Opinion: PM के पहले कुवैत दौरे से संबंधों के नए शिखर पर पहुंचेंगे भारत-कुवैत
Opinion: PM के पहले कुवैत दौरे से संबंधों के नए शिखर पर पहुंचेंगे भारत-कुवैत
PM Modi Kuwait Visit: सितंबर, 2024 में पीएम मोदी ने न्यूयॉर्क में यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली यानी यूएनजीए के 79वें सत्र के मौके पर कुवैत के क्राउन प्रिंस अल सबा से मुलाकात की थी. यह दोनों नेताओं की पहली मुलाकात थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 और 22 दिसंबर को मुस्लिम देश कुवैत के दौरे पर रहेंगे. उनकी इस यात्रा से दोनों देशों के बीच पहले से ही अच्छे संबंधों में और मजबूती आएगी. मोदी कुवैत के अमीर शेख मिशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के न्योते पर वहां जा रहे हैं. भारतीय प्रधानमंत्री 43 साल बाद कुवैत के दौरे पर जा रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी से पहले साल 1981 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कुवैत के दौरे पर गई थीं. यह भी जान लें कि अमीर अल-सबा जुलाई 2017 में निजी दौरे पर भारत आए थे.
सभी जीसीसी देशों में पीएम मोदी का दौरा
पीएम मोदी खाड़ी सहयोग परिषद यानी गल्फ को-ऑपरेशन काउंसिल (जीसीसी) के कुवैत को छोड़ कर सभी सदस्य देशों का दौरा कर चुके हैं. वे पहली बार कुवैत का दौरा करेंगे. कुवैत अभी जीसीसी का अध्यक्ष है. गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल फारस की खाड़ी से घिरे अरब देशों का संगठन है. बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात इसके सदस्य हैं. संगठन का हेडक्वार्टर सऊदी अरब के रियाद में है. इसकी आधिकारिक भाषा अरबी है. इसकी स्थापना चार फ़रवरी, 1981 को हुई थी. इसका पहला शिखर सम्मेलन 25 मई, 1981 को यूएई के अबू धाबी में हुआ था.
न्यूयॉर्क में हो चुकी है पहली मुलाकात
सितंबर, 2024 में पीएम मोदी ने न्यूयॉर्क में यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली यानी यूएनजीए के 79वें सत्र के मौके पर कुवैत के क्राउन प्रिंस अल सबा से मुलाकात की थी. यह दोनों नेताओं की पहली मुलाकात थी. लगे हाथ यह जानना भी जरूरी है कि कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल याह्या विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के निमंत्रण पर तीन और चार दिसंबर को भारत दौरे पर आए थे. विदेश मंत्रालय के मुताबिक यह कुवैत के विदेश मंत्री का पहला आधिकारिक दौरा था.
विदेश मंत्री स्तर की द्विपक्षीय वार्ता
दोनों विदेश मंत्रियों ने चार दिसंबर को दिल्ली में द्विपक्षीय बातचीत की और राजनैतिक, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा और लोगों के बीच आपसी संबंधों समेत भारत-कुवैत संबंधों पर गहराई से समीक्षा की. उन्होंने आपसी हितों के इलाकाई और अतरराष्ट्रीय मसलों पर सलाह-मशविरा किया. दोनों मंत्रियों ने विदेश मंत्रियों के स्तर पर सहयोग के लिए जॉइंट कमीशन फॉर कोऑपरेशन (जेसीसी) की स्थापना के लिए एमओयू पर दस्तखत किए. जेसीसी के तहत व्यापार, निवेश, शिक्षा, प्रौद्योगिकी, कृषि, सुरक्षा और संस्कृति के क्षेत्रों में नए जॉइंट वर्किंग ग्रुप बनाए जाएंगे.
विदेश मंत्री याह्या ने यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट भी की थी. प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच मजबूत ऐतिहासिक संबंधों को याद किया और कुवैत में रह रहे मजबूत जीवंत भारतीय समुदाय के लाखों लोगों के कल्याण के लिए कुवैत के नेतृत्व की तारीफ की. यह भी जान लें कि दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध औपचारिक रूप से वर्ष 1961 में बने थे. साल 1962 के जून में याकूब अब्दुल अजीज अल-रुशैद को भारत में पहले कुवैती राजदूत के तौर पर तैनात किया गया. भारत कुवैत की आजादी को मान्यता देने वाले शुरुआती देशों में से एक था. साल 1962 में चीन के साथ युद्ध के दौरान भारत को समर्थन देने वाले पहले देशों में से एक था.
भारत और कुवैत के बीच व्यापार
भारत और कुवैत के बीच वित्त वर्ष 2023-24 में 10.47 अरब डॉलर का आपसी कारोबार हुआ. कुवैत भारत के टॉप कारोबारी साझीदारों में से एक है. कुवैत भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता है. इससे देश की तीन फीसदी ऊर्जा जरूरतें पूरी होती हैं. कुवैत के लिए भारत का निर्यात पहली बार दो अरब डॉलर तक पहुंच चुका है, जबकि भारत में कुवैत निवेश प्राधिकरण का निवेश 10 अरब डॉलर से ज्यादा हो गया है. दोनों देशों के संबंध कितने मजबूत हैं यह इससे ही समझा जा सकता है कि साल
1961 तक भारतीय करेंसी रुपया कुवैत में चलता था.
भारत और कुवैत के बीच संबंध कितने पुराने और मजबूत हैं. इस बात के सुबूत हाल ही में कुवैत के फैलाका द्वीप में हुई खुदाई में मिले हैं. द्वीप में भारतीय शैली के मिट्टी के बर्तन और आभूषण मिले हैं. इससे पता चलता है कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध बहुत पुराने हैं. कुवैत में कच्चे तेल की खोज से पहले भारत और कुवैत के बीच समुद्र के जरिये खजूर और घोड़ों के साथ ही मोतियों और सागौन की लकड़ी का व्यापार होता था.
तनाव भी हुआ, पर जल्द सुलझ गए मसले
हालांकि 1990 के दशक में कुवैत पर इराक के हमले के दौरान भारत के साथ उसके संबंधों में थोड़ा तनाव आया, क्योंकि इराक को भारत का समर्थन हासिल था. इसके अलावा अयोध्या में विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद भी संबंधों पर असर पड़ा था. लेकिन भारत ने जल्द ही दोनों देशों के बीच बनी खाई को पाटने में कामयाबी पा ली. साल 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत की मदद में उदारता दिखाई, उससे संबंधों को नई मजबूती मिली. भारत ने कोविड से निपटने के लिए 15 सदस्यों की क्यूआरटी यानी त्वरित प्रतिक्रिया टीम कुवैत भेजी. जवाब में मई, 2021 में कोविड की दूसरी लहर के दौरान कुवैत ने लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और वेंटिलेटर भारत भेजे.
कुवैत में भारतीयों का योगदान
कुवैत में रह रहे भारतीय नागरिकों की संख्या करीब छह लाख, 40 हजार है. वे खास कर इलेक्ट्रॉनिक, औद्योगिक, वास्तुकला और इंजीनियरिंग में भारतीय अपना दमखम दिखा रहे हैं. कुवैत के स्वास्थ्य मंत्रालय में भी बड़ी संख्या में भारतीय डॉक्टर और पैरामेडिक्स तैनात हैं. कुवैत के अमीर के दूत के मुताबिक वहां भारतीयों की खास जगह है. वे मानते हैं कि कुवैत में रह रहे भारतीय शानदार और सबसे कम परेशानियां खड़ी करने वाले हैं और कुवैत के समग्र विकास के लिए काम करते हैं. कम वेतन वाली नौकरियां करने वाले भारतीयों की भी बड़ी संख्या वहां है. भारतीय नागरिक कुवैत से हर साल देश में तीन अरब अमेरिकी डॉलर से ज्यादा भेजते हैं. कुवैत में 300 भारतीय संघ और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और दिल्ली से संबद्ध 18 भारतीय स्कूल हैं.
विरोधी भी मोदी के कायल
कुवैत के साथ बहुत से स्तरों पर कारोबारी सहयोग के साथ ही रक्षा के क्षेत्र में भी भारत और कुवैत निकट सहयोगी हैं. जाहिर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दो दिवसीय कुवैत दौरा कुवैत के साथ संबंधों में और मजबूती लाएगा. मुस्लिम देशों के साथ संबंध मजबूत करने की कड़ी में यह दौरा अहम साबित होगा. मोदी काल में भारत की विदेश नीति के कायल कांग्रेस नेता शशि थरूर भी हो चुके हैं. पिछले साल (2023) में उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार जिस तरह मुस्लिम वर्ल्ड के साथ रिश्ते मजबूत कर रही है, वह स्वागत योग्य है.
Tags: PM ModiFIRST PUBLISHED : December 20, 2024, 14:08 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed