G-7 समिट में हिस्सा लेने इटली रवाना होंगे PM मोदी मेलोनी ने दिया था न्योता
G-7 समिट में हिस्सा लेने इटली रवाना होंगे PM मोदी मेलोनी ने दिया था न्योता
PM Modi in G7 Summit: 50वें जी-7 शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी की भागीदारी के साथ ही इसमें समिट के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें भी शामिल हैं. भारत ने हाल ही में अपनी जी-20 अध्यक्षता संपन्न की है और भारत ग्लोबल साउथ की एक मज़बूत आवाज़ बन चुका है.
नई दिल्ली. इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने 14 जून, 2024 को पुगलिया में होने वाले जी7 आउटरीज शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित किया है. पीएम नरेन्द्र मोदी 14 जनवरी से शुरु होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने इटली पहुंचेंगे. 1 जनवरी, 2024 को इटली सातवीं बार जी-7 का अध्यक्ष बना है. 50वां जी-7 शिखर सम्मेलन 13-15 जून 2024 को अपुलिया, इटली में आयोजित किया जाएगा. शिखर सम्मेलन में सात सदस्य देशों के नेता, साथ ही यूरोपीय काउंसिल के प्रेसीडेंट और यूरोपीयन यूनियन का प्रतिनिधित्व करने वाले यूरोपीय कमीशन के अध्यक्ष एक साथ एक मंच पर इक्ट्ठा होंगे. पिछले जी-7 शिखर सम्मेलन की परंपरा के अनुरूप ही जी-7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में इटली द्वारा कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को भी आमंत्रित किया गया है. जी-7 शिखर सम्मेलन के इस आउटरीच सत्र में यह भारत की 11वीं और पीएम मोदी की 5वीं सहभागिता होगी.
भारत ने अब तक दस जी-7 शिखर सम्मेलन आउटरीच सत्र में भाग लिया है: 2003 (फ़्रांस); 2005 (यूके); 2006 (रूस); 2007 (जर्मनी); 2008 (जापान); 2009 (इटली); 2019 (फ़्रांस); 2021 (यूके); जर्मनी (2022) और जापान (2023) . भारत की ओर से सभी भागीदारी प्रधानमंत्री के स्तर पर रही है. 50वें जी-7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में दो सत्र होंगे. इस संबंध में उपलब्ध विवरण के अनुसार, जी-7 शिखर सम्मेलन के सबसे फ़ोकस क्षेत्रों में निम्नलिखित शामिल होंगे:
* इंडो-पैसिफिक
* अफ़्रीका
* जलवायु परिवर्तन
* पर्यावरण
* शरणार्थी समस्या (माइग्रेशन)
* आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)
जी-7 के लिए भारत का बढ़ता महत्व निम्नलिखित बिंदुओं में स्पष्ट हो जाता है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत को नियमित रूप से जी-7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में आमंत्रित किया गया है. आज भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. इसकी अर्थव्यवस्था जी-7 के तीन सदस्य देशों- फ़्रांस, इटली और कनाडा से भी बड़ी है. भारत ने हाल ही में अपनी जी-20 अध्यक्षता संपन्न की है और भारत ग्लोबल साउथ की एक मज़बूत आवाज़ बन चुका है. भारत ने पिछले जी-7 शिखर सम्मेलन में की गई अपनी भागीदारी में हमेशा ग्लोबल साउथ के मुद्दों को वैश्विक मंच पर मज़बूती से प्रस्तुत किया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने 2023 में हिरोशिमा में अपने चौथे जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के दौरान तीन प्लेनरी सत्रों में भारत का पक्ष रखा था. पहला सत्र “वर्किंग टुगेदर टु एड्रेस मल्टिपल क्राइसिस” विषय पर था, जिसे भोजन, स्वास्थ्य, विकास और लिंग पर केंद्रित किया गया था. दूसरा सत्र “कॉमन एंडेवर फ़ॉर रिज़िल्यंट एंड सस्टेनेबल प्लैनट” विषय पर आधारित था जिसे जलवायु, ऊर्जा और पर्यावरण पर केंद्रित किया गया था. तीसरा सत्र “टुवर्ड्स ए पीसफ़ुल, स्टेबल एंड प्रॉस्पेरस वर्ल्ड” विषय पर आधारित था. आमंत्रित भागीदार देशों के साथ मिलकर ‘हिरोशिमा एक्शन प्लान फ़ॉर रिज़िल्यंट ग्लोबल फूड सिक्योरिटी’ विषय पर एक संयुक्त दस्तावेज़ (जॉइंट आउटकम डॉक्यूमेंट) अपनाया गया. विश्व के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों और प्रथाओं पर अन्य संदर्भों के बीच, भारत की कुछ प्रमुख वैश्विक पहलों जैसे लाइफ स्टाइल फ़ॉर एनवायरमेंट (लाइफ़-एलआईएफ़ई), इंटरनेशनल इयर ऑफ़ मिलेट्स (वैश्विक बाजरा वर्ष), मिलेट्स ऐंड अदर एंशियंट ग्रेंस इंटरनेशनल रिसर्च इनीशिएटिव (महाऋृषि) को इस आउटकम दस्तावेज़ में उल्लेख मिला था.
50वें जी-7 शिखर सम्मेलन में पीएम की भागीदारी के साथ ही इसमें समिट के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें भी शामिल हैं. जी-7 देशों कनाडा, फ़्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूके और अमेरिका ने पहले तेल संकट के बाद 1975 में फ़्रांस में जी-6 के रूप में पहला शिखर सम्मेलन आयोजित किया; कनाडा इस समूह में अगले वर्ष शामिल हुआ. 2010-2014 तक, रूस समूह का सदस्य था और तब इसे जी-8 कहा जाता था. जी-7 की बैठक वार्षिक होती है जिसमें इन राष्ट्रों के नेता हर साल मिलते हैं. समूह की वार्षिक अध्यक्षता सात देशों के बीच बारी-बारी से एक सदस्य देश को सौंपी जाती है. जी-7 एक चार्टर और सचिवालय वाली कोई औपचारिक संस्था नहीं है; जिस सदस्य राष्ट्र के पास अध्यक्षता होती है उसी पर शिखर सम्मेलन के उस वर्ष का एजेंडा तय करने की जिम्मेदारी भी होती है. जी-7 सदस्य देश वर्तमान में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 45% और दुनिया की 10% से अधिक आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं.
आर्थिक मुद्दों पर अपने शुरुआती फ़ोकस से, जी-7 धीरे-धीरे शांति और सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी, विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन सहित प्रमुख वैश्विक चुनौतियों पर समाधान और सर्वमान्य मत खोजने के लिए विचार का एक मंच बन गया है. 2003 से, ग़ैर-सदस्य देशों (एशिया और अफ़्रीका के पारंपरिक रूप से विकासशील देश) को ‘आउटरीच’ सत्र में आमंत्रित किया गया है. जी-7 ने इसके साथ सरकार और तंत्र से अलग ग़ैर-सरकारी हितधारकों के साथ भी बातचीत को बढ़ावा दिया, जिससे व्यापार, नागरिक समाज, श्रम, विज्ञान और शिक्षा, थिंक-टैंक, महिलाओं के अधिकारों और युवाओं से संबंधित मुद्दों पर कई सहभागिता समूहों का निर्माण हुआ है. वे जी-7 के अध्यक्ष देश को अपनी अनुशंसा प्रदान करते हैं.
भारत-इटली राजनयिक संबंधों की शुरुआत हुए 75 साल पूरे हो रहे हैं
इटली इस साल जी7 की अध्यक्षता कर रहा है. 13-14 जून को जी-7 शिखर सम्मेलन का मेजबान है इटली. पीएम मोदी के कार्यकाल मे इटली से संबध खासे मजबूत हुए हैं। वैसे इटली और भारत के हमेशा से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण और ऐतिहासिक संबंध रहे हैं. प्रधानमंत्री अक्टूबर 2021 में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए इटली गए थे. इटली की प्रधानमंत्री मार्च 2023 में भारत की राजकीय यात्रा पर रायसीना डायलॉग में मुख्य अथिति थीं. उनकी उस यात्रा के दौरान भारत- इटली द्विपक्षीय संबंध रक्षा, हिंद-प्रशांत, ऊर्जा और विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए ‘रणनीतिक साझेदार’ के स्तर तक पहुंच गया.
नवंबर 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इटली के पूर्व प्रधानमंत्री कोंते के बीच वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान कार्य योजना 2020.2024 को अंगीकृत किया गया, जिसमें अर्थव्यवस्था, एस ऐंड टी और लोगों के बीच सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में हमारे देशों के बीच साझेदारी बढ़ाने के लिए एक महत्वकांक्षी एजेंडे को तय किया था. इटली भारत के नेतृत्व वाली प्रमुख वैश्विक पहलों जैसे इंटरनेशनल सोलर अलायंस,(आईएसए), डिजास्टर रिज़िल्यन्ट इन्फ़्रास्ट्रक्चर (सीडीआरआई), इंडो पैसिफिक ओशन इनिसिएटिव, ग्लोबल बायो फ़्यूल अलायंस और इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर में शामिल हो गया है, जो महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर हमारे विचारों में बढ़ती समानता को दर्शाता है.
Tags: G7 Meeting, Narendra modi, Russia ukraine warFIRST PUBLISHED : June 12, 2024, 23:03 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed