खस्ता-छोले के स्वाद ने लोगों को बनाया दीवाना 40 साल पुरानी है दुकान

इस 40 साल पुरानी रेहड़ी के खस्ता छोले बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के दिलों पर राज करते हैं. लोगों का कहना है कि शहर में कई जगहों पर खस्ता छोले मिलते हैं, लेकिन इस दुकान का स्वाद सबसे अलग और अनोखा है.

खस्ता-छोले के स्वाद ने लोगों को बनाया दीवाना 40 साल पुरानी है दुकान
सहारनपुर: ये शहर अपने खाने-पीने की विविधता के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी खासियत से रूबरू कराएंगे, जिसने सहारनपुर के खाने के शौकीनों को दीवाना बना रखा है. हम बात कर रहे हैं सहारनपुर के मशहूर खस्ता छोले की, जो 40 साल से लोगों के दिलों पर राज कर रहा है. सहारनपुर के आई.टी.सी रोड स्थित एम.पी.एस की पुलिया पर यह सैनी परिवार की रेहड़ी हर दिन खस्ता छोले की खुशबू से महकती है, और जो भी यहां आता है, इसका दीवाना हो जाता है. दुकान के मालिक मुकेश सैनी बताते हैं कि यह खस्ता छोले की परंपरा उनकी माताजी से शुरू हुई थी, जो घर पर खस्ता छोले बनाया करती थीं. उनके पिताजी ने इस स्वादिष्ट डिश को एक छोटे से रेहड़ी पर बेचना शुरू किया, और आज यह दुकान सहारनपुर की पहचान बन गई है. मुकेश बताते हैं कि पिताजी के देहांत के बाद उन्होंने इस कारोबार को संभाला और तब से यह उनके परिवार का मुख्य व्यवसाय बन गया है. खास बात यह है कि खस्ता छोले में इस्तेमाल होने वाले सभी मसाले घर पर ही तैयार किए जाते हैं, जिससे इसका स्वाद और भी विशेष हो जाता है. खस्ता छोले का जादू इस 40 साल पुरानी रेहड़ी के खस्ता छोले बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के दिलों पर राज करते हैं. लोगों का कहना है कि शहर में कई जगहों पर खस्ता छोले मिलते हैं, लेकिन इस दुकान का स्वाद सबसे अलग और अनोखा है. यहां के छोले में घर जैसा स्वाद और सादगी है, जो लोगों को बार-बार खींच लाता है. मात्र 30 रुपये की प्लेट में स्वाद और संतुष्टि दोनों मिल जाते हैं. आसपास के लोग तो दोपहर के खाने में यहां के खस्ता छोले को ही प्राथमिकता देते हैं. सुबह 11 बजे से शुरू होने वाली यह दुकान 3 बजे तक खस्ता छोले बेचकर खाली हो जाती है. Tags: Food 18, Local18FIRST PUBLISHED : August 14, 2024, 15:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed