तिरंगा कब और कैसे बना राष्ट्रध्वज पहला झंडा अब कहां है पीएम मोदी ने दीं कई रोचक जानकारियां
तिरंगा कब और कैसे बना राष्ट्रध्वज पहला झंडा अब कहां है पीएम मोदी ने दीं कई रोचक जानकारियां
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 22 जुलाई 1947 के दिन ही हमारे राष्ट्रीय ध्वज को अंगीकार किया गया था. भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा फहराए गए पहले तिरंगे की तस्वीर ट्वीट करते हुए बताया कि ये पहला राष्ट्रध्वज नई दिल्ली में आर्मी बैटल ऑनर्स मेस के पास है.
नई दिल्लीः क्या आपको पता है कि तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में किस दिन अपनाया गया था? क्या आप जानते हैं कि जिस कमिटी को आजादी से पहले राष्ट्रध्वज तय करने की जिम्मेदारी दी गई थी, उसमें कौन-कौन था? पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा फहराया गया देश का पहला राष्ट्रध्वज तिरंगा कहां पर है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशवासियों से 13 से 15 अगस्त के बीच अपने-अपने घरों पर तिरंगा फहराकर ‘हर घर तिरंगा’ मुहिम को मजबूत करने की अपील करते हुए इतिहास से जुड़ी ऐसी ही कुछ रोचक जानकारियां शेयर की हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट में कहा, ‘आज 22 जुलाई का हमारे इतिहास में विशेष महत्व है. 1947 में आज ही के दिन हमारे राष्ट्रीय ध्वज को अंगीकार किया गया था. उन्होंने कहा कि हम आज उन सभी लोगों के साहस और प्रयासों को याद करते हैं, जिन्होंने उस समय स्वतंत्र भारत के लिए एक ध्वज का सपना देखा था, जब हम औपनिवेशिक शासन के खिलाफ लड़ रहे थे. हम उनके सपने को पूरा करने और उनके सपनों के भारत का निर्माण करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने आजादी से पहले तिरंगे को राष्ट्रध्वज के रूप में अपनाने संबंधी आधिकारिक संवाद की रोचक जानकारी साझा करते हुए कहा कि हमारे तिरंगे से जुड़ी समिति और पंडित नेहरू द्वारा फहराए गए पहले तिरंगे सहित इतिहास से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें शेयर कर रहा हूं. Today, 22nd July has a special relevance in our history. It was on this day in 1947 that our National Flag was adopted. Sharing some interesting nuggets from history including details of the committee associated with our Tricolour and the first Tricolour unfurled by Pandit Nehru. pic.twitter.com/qseNetQn4W
— Narendra Modi (@narendramodi) July 22, 2022
पीएम मोदी द्वारा शेयर किए गए ऐतिहासिक दस्तावेजों के मुताबिक, 23 जून 1947 को संविधान सभा के सचिव एचवीआर अयंगर के दस्तखत से जारी पत्र में कहा गया था कि आजादी के दिन सभी सरकारी इमारतों पर फहराए जाने वाले राष्ट्रीय ध्वज के डिजाइन पर सुझाव देने के लिए राष्ट्रपति ने एक एडहॉक कमिटी बनाई है. इसमें मौलाना अबुल कलाम आजाद, सी. राजगोपालाचारी, सरोजिनी नायडू, केएम पणिक्कर, केएम मुंशी, डॉ. भीमराव आंबेडकर, सरदार उज्जवल सिंह, फ्रैंक एंथनी और लाहौर में मायो स्कूल ऑफ आर्ट के पूर्व प्रिंसिपल एसएन गुप्ता शामिल हैं. इस पत्र में ये भी बताया गया था कि देशवासियों की इच्छा है कि 1931 में कांग्रेस द्वारा अपनाए गए ध्वज को ही भारत का राष्ट्रीय ध्वज बनाया जाए.
इसके बाद, इस एडहॉक कमिटी की 10 जुलाई 1947 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में बैठक हुई. इसमें जवाहर लाल नेहरू को विशेष आमंत्रित के तौर पर बुलाया गया. इस बैठक में तय हुआ कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा अपनाए गए ध्वज को ही उचित बदलाव के साथ राष्ट्रीय ध्वज माना जाएगा. इसके बाद 22 जुलाई 1947 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में हुई संविधान सभा की बैठक में तिरंगे को राष्ट्रध्वज के रूप में अपनाया गया. बता दें कि हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था. सेना में काम कर चुके पिंगली वेंकैया को महात्मा गांधी ने तिरंगे को डिजाइन करने की जिम्मेदारी सौंपी थी.
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा फहराए गए पहले तिरंगे की तस्वीर भी ट्वीट की. इसमें बताया गया है कि ये पहला राष्ट्रध्वज नई दिल्ली में आर्मी बैटल ऑनर्स मेस के पास है. पीएम ने 1930 में प्रकाशित ‘शहीद गर्जना’ में छपी कविता की प्रति भी शेयर की. विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा… यह इसी कविता का अंश है।
बता दें कि केंद्र सरकार स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर ‘हर घर तिरंगा’ मुहिम शुरू करने जा रही है. इसके तहत 13 से 15 अगस्त तक देशभर में हर घर, दफ्तर, इमारत पर तिरंगा फहराने का अभियान चलाया जा रहा है. बीजेपी ने इस काम के लिए अपने तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं को लगाया है.
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Tags: Indian National Flag, Narendra modi, PM ModiFIRST PUBLISHED : July 22, 2022, 11:46 IST