जेईई एडवांस्ड 2015 में क्या था खास कोटा फैक्ट्री सीजन 3 में भी है इसका जिक्र
जेईई एडवांस्ड 2015 में क्या था खास कोटा फैक्ट्री सीजन 3 में भी है इसका जिक्र
JEE Advanced 2015: साल 2015 का जेईई एडवांस्ड पेपर चर्चा में हैं. लोकप्रिय वेब सीरीज कोटा फैक्ट्री सीजन 3 में इसका जिक्र किया गया था. इसे अब तक का सबसे कठिन पेपर बताया जाता है. उस साल बड़ी संख्या में आईआईटी एस्पिरेंट्स जेईई परीक्षा को क्रैक नहीं कर पाए थे. जानिए उसमें ऐसा क्या था, जिसने इसे इतना कठिन बना दिया.
नई दिल्ली (JEE Advanced 2015). जेईई दुनिया की दूसरी सबसे कठिन परीक्षा है. दो चरणों की इस परीक्षा को पास करके आईआईटी, एनआईटी जैसे इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिला मिलता है. हर साल लाखों स्टूडेंट्स जेईई परीक्षा देते हैं, जिनमें से कुछ हजार ही अपनी मंजिल तक पहुंच पाते हैं. इस पर एक वेबसीरीज़ भी आई थी, कोटा फैक्ट्री (Kota Factory). जितेंद्र कुमार उर्फ जीतू भइया की इस सीरीज में कोटा के उन स्टूडेंट्स की जिंदगी दिखाई गई है, जो जेईई व नीट जैसे एंट्रेंस एग्जाम्स की तैयारी कर रहे हैं.
कोटा कोचिंग हब के तौर पर मशहूर है. हर साल बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स यहां की कोचिंग जॉइन कर देश की सबसे कठिन परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. कोटा फैक्ट्री सीजन 3 में जेईई एडवांस्ड 2015 पेपर का जिक्र किया गया है (JEE Advanced 2015). ऐसे में इंटरनेट पर यह सवाल तैर रहा है कि क्या वाकई जेईई एडवांस्ड 2015 इतना कठिन था? इस पर हमने कुछ एक्सपर्ट और उन स्टूडेंट्स से बात की, जिनका 2015 एडवांस्ड परीक्षा से कुछ कनेक्शन रहा है. जानिए इस बारे में उनका क्या कहना है.
JEE Advanced 2015: 2015 में क्या हुआ था?
2015 में आईआईटी बॉम्बे ने जेईई एडवांस्ड परीक्षा आयोजित की थी. तब आईआईटी बॉम्बे ने मूल्यांकन के बाद कट-ऑफ कम कर दी थी. दरअसल, उस साल सफल होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या कम थी. हालांकि ऐसा जेईई एडवांस्ड 2015 रिजल्ट जारी होने से पहले किया गया था. इसका मतलब है कि स्टूडेंट्स को इस बात की जानकारी दे दी गई थी. (बता दें कि नीट यूजी 2024 रिजल्ट जारी होने से पहले एनटीए ने कटऑफ या ग्रेस मार्क्स की जानकारी नहीं दी थी).
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Kota Factory Season 3: कोटा फैक्ट्री में जेईई एडवांस्ड 2015 का क्या मामला था?
कोटा फैक्ट्री सीजन 3 में कोचिंग क्लास के स्टूडेंट्स में से एक वैभव पांडे से किसी ने कहा- हमने सुना है कि आप और बालमुकुंद मीना 2015 का जेईई एडवांस्ड प्रश्न पत्र हल नहीं कर पाए थे. सवाल से निराश वैभव ने गुस्से में जवाब दिया- हां, हम नहीं कर सके. आप कर लीजिए और चाहें तो 2015 का वर्ल्ड कप भी जीत लीजिएगा. फिर दोस्त उसे शांत करवाते हैं. तभी एक क्लासमेट उसका मजाक उड़ाते हुए कहता है- क्या पता, शायद आप उसमें 75 अंक भी हासिल नहीं कर पाएंगे.
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JEE Topper Marks: जेईई एडवांस्ड 2015 टॉपर को कितने मार्क्स मिले थे?
कोटा फैक्ट्री सीजन 3 के इस एपिसोड से अंदाजा लगाया जा सकता है कि 2015 जेईई एडवांस्ड पेपर वाकई कठिन था और मेकर्स ने सीरीज को बनाने में रिसर्च भी की है. बता दें कि 2015 में जेईई एडवांस टॉपर सतवत जगवानी ने 504 में से 469 मार्क्स हासिल किए थे, जोकि 93.05% था. वहीं, 2014 के टॉपर ने 350 में से 334 अंक (95.42%) हासिल किए थे. 2016 और 2017 में टॉपर्स ने क्रमशः 372 में से 320 अंक (86.02%) और 366 में से 339 अंक (92.62%) हासिल किए थे.
JEE Advanced Marking Scheme: कठिन थी 2015 की मार्किंग स्कीम
Physics Wallah के फैकल्टी मेंबर हिमांशु गुप्ता बताते हैं कि जेईई एडवांस्ड 2015 में सवालों से ज्यादा कठिन मार्किंग स्कीम थी. पेपर 1 और पेपर 2 में कोई सिंगल चॉइस सवाल नहीं था. पेपर 1 में इंटीजर टाइप, मैट्रिक्स मैच और मल्टिपल चॉइस सवाल थे. वहीं, जेईई एडवांस्ड पेपर 2 में इंटीजर टाइप, मल्टिपल चॉइस करेक्ट टाइप और कॉम्प्रिहेंशन जैसे सवाल थे. मल्टिपल चॉइस सवालों में सही जवाब के बदले में 4 अंक मिले थे और गलत जवाब पर 2 अंक काटे गए थे. पेपर बहुत कठिन और लंबा था.
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JEE Advanced Paper Analysis: जेईई एडवांस्ड 2015 पेपर सबसे अलग था
जेईई एडवांस्ड पेपर किसी भी शिक्षक के दृष्टिकोण से बहुत अच्छा था लेकिन स्टूडेंट्स की बात करें तो उनके लिए पेपर कठिन और लंबा था. साल 2015 में जेईई एडवांस्ड में पहली बार मैट्रिक्स-मैच सवाल इंट्रोड्यूस किए गए थे. साथ ही कॉम्प्रिहेंशन आधारित सवाल भी पहली बार पूछे गए थे. सिर्फ यही नहीं, फिजिक्स और केमिस्ट्री के मल्टिपल चॉइस सवाल भी काफी कठिन थे. ऐसे में पेपर सॉल्व करते समय स्टूडेंट्स का स्ट्रेस लेवल बढ़ गया था.
JEE Advanced Paper Pattern: क्या जेईई एडवांस्ड पेपर पैटर्न हर साल बदला जाता है?
एजुकेशन एक्सपर्ट्स की मानें तो जेईई एडवांस्ड के हर पेपर में एक बात कॉमन होती है और वो यह है कि किसी भी पेपर में कुछ भी कॉमन नहीं होता है. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि जेईई एडवांस्ड के पिछले सालों के प्रश्न पत्र से आप पेपर पैटर्न का आइडिया जरूर ले सकते हैं, लेकिन कोई सवाल कभी रिपीट नहीं होता है. जेईई एडवांस्ड पेपर पैटर्न और मार्किंग स्कीम में बदलाव होता रहता है. अगर आप दो साल लगातार पेपर दे रहे हैं तो हो सकता है कि एक साल 500 अंकों का पेपर हो और अगले साल 350 अंकों का.
Tags: JEE Advance, JEE Exam, Kota CoachingFIRST PUBLISHED : July 16, 2024, 12:40 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed