मच्छरों के साथ लार्वा को भी खत्म कर देती है ये मछली मतस्य पालन से होगी कमाई
मच्छरों के साथ लार्वा को भी खत्म कर देती है ये मछली मतस्य पालन से होगी कमाई
यूपी के अमेठी जिले में मत्स्य पालन विभाग तरह-तरह की योजनाएं मत्स्य पालकों के लिए संचालित कर रहा है. जहां मत्स्य पालन विभाग की तरफ से एक खास पहल की जा रही है. इस खास पहल में खास किस्म की मछली रोजगार के साथ-साथ डेंगू-मलेरिया के लार्वा का भी सफाई करेगी. (रिपोर्टः आदित्य / अमेठी)
आजमगढ़: जाने-अनजाने में हम अक्सर कुछ गलत कर बैठते हैं और फिर मांगी मांगते हैं. सोचते हैं कि पापों से मुक्ति पाने के लिए कहां जाए. तो बता दें कि एक आश्रम ऐसा है, जो आपको 100 पापों से एक बारी में मुक्ति दिला सकता है. यह आजमगढ़ शहर मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर निजामाबाद तहसील क्षेत्र में स्थित है.
तमसा और कुंवर नदी के संगम के तट पर बसा हुआ यह आश्रम पौराणिक मान्यताओं में अपना विशेष स्थान रखता है. इस आश्रम में ऋषि मुनि एवं संत बैठकर तपस्या और साधना करते हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार महर्षि दत्तात्रेय ऋषि अत्रि एवं सती अनसूया के पुत्र थे.
यहां मिलता है 100 पापों से छुटकारा
मंत्र, अघोर साधना और संत परम्पराओं एवं अन्य विधाओं की दृष्टि से भगवान शिव के बाद आदि गुरु माने जाते हैं. इन्हें भगवान ब्रह्मा विष्णु महेश तीनों का रूप माना जाता है. इनकी आराधना से 100 पापों का नाश होता है. महर्षि दत्ता के आशीर्वाद से व्यक्ति को भोग व मोक्ष दोनों प्राप्त होती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महर्षि दत्तात्रेय ने भगवान परशुराम को श्रीविद्या मंत्र प्रदान किया था. इसके अलावा इन्होंने भगवान शिव के पुत्र कार्तिक को भी अनेकों ज्ञान प्रदान किए थे.
महर्षि दत्तात्रेय पर्यावरण संरक्षण पर भी देते थे ध्यान
तत्कालीन समय में जब पेड़ पौधों और जल स्रोतों की कमी नहीं हुआ करती थी. तब भी महर्षि दत्तात्रेय धार्मिक कार्यों के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण की भी शिक्षा देते थे. आश्रम परिसर में स्थित भगवान भोलेनाथ का मंदिर है, जहां पर शिवलिंग की स्थापना की गई है. इस मंदिर की भी अपनी विशेषताएं हैं. इस मंदिर में किसी भी मंत्र का जाप करने पर मंत्र का उच्चारण विपरीत दिशाओं में काफी देर तक गूंजता है. मंदिर में स्थित शिवलिंग की सबसे विशेष बात या है कि यह महर्षि दुर्वासा और महर्षि चंद्रमा ऋषि के तपोस्थली के मध्य में स्थित है, जिसका दर्शन करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं.
वैसे तो आए दिन इस स्थान पर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है. लेकिन महाशिवरात्रि के अवसर पर भक्तों की भारी संख्या में भीड़ उमड़ती है. इस स्थान पर मेले का भी आयोजन किया जाता है.
Tags: Dharma Aastha, Local18FIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 11:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed