नई दिल्ली. देश की राजधानी में इस बार गर्मी में प्रदूषण का स्तर पिछले चार सालों में सबसे अधिक रहा है. पर्यावरण और जलवायु पर काम करने वाली संस्था क्लाइमेट ट्रेंड्स के शोध के मुताबिक मार्च से लेकर जून तक चारों महीने का डेटा बताता है कि हर महीने प्रदूषण का स्तर राष्ट्रीय सुरक्षा स्तर से ज्यादा पाया गया.
अध्ययन में NCAP ट्रैकर पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) का जो डेटा एकत्रित किया गया था, उसका इस्तेमाल किया गया. विश्लेषण में दिल्ली के अलावा और 9 शहर ऐसे थे जहां गर्मी में प्रदूषण का स्तर पार हुआ था.
अध्ययन में पाया गया कि, दिल्ली PM2.5 और PM10 के वार्षिक सुरक्षा मानक को हासिल करने में चारों महीने में नाकामयाब रहा. औसत PM2.5 स्तर 86.59ug/m3 पाया गया जो राष्ट्रीय वार्षिक स्तर से दोगुने 40ug/m3 से भी ज्यादा था. वही औसत PM10 का स्तर 249.9ug/m3 पाया गया जो राष्ट्रीय सुरक्षा स्तर 60ug/m3 से चार गुना से भी ज्यादा था.
जून सूखा रहने से बढ़ी दिक्कत
दिल्ली के अलावा अन्य शहर जहां का विश्लेषण किया गया उसमें आगरा, बेंगलुरु, चंड़ीगढ़, चेन्नई, कोलकाता, जोधपुर, मुंबई, लखनऊ और पटना शामिल थे. PM2.5 और PM10 के स्तर के अलावा अध्ययन में मार्च, अप्रैल, मई और जून महीने के NO2 (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड) को भी देखा गया. शोधार्थियों का कहना था कि जहां भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) जून को मानसून का महीना मान कर चलता है वहीं देश के अधिकांश हिस्सों में इस महीने पूरी तरह सूखा रहा.
मार्च में औसत PM2.5 का स्तर 98.98ug/m3 था जो अप्रैल में बढ़कर 105.19ug/m3 पर पहुंच गया, फिर घट कर मई में 81.48ug/m3 पर रहा और जून में यह स्तर 60.73ug/m3 पर था. पिछले साल की तुलना में जब दिल्ली में अप्रैल अंत और मई में आंशिक तौर पर लॉकडाउन का असर था, चार महीनों का औसत PM 2.5 का स्तर 72.79ug/m3 था जबकि PM10 का स्तर 194.47ug/m3 पर था.
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Tags: Air pollution, PollutionFIRST PUBLISHED : July 07, 2022, 13:52 IST