भिखारी बन पड़ा रहता था वह शख्स कर गया ऐसा काम सन्न रह गया पूरा पुलिस महकमा
भिखारी बन पड़ा रहता था वह शख्स कर गया ऐसा काम सन्न रह गया पूरा पुलिस महकमा
Delhi Police: बीते 26 दिनों से दक्षिण दिल्ली की हौजखास पुलिस एक केस को सुझलाने में दिन रात एक किए हुए थे. अचानक एक दिन सड़क पर पड़े एक भिखानी ने पुलिस कर्मी से जाकर कुछ बोला. भिखारी की बात सुनते ही पुलिस कर्मी की आंखे और मुंह खुला का खुला रह गया. और फिर जो हुआ... जानने के लिए पढ़े आगे...
Delhi Police: दिल्ली के हौजखास इलाके में भिखारी की तरफ दिखने वाला शख्स लंबे समय से फुटपाथ के इर्द-गिर्द पड़ा रहता था. बुधवार को भिखारी की तरह दिखने वाला यह शख्स अचानक इलाके से गुजर रहे एक पुलिसवाले के पास पहुंचा और उसके करीब जाकर कुछ ऐसा बोला कि उसकी आंखें चौड़ी और मुंह खुला का खुला रह गया. इस भिखारी से बात करने के बाद पुलिसकर्मी कुछ कदम दूर गया और फोन पर अपने आला अधिकारियों से बात करने लगा. इसके बाद, कुछ ही मिनट बीते थे कि एक-एक तमाम पुलिस अधिकारी सफदरजंग हॉस्पिटल के करीब स्थिति अंडरपास के पास पहुंचा शुरू हो गए.
यहां इन पुलिस अधिकारियों को कुछ ऐसा मिल गया, जिसे देखने के बाद सबसे राहत की लंबी सांस ली. दरअसल, यह पूरा मामला 16 साल के एक बच्चे की गुमशुदगी से जुड़ा हुआ है. हौजखास थाने में इस बच्चे की गुमशुदगी को लेकर 22 अगस्त को शिकायत दर्ज कराई गई थी. अपनी शिकायत में बच्चे के पिता ने पुलिस को बताया कि वह मूल रूप से बिहार के सीतामढ़ी का रहने वाला है. दिल्ली में वह अपने परिवार के साथ एम्स के करीब स्थित अंसारी नगर में रहता है. बीते दिनों, कक्षा नौ में पढ़ने वाले 16 वर्षीय बेटे को उसने पढ़ाई को लेकर डांटा था, जिसके बाद उनका बेटा नाराज होकर घर से कहीं चला गया. यह भी पढ़ें: मैडम पर्स से निकालना भूलीं ‘पर्सनल’ सामान, X-Ray में दिखी ऐसी तस्वीर, फटी रह गई अफसर की आखें, हुईं अरेस्ट… तलाशी के दौरान सीआईएसएफ की लेडी अफसर ने जैसे ही वह सामान पर्स से बाहर निकाला तो मैडम को न केवल अपनी गलती का अहसास हो गया, बल्कि उनके चेहरे पर शर्मिंदगी छा गई. सीआईएसएफ की शिकायत पर पूर्वी दिल्ली में रहने वाली इन मैडम को अरेस्ट कर लिया गया है. क्या है पूरा मामला, जानने के लिए क्लिक करें.
खंगाली गई 200 से अधिक कैमरों की सीसीटीवी फुटेज
उन्होंने बच्चे को खोजने की हर संभव कोशिश की, लेकिन उसका कहीं कुछ पता नहीं चला. जिसके बाद, उन्होंने पुलिस से मदद की गुहार लगाई. पिता की शिकायत पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 137 (2) के तहत एफआईआर दर्ज कर बच्चे की तलाश शुरू कर दी. डीसीपी (दक्षिण जिला) अंकित चौहान के अनुसार, मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएचओ हौज खास के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया, जिसमें सब-इंस्पेक्टर दीपेंद्र, सब-इंस्पेक्टर बिशन, असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर प्रदीप, हेडकॉन्स्टेबल अमित, हेडकॉन्स्टेबल राजेश, हेडकॉन्स्टेबल प्रदीप और कॉन्स्टेबल दीक्षा भी शामिल थीं.
डीसीपी अंकित चौहान ने बताया कि बच्चे को जल्द से जल्द खोजने के लिए इलाके में लगे 200 से अधिक कैमरों की सीसीटीवी फुटेज खंगाली गई. आरडब्लूए सहित अन्य संगठनों से बाचतीच की गई, इतना ही नहीं, अलग-अलग टीमें बनाकर उन सभी जगहों पर भी बच्चे की तलाश की गई, जहां एम्स, एम्स ट्रामा सेंट और सफदरजंग अस्पताल आने वाले लोग ठहरते हैं. इन इलाकों में बच्चा नहीं मिलने पर जांच के दायरे को सरोजनी नगर और लाजपत नगर तक फैला दिया गया. लापता लड़के की जानकारी ज़िपनेट पर अपलोड कर दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण-पूर्व जिला जिला के समीपवर्ती थानों से भी मदद मांगी गई. यह भी पढ़ें: कराची में लैंड हुआ इंडियन एयरलाइंस का प्लेन, पाक आर्मी ने खाने में मिलवाया मीठा जहर, और फिर हुआ एक बड़ा ऑपरेशन… पालम एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले इंडियन एयरलाइंस के प्लेन में सीमित फ्यूल बचा था. फ्लाइट के कैप्टन को यह आभास हो गया था कि अब यह फ्लाइट कभी बंबई नहीं पहुंच पाएगी. वहीं हाईजैकर्स इस प्लेन को लीबिया ले जाना चाहते थे. प्लेन के खत्म होते फ्यूल और हाईजैकर्स की जिद के बीच… आगे क्या हुआ, जानने के लिए क्लिक करें.
26 दिनों की जद्दोजहद के बाद पुलिस को मिली कामयाबी
इसके अलावा, पुलिस ने लापता बच्चे के दोस्तों से भी लंबी बातचीत की, दिल्ली के तमाम अनाथालयों के चक्कर लगा लिए, लेकिन 26 दिन लंबी कवायद के बाद भी लापता बच्चे का कुछ भी पता नहीं चला. इसके बाद, पुलिस ने इस बच्चे से जुड़े पोस्टर तमाम इलाकों में लगवाना शुरू कर दिए. 18 सितंबर को एक आवारा शख्स की नजर इस पोस्टर में पड़ गई. उसने तत्काल समीप से गुजर रहे पुलिस कर्मी को बताया कि इस पोस्टर में जिस लड़के की फोटो लगी है, वह सफदरजंग हॉस्पिटल के करीब स्थित अंडरपास में है. यह जानकारी मिलते ही पुलिस कर्मी की आंखे हैरानी से चौड़ी और मुंह खुला का खुला रह गया.
पुलिस कर्मी ने तत्काल इसकी जानकारी अपने आला अधिकारी से साझा की और फिर इस बच्चे को सकुशल सफदरजंग हॉस्पिटल के करीब स्थिति अंडरपास को खोज निकाला गया. बातचीत करने के बाद पुलिस ने बच्चे को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया है. एक तरह, सड़क में आवारा जिंदगी बिताने वाले शख्स ने न केवल पुलिस की मदद की, बल्कि एक घर का चिराग लौटाने में भी मदद की. यहां पर पुलिस के लिए उसका एक केस खत्म हो गया और घरवालों को उनका बच्चा वापस मिल गया.
Tags: Crime News, Delhi news, Delhi policeFIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 11:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed