Book Story: पूरी क्‍लास का हो गया अपहरण 35 बच्‍चों को उठा ले गए डाकू!

IPS Book Story: एक स्‍कूल की पूरी क्‍लास का अपहरण हो गया. 35 बच्‍चों को डाकू उठा ले गए. यही नहीं 40 हथियारबंद डाकुओं से मोर्चा लेने वाले एक दारोगा की हत्‍या भी कर दी गई. ये कोई फ‍िल्‍मी कहानी नहीं है, बल्कि सच्‍ची घटना है. पूर्व आईपीएस अजय राज शर्मा की किताब में पुलिस की नौकरी में आने वाली उन तमाम चुनौतियों का जिक्र है, जो आए दिन पुलिसवालों के सामने आती हैं.

Book Story: पूरी क्‍लास का हो गया अपहरण 35 बच्‍चों को उठा ले गए डाकू!
IPS Book Story: ये बात है 70 के दशक की. तब उत्‍तर प्रदेश में डाकूओं का बोलबाला हुआ करता था. आगरा का इलाका मध्‍य प्रदेश और राजस्‍थान की सीमाओं से सटा था, इसलिए यहां का बीहड़ का इलाका डाकूओं का केंद्र बन गया था. यहां पर आए दिन डाकू पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए थे. इसका जिक्र पूर्व आईपीएस अधिकारी अजय राज शर्मा (IPS Ajai Raj Sharma) ने अपनी किताब ‘बाइटिंग द बुलेट’ ( में भी किया है. उन दिनों अजय राज शर्मा की पहली पोस्‍टिंग आगरा में अपर पुलिस अधीक्षक (ASP)के रूप में हुई थी. इस दौरान एक ऐसी घटना घटी जिसने अजय राज शर्मा को झकझोर दिया. दरअसल, एक दिन अजय राज शर्मा अपने ऑफिस में बैठे थे. तभी पुलिस को सूचना मिली थी 40 से 50 हथियारबंद डाकुओं ने एक स्‍कूल पर हमला कर दिया और पूरी क्‍लास का अपहरण कर ले गए. इस सूचना ने सबको चौंका दिया. तत्‍कालीन एसएसपी एसके शंगुल कहने लगे कि उन्‍होंने अपने पूरे जीवन में ऐसी घटना कभी नहीं सुनी. यह सबके लिए हैरान करने वाली घटना थी कि अखिर डाकू पूरी क्‍लास का अपहरण क्‍यों करेंगे? डाकू बच्‍चों के साथ साथ टीचर को भी उठा ले गए थे. किसने किया था अपहरण कांड पुलिस अधिकारियों ने अजय राज शर्मा को बताया गया कि जंगा और फूला गैंग चंबल का सबसे चर्चित गिरोह था. इस घटना को भी इसी गैंग ने अंजाम दिया था. फूला राजस्‍थान का रहने वाला था, लेकिन उत्‍तर प्रदेश में अपराध करता था. इस गैंग के पास आधुनिक हथियार भी आ गए थे, जो भी इनके बारे में पुलिस को बताता था उसे मार देते थे. अजय राज शर्मा अपनी किताब में लिखते हैं कि इस सूचना के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची. जांबाज दारोगा को मार डाला स्‍थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि डाकूओं ने पहले स्‍कूल के बच्‍चों का अपहरण किया और इसके बाद उन्‍हें ले जाने के लिए रोडवेज की एक बस रुकवा कर सवारियों को उतरने की धमकी देने लगे. कुछ सवारियां बस से उतरने लगी, लेकिन बस में बैठा एक व्‍यक्‍ति डाकुओं से भिड़ गया. उसने बस से नीचे उतरने मना कर दिया और दूसरों को भी ऐसा करने से रोका. जिसके बाद डाकू उसके सीने पर बंदूक लगाकर धमकाने लगे. असल में वह व्‍यक्‍ति उसी थाने का एक सब इंस्‍पेक्‍टर महाबीर सिंह था. जब उसने अपना परिचय दिया, डाकूओं ने उसे धक्‍का देना चाहा. महाबीर ने एक डाकू की राइफल छीननी चाही, लेकिन तभी एक महिला डाकू ने गोली चला दी. जिसके बाद अफरा तफरी का माहौल हो गया और पूरी बस खाली हो गई. डाकू बच्‍चों को लेकर बस में चले गए. महाबीर सिंह की मौत हो गई. डाकूओं ने क्‍यों किया था क्‍लास का अपहरण जब इस मामले की पूरी जांच की गई तो पता चला कि उन डाकूओं ने इतने बच्‍चों का अपहरण इसलिए किया था कि उन्‍हें जिस बच्‍चे को उठाना था, उसकी वह ठीक से पहचान नहीं कर पाए थे. हालांकि बाद में उन्‍होंने एक एक करके सारे बच्‍चों को छोड़ दिया था और उस बच्‍चे को रोक दिया था जिस बच्‍चे के लिए उन्‍हें फ‍िरौती वसूलनी थी बाद में पैसा मिलने पर उन्‍होंने उसे भी छोड़ दिया. सब इंस्‍पेक्‍टर के कायल हो गए आईपीएस आईपीएस अजय राज शर्मा अपनी किताब बाइटिंग द बुलेट में लिखते हैं कि इस घटना में मारे गए महाबीर सिंह की बहादुरी के वह कायल हो गए. उन्‍होंने सोचा कि कैसे जाबांज सिपाही उन डाकूओं से भिड़ गया. अजय राज के मुताबिक महाबीर जब उन डाकूओं से भिड़ रहा था, उस समय उसके हाथ में एक डाकू का पट्टा आ गया था. जिसे उठाकर उन्‍होंने उसकी मौत का बदला लेने की ठानी थी. वह लिखते हैं कि इसी घटना ने उन्‍हें झकझोर कर रख दिया और अपराधियों के प्रति उनका नजरिया बदल गया. इंस्‍पेक्‍टर की बेरहमी से की गई हत्‍या ने उनका खून खौला दिया. बाद में जब उन्‍हें ऑपरेशन चंबल घाटी के लिए वहां भेजा गया, तब उन्‍होंने इस गैंग का सफाया कर दिया. इसी अभियान के बाद ही उन्‍हें एसटीएफ की कमान सौंपी गई थी. Tags: Agra news, Education, Education news, IPS Officer, IPS officers, New books, UP news, UPSCFIRST PUBLISHED : September 25, 2024, 09:57 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed