पिता चलाते हैं ऑटो बेटे ने क्रैक किया JEE अब 10x10 फीट के कमरे से पहुंचा IIT
पिता चलाते हैं ऑटो बेटे ने क्रैक किया JEE अब 10x10 फीट के कमरे से पहुंचा IIT
JEE IIT Success Story: अगर कुछ कर गुजरने की इच्छा हो, तो किसी भी बाधाओं को पार कर लिया जाता है. ऐसे ही कहानी मुंबई के एक 17 वर्षीय लड़के की है, जो 10 फीट x 10 फीट के एक कमरे से IIT तक का अपना सफर पूरा किया है.
JEE Success Story: कहते हैं न कि अगर हौसला बुलंद हो और कुछ कर गुजरने की चाहत हो, तो हर बाधाओं को पार कर लिया जाता है. ऐसे ही कहानी एक 17 वर्षीय लड़के की है. उन्होंने देश के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों में से एक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में जगह पक्की करने के लिए टॉप रैंक और स्कोर के साथ JEE एडवांस्ड 2024 की परीक्षा को पास किया है. हम जिस लड़के की बात कर रहे हैं, उनका नाम पार्थ विराज वैटी है.
मुंबई में ऑटो रिक्शा चालक सुधाकर विराज वैटी (Parth Viraj Vaity) के बेटे पार्थ ने JEE एडवांस्ड 2024 की परीक्षा में 267 अंकों के साथ ऑल इंडिया रैंक 367 हासिल की हैं. इससे पहले पार्थ ने JEE मेन 2024 में 591 OBC रैंक के साथ ऑल इंडिया रैंक 3092 स्कोर किया था.
10 फीट x 10 फीट के कमरे से पूरा किया IIT का सपना
परिवार की आर्थिक तंगी के कारण पार्थ (Parth Viraj Vaity) की सफलता का सफर चुनौतियों से भरा रहा है. मुंबई के उपनगर मुलुंड में अपने माता-पिता के साथ 10 फीट x 10 फीट के एक कमरे के घर में रहते हैं. इसके बावजूद पार्थ ने अपने माता-पिता के सपनों को पूरा करने के लिए सभी बाधाओं को पार कर लिया है. उनके पिता ऑटो रिक्शा चलाकर प्रतिदिन 400 से 500 रुपये कमाते हैं, जबकि उनकी मां, नीता विराज वैटी, अपने बेटे की शिक्षा में योगदान देने के लिए घरेलू सहायिका के रूप में काम करती हैं.
12वीं हासिल की 98.4% अंक
पार्थ (Parth Viraj Vaity) को मुंबई में एक अंग्रेजी माध्यम के निजी स्कूल में पढ़ाने के लिए उनके माता-पिता ने खूब सपोर्ट किया और पार्थ भी अपने माता-पिता के उम्मीदों पर खरा उतरा. उन्होंने सीबीएसई कक्षा 12वीं की परीक्षा में 98.4% अंक प्राप्त करके शानदार परफॉर्म किया. उनके माता-पिता ने कोई खर्च नहीं छोड़ा, यह सुनिश्चित करते हुए कि उन्हें महंगी किताबें और ट्यूशन फीस सहित गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, जिससे उनकी शिक्षा के मार्ग में कोई बाधा न आए.
सफलता की कुंजी हैं माता-पिता
पार्थ अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं. साथ ही उनकी सफलता का मंत्र मेहनत से पढ़ाई करना था, जिसमें क्लासवर्क को दोहराना और कठिन JEE परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रतिदिन होमवर्क पूरा करना शामिल था. पार्थ (Parth Viraj Vaity) बताते हैं कि उन्होंने JEE में सफलता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न संदर्भ पुस्तकों से अध्ययन किया. अपने खाली समय में पार्थ को किताबों की दुनिया में सुकून मिलता है, खास तौर पर उन्हें कहानियों की किताबें पढ़ने में मज़ा आता है.
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Tags: Iit, JEE Advance, Jee main, Success StoryFIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 11:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed