बासमती धान की तरफ क्यों आकर्षित होते हैं कीटकरें ये छोटा सा उपाय
बासमती धान की तरफ क्यों आकर्षित होते हैं कीटकरें ये छोटा सा उपाय
कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि खरीफ सीजन में बासमती धान से किसानों को अच्छा उत्पादन और आमदनी मिलती है. लेकिन बासमती में एक सुगंध होता है इस वजह से कीट इसकी और ज्यादा आकर्षित होते हैं.
शाहजहांपुर: बासमती की खेती से किसान कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. किसानों को मोटे धान के मुकाबले बासमती का अच्छा भाव मिलता है. जिससे किसानों की आमदनी बढ़ती है लेकिन बासमती की खेती करते समय किसानों को कोई सावधानियां बरतनी की जरूरत है, अन्यथा उनकी फसल बर्बाद हो सकती है.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि खरीफ सीजन में बासमती धान से किसानों को अच्छा उत्पादन और आमदनी मिलती है. लेकिन बासमती में एक सुगंध होता है इस वजह से कीट इसकी और ज्यादा आकर्षित होते हैं. जिससे फसल को बचाना किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती रहती है. जरूरी यह भी है कि बासमती में किसानों को ज्यादा नाइट्रोजन नहीं देना चाहिए, क्योंकि नाइट्रोजन की वजह से कीट फसल को चपेट में ले लेते हैं.
कितनी यूरिया है पर्याप्त?
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि बासमती की फसल तैयार करने के लिए ज्यादा नाइट्रोजन की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि बासमती के पौधे तेजी के साथ बढ़वार करते हैं. ऐसे में एक एकड़ में 40 किलो यूरिया का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके अलावा 50 किलो डीएपी और 25 से 30 किलो पोटाश का इस्तेमाल करें.
रोपाई से पहले कराएं मिट्टी की जांच?
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि बासमती की फसल उगाने से पहले किसानों को मिट्टी की जांच कर लेनी चाहिए. डीएपी, पोटाश और नाइट्रोजन के अलावा जांच कर कर बाकी तत्वों की पूर्ति भी करनी चाहिए. जिससे से बासमती की फसल से अच्छा उत्पादन मिलेगा.
ज्यादा नाइट्रोजन से हो सकता है फसल बर्बाद
डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि बासमती में ज्यादा नाइट्रोजन डालने से पौधों की बढ़वार ज्यादा होती है. पौधों में पानी की मात्रा बढ़ जाती है. जिसकी वजह से कीट इसको बेहद पसंद करते हैं. पौधों की बढ़वार ज्यादा होने की वजह से तेज हवा के दौरान फसल गिर सकती है. गुणवत्ता में गिरावट आएगी और उत्पादन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 17, 2024, 17:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed