Opinion: पीएम मोदी की लोकप्रियता पर समय का कोई असर नहीं दो दशकों में लगातर बढ़ी लोकप्रियता
Opinion: पीएम मोदी की लोकप्रियता पर समय का कोई असर नहीं दो दशकों में लगातर बढ़ी लोकप्रियता
जन्मदिन विशेषः पीएम मोदी पर बहुत लिखा जा चुका है. लेकिन उनके व्यक्तिव और देश के लिए उनके समर्पण को शब्दों में बाँधना असंभव है. लेकिन सफर अभी लंबा है और रास्ता कठिन. लेकिन पीएम मोदी के लिए Miles to go before I sleep. Happy Birthday Respected Prime Minister Sir.
देखो देखो कौन आया, गुजरात का शेर आया… 2002 के गुजरात विधानसभा चुनावों में पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. तब वे प्रचार में जहां भी जाते थे, पूरा इलाक़ा इसी नारे से भरा रहता था. मैं प्रचार के एक दिन पूरे दिन उनके साथ था. नरेंद्र मोदी को हेलिकॉप्टर से डांग, नवसारी समेत 5 क्षेत्रों में प्रचार करना था. इसमें आदिवासी इलाके भी थे और अल्पसंख्यक ईसाई आदिवासी और शहरी इलाके भी. हमने अपनी आंखों से भी देखा और कैमरे की आंखों से भी. अद्भुत दृश्य होता था. कहीं हजारों तो कहीं लाखों की भीड़ हाथ ऊपर कर यही नारा लगा रही होती थी. पूरे दिन रैलियां चलीं. हेलिकॉप्टर से ही अपने मोबाइल से अधिकारियों को संपर्क करते रहे. हेलिकॉप्टर में ही हमारे साथ रोटी खायी, लेकिन हमें इतना तो दिख गया कि जनता उन्हें किस तरह चाहने लगी है. हमने दिल्ली में उन्हें एक कुशल संगठनकर्ता के रूप में देखा था. अब पाया कि चुने गए CM के रूप उनकी लोकप्रियता चरम पर थी. देश भर में उनकी वही लोकप्रियता और जनता से सीधा तार जुड़ा होना बरकरार है, जो विरोधियों को समझ नहीं आ रहा है.
एक और वाक्या याद आया. दो महीने पहले पीएम मोदी देवघर, झारखंड गए थे. संथाल परगना के ये पांच आदिवासी जिले विकास की राह से कोसों दूर रहे हैं. वही देवघर को उन्होंने एयरपोर्ट और एम्स की सौगात दी है. ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ के देवघर में उन्होंने बाबा के दरबार में माथा भी टेका. तेरह किमी के रोड शो में लाखों आदिवासी लोगों का उमड़ा हुजूम गवाह बन रहा था, पीएम मोदी की गरीब कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता का. पीएम मोदी के देवघर से लौटने के अगले दिन सुबह मैं भी दिल्ली लौटने की तैयारी में लगा था, तब स्थानीय बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे जी का फोन आया और मुझे अपने साथ बाबा के दर्शन के लिए चलने को कहा. दर्शन के बाद जब हम मंदिर से निकले तो निशिकांतजी खुद ही ड्राइव कर रहे थे और मैं उनके साथ बैठा था. मंदिर परिसर में ही गाड़ी को वहाँ के पंडों और प्रसाद बेचने वालों ने घेर लिया. शीशा नीचे किया तो पंडों ने एक सुर में कहा कि ‘सांसदजी व्हाइट टाइगर (White Tiger) को देवघर बुलाने के लिए धन्यवाद. ये एक पंक्ति ही पूरी कहानी कह गयी. ये भरोसा है हर तबके का पीएम मोदी पर. पूरी दुनिया जानती है कि व्हाइट टाइगर के लिए भारत मशहूर है, लेकिन अब ये कम ही बचे हैं. और इस व्हाइट टाइगर का डंका तो पूरी दुनिया में बज रहा है.’
प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर मैं हर साल लिखता हूँ. इस साल क्या लिखूं यही सोच रहा था कि ‘कल केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के एक बयान ने पुरानी यादें ताजा कर दीं. स्मृति ईरानी ने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि शेर भी चीतों के साथ जन्मदिन मना रहा है. वाकई जो नारा गुजरात की जनता ने पकड़ा था, वो अब पूरे देश और दुनिया को समझ में आने लगा है. हर एजेंसी की लोकप्रियता की रेटिंग में मोदी नंबर वन आते हैं. दुनिया को आतंकवाद नहीं मानवता के लिए जीने का रास्ता बताते हैं. कुनो नेशनल पार्क में चीतों को छोड़ना साबित करता है कि वन और वन्य जीव संरक्षण के लिए पीएम मोदी कितने सजग हैं. खासकर तब जब उनका जन्मदिन है.’
वाकई पीएम मोदी अनूठे हैं. 16 सितंबर को मैं समरकन्द उज्बेकिस्तान में था. 15 तारीख की देर रात पीएम मोदी पहुंचे थे. 16 सितंबर की सुबह 9:30 बजे से बैठकों का सिलसिला शुरू हुआ, जो रात 9:30 पर खत्म हुआ. 10 बजे के बाद उनके विशेष विमान ने उड़ान भरी तो देश पहुंचने में क़रीब 3 घंटा लगा. ऑनबोर्ड ही उनका जन्मदिन भी आया. 17 सितंबर को सभी मंत्री और बीजेपी सेवा दिवस मना रही थी और पीएम मोदी खुद मध्य प्रदेश रवाना हो चुके थे. उनका पूरा दिन देश और जनता को समर्पित रहा. ना थकने और ना रुकने की उनकी क्षमता के सभी कायल हैं.
समर्पण की यही भावना जो उन्होंने संघ के प्रचारक के तौर पर पायी थी वही भावना अब देश को आगे ले जाने का काम कर रही है. युवावस्था में हिमालय चले जाना, साधुओं की संगत में रहना, संघ के प्रचारक के तौर पर देश का कोना कोना छान मारना कोई आसान काम नहीं होता. देश भर में बीजेपी के कार्यकर्ताओं को नाम से जानना, हर इलाके की तासीर समझना एक ऐसी कला है, जिसे हर नेता के लिए समझना असंभव कार्य है. यही अनुभव काम आता है जब उन्हें तुरंत पता चल जाता है कि कमजोर नस कहाँ है और उसे कैसे दुरुस्त करना है.
पहले तो नेताओं के जन्मदिन का मतलब ही जश्न का दिन होता था और माननीय भी इस मौके का इस्तेमाल रेवड़ी का ऐलान करने में करते थे. लेकिन पीएम मोदी ने सारी परंपराएं तोड़ दी हैं. पुरानी लीक पर चल रहे पूरे तंत्र को बदल दिया है. अब सरकार की पूरी ताकत दलित, आदिवासी, पीएम मोदी के खामोश वोटर यानि महिलाओं तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में जुटी है. कोरोना काल से ही देश भर के करीब 80 करोड़ गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है.
कोरोना ने भारत के साथ-साथ दुनिया भर के देशों को दिखा दिया है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने कोरोना का स्वदेशी टीका भी बनाया, खुद भी जंग लड़ी और दुनिया की भी मदद की. उन्होंने भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का ऐलान कर दिया है. पीएम मोदी पर बहुत लिखा जा चुका है. लेकिन उनके व्यक्तिव और देश के लिए उनके समर्पण को शब्दों में बाँधना असंभव है. लेकिन सफर अभी लंबा है और रास्ता कठिन. लेकिन पीएम मोदी के लिए Miles to go before I sleep. Happy Birthday Respected Prime Minister Sir.
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Tags: Narendra modi, Narendra modi birthdayFIRST PUBLISHED : September 18, 2022, 14:37 IST