खास है ये मिठाई 2 महीनों तक नहीं होती खराब दुबई से लेकर आयरलैंड तक डिमा

मुगलकालीन इस डिश के दीवाने न सिर्फ रामपुर और देश में हैं, बल्कि अब इस मिठास की मांग सात समुन्दर पार तक है. रामपुर में इसकी शुरुआत नवाब खानदान ने करवाई थी.

खास है ये मिठाई 2 महीनों तक नहीं होती खराब दुबई से लेकर आयरलैंड तक डिमा
रामपुर. भारत के हर राज्य, गांव और गली नुक्कड़ में तरह-तरह के खाने की वैराइटी मिलती है, जिसका स्वाद बेहद लाजवाब होता है. उन्हीं में से एक है हब्शी हलवा. कहते हैं अगर आपने रामपुर का हब्शी हलवा नहीं खाया तो क्या खाया. मुगलकालीन इस डिश के दीवाने न सिर्फ रामपुर और देश में हैं, बल्कि अब इस मिठास की मांग सात समुन्दर पार तक है. रामपुर में इसकी शुरुआत नवाब खानदान ने करवाई थी. दुकानदार ज़हीर बताते हैं कि साल 1930 से इस हब्शी हलवे की शुरुआत हुई. दरअसल, रामपुर के नबाब हामिद अली खान अफ्रीका से एक हकीम को रामपुर लाये थे. नबाब हामिद अली खान हाकिम से कुछ स्पेशल बनाने को कहा, जिसके बाद हकीम ने उनके आदेश का पालन करते हुए तमाम जड़ी बूटी, कई तरह के मेवे, दूध और देसी घी से स्पेशल हलवा बनाया. इस हलवे को जब नबाब ने चखा तो बस खाते ही रह गए. नबाब हामिद अली खान को ये हलवा बेहद पसंद आया और तभी से इसका नाम हब्शी हलवा पड़ गया. शाही खाने से ये हलवा अब आम लोगों तक के लिए उपलब्ध है. देश-दुनिया में मिठाई का जलवा दुकानदार बताते है कि हब्शी हलवे की खासियत है कि इसको आप सर्दियों के मौसम में एक से दो माह तक रख कर खा सकते हैं.  एक बार इसका कोई स्वाद चख ले तो फिर वो हर हाल में इस हलवे को खरीदने के लिए रामपुर जरूर आता है. उन्होंने आगे कहा, ‘हमारी दुकान का बनाया हुआ हब्शी हलवा लखनऊ, अलीगढ़, मुम्बई और पूना तक मशहूर है. इसके अलावा दुबई, कुवैत, सऊदी, और आयरलैंड जैसे कई देशों तक जाता है. नवाबी दौर से शुरू हुआ हब्शी हलवा आज भी यहां खूब खाया जाता है. जिले से लेकर तहसीलों तक हलवे की बड़ी बड़ी दुकानें हैं. रामपुर जो भी घूमने आता है यहां का हब्शी हलवा जरूर खरीद कर अपने घर ले जाता है. कैसे बनता है हब्शी हलवा? दूध को पकाकर विशेष तरह से यह हलवा तैयार किया जाता है इसमें दूध, चीनी, देसी घी, सूजी और तमाम जड़ी बूटियां मिलाई जाती है. इसके अलावा इसको क्रंची करने के लिए बादाम और पिस्ता भी डाला जाता है. इन सबको मिलाकर हलवा तैयार किया जाता है जिसकी कीमत केवल 400 रुपये किलोग्राम है. Tags: Food 18, Local18, Sweet DishesFIRST PUBLISHED : July 9, 2024, 09:35 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed