नवोदय विद्यालय से की स्कूलिंग पिता बेचते हैं दूध बेटे ने ऐसे क्रैक किया NEET
नवोदय विद्यालय से की स्कूलिंग पिता बेचते हैं दूध बेटे ने ऐसे क्रैक किया NEET
NEET Story: नीट मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए एक एंट्री गेट है. इसे पार करने के बाद ही डॉक्टर बन पाते हैं. लेकिन एक ऐसे लड़के के बारे में बताने जा रहे हैं, जो घर पर रहकर NEET की परीक्षा को पास करने में सफल रहे हैं.
NEET Success Story: मेडिकल की पढ़ाई के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) एक एंट्री गेट है. इस गेट को पार करने के लिए हर साल लाखों उम्मीदवार इसके लाइन में होते हैं. लेकिन इसमें से कुछ ही लोग इसे पार कर पाने में सफल हो पाते हैं. आज हम आपको एक ऐसे लड़के की कहानी बताने जा रहे हैं, जिनके हौसले को गरीबी भी नहीं तोड़ पाई है और वह सफलता की इबादत लिख डाली है. हम जिस लड़के की बात कर रहे हैं, उनका नाम महादेव कुमार (Mahadev Kumar) है. उन्होंने नीट की परीक्षा में 386 अंक हासिल किए हैं.
नीट में हासिल की 386 अंक
नीट की परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले महादेव कुमार (Mahadev Kumar) झारखंड के गोड्डा के पथरगामा ब्लॉक से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने आर्थिक तंगी के बावजूद नीट की परीक्षा में 386 अंक हासिल करने में सफल रहे हैं. उन्हें पलामू के मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिल गया है. जब वह अपने गृहनगर पहुंचे तो पूरा गांव उन्हें बधाई देने आया. उनके पिता किशन यादव दूध बेचने का काम करते हैं. उनकी मां का सोलह साल पहले निधन हो गया था. उसके बाद उनके पिता ने उन्हें अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए काफी मेहनत की.
जवाहर नवोदय विद्यालय से की पढ़ाई
महादेव गांव के ही एक आवासीय विद्यालय में अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की हैं. इसके बाद कक्षा 6 में उनका चयन नवोदय विद्यालय में हो गया. उन्होंने कक्षा 10वीं तक की पढ़ाई वहीं से की है. इसके बाद उन्होंने पटना में कक्षा 10वीं, 11वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद कुछ दिन नीट की तैयारी की और फिर घर वापस आ गए. गांव के स्कूल शिक्षक बमबम बागवे के अनुसार महादेव शुरू से ही बहुत होशियार छात्र थे. कक्षा पहली से ही वह लगातार प्रथम स्थान पर रहे हैं.
घर पर रहकर की नीट की तैयारी
महादेव NEET परीक्षा की तैयारी घर पर रहकर करते रहे. वह रोजाना 14 से 16 घंटे पढ़ाई करते थे. घर पर पढ़ाई के अलावा वह अपने पिता के काम में भी हाथ बंटाता थे. महादेव ने बताया कि उनके पिता अपने व्यस्त शेड्यूल के कारण दूध बेचने के लिए शहर जाते थे. वह घर के सभी काम, जैसे दूध बेचना और गाय की देखभाल, निपटाने के बाद पढ़ाई के लिए समय निकालता था.
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Tags: NEET, Neet exam, Success StoryFIRST PUBLISHED : September 6, 2024, 19:12 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed