किताबें, कॉपियां, स्लेट बांटी. बच्चों में शिक्षा की अलख जगाने का यह एक बेहतरीन प्रयास है. टीम के सदस्यों का मानना है कि इस तरह से आदिवासी बच्चों में शिक्षा के प्रति अलख जगेगी और वो मन लगाकर पढ़ेंगे

Balaghat: नक्सल प्रभावित इलाके में शिक्षा की अलख जगाने का प्रयास बच्चों को बांटे गए स्कूल बैग व किताबें
चितरंजन नेरकर बालाघाट. मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में सभी आदिवासी परिवार जंगलों में निवास करते हैं. अंतिम छोर पर बसे होने के कारण आदिवासी बच्चे शिक्षा से वंचित रहकर अशिक्षित रह जाते हैं. ऐसे में वो किसी भी बहकावे में आकर मुख्यधारा से हटकर गलत राह पर चल पड़ते हैं. तथागत फाउंडेशन की टीम उन्हें मुख्यधारा में जोड़े रखने का प्रयास पिछले 12 वर्षों से कर रही है. वो लगातार आदिवासियों के बीच में जाकर उनकी जरूरत की चीजें उन्हें मुहैया करवाती है. फाउंडेशन की टीम ने यहां के स्कूली बच्चों को स्कूल बैग, किताबें, कॉपियां और स्लेट बांटी है. तथागत फाउंडेशन की टीम ने सीआरपी 148 बटालियन के कमांडेंट सुरेंद्र कुमार के साथ मिलकर अति संवेदनशील इलाकों में पहुंच कर वहां के स्कूली बच्चों को स्कूल बैग, किताबें, कॉपियां, स्लेट बांटी. बच्चों में शिक्षा की अलख जगाने का यह एक बेहतरीन प्रयास है. टीम के सदस्यों का मानना है कि इस तरह से आदिवासी बच्चों में शिक्षा के प्रति अलख जगेगी और वो मन लगाकर पढ़ेंगे. बहकावे में आकर भटकने से दूर रखने का प्रयास अक्सर देखने में आता है कि अशिक्षा के कारण आदिवासी बच्चे नक्सलियों के बहकावे में आकर भटक जाते हैं और गलत राह पर चल पड़ते हैं. आदिवासी बच्चे नक्सलवाद की राह पर न चलें इसके लिए उन्हें शिक्षा की जरूरत है. सरकार के द्वारा तमाम तरह के प्रयास किए जाते हैं, लेकिन वो नाकाफी साबित होते हैं. अगर बात करें आदिवासी क्षेत्रों में स्कूलों की तो ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहां पर स्कूल या आंगनबाड़ी न हो. यहां बकायदा शिक्षक भी जाते हैं, लेकिन पढ़ाई के लिए पर्याप्त कॉपी-पुस्तक नहीं मिलने के कारण आदिवासी बच्चे उतना नहीं पढ़ पाते. पढ़ाई की मिलीं तो चहक उठे आदिवासी बच्चे फाउंडेशन और सीआरपी के जवानों ने बालाघाट के नक्सल क्षेत्र के पहुंच यहां के तीन गांवों- धामनगांव, तेंदुडीह और मठारी में एक सौ से अधिक स्कूली बच्चों को कॉपियां, पुस्तक, ड्राइंग बुक, स्लेट बांटी. आदिवासी बच्चों को जब कॉपियां और नए बैग मिले तो उनकी खुशी देखते ही बनती थी. उन्होंने कहा कि नए बैग और कॉपियों पाकर हमें काफी अच्छा लग रहा है. अब हम खूब मन लगाकर पड़ेंगे और रोज स्कूल आएंगे. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Balaghat S12p15, Madhya pradesh news, Naxal affected area, Naxal terrorFIRST PUBLISHED : November 01, 2022, 20:23 IST