IITians को नौकरी नहीं न हो हैरान USA कॉलेजों के इंडियंस को भी कोई नहीं पूछता
IITians को नौकरी नहीं न हो हैरान USA कॉलेजों के इंडियंस को भी कोई नहीं पूछता
सूचना के अधिकार के अनुसार एक आंकड़ा जारी किया गया, जिसमें बताया गया कि आईआईटी के 30% बच्चों को नौकरी नहीं मिली है. लेकिन इससे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि अमेरिका के नामी कॉलेजों से पासआउट हुए भारतीयों को नौकरी तो दूर इंटर्नशिप तक नहीं ऑफर किया जा रहा है.
IIT Job Placement: आईआईटी या अमेरिका जैसे देशों से पढ़ाई करने के पीछे लोगों का मकसद अच्छी सैलरी वाली नौकरी पाना होता है. लेकिन अभी जारी सूचना के अधिकार के आंकड़ों के अनुसार आईआईटी के 30 प्रतिशत छात्रों को नौकरी नहीं मिली है. लेकिन अमेरिका के नामी कॉलेजों से पासआउट हुए भारतीयों को कोई पूछने वाला भी नहीं है. अमेरिका के इन नामी कॉलेजों से पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों की हालत यह है कि यहां नौकरी तो दूर इंटर्नशिप तक के ऑफर मिलना मुश्किल हो रहा है.
अमेरिका के जिन नामी कॉलेजों की बात कर रहे हैं, उन्हें आइवी लीग संस्थानों का एक ग्रुप माना जाता है. इसमें अमेरिका के आठ संस्थान ब्राउन यूनिवर्सिटी, कोलंबिया यूनिवर्सिटी, कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, डार्टमाउथ कॉलेज, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी, प्रिंसटन यूनिवर्सिटी और येल यूनिवर्सिटी शामिल हैं. इन यूनिवर्सिटी के छात्रों को भी इंटर्नशिप और नौकरी के अवसर हासिल करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
अमेरिका के इन टॉप यूनिवर्सिटी से ताल्लुक रखने वाले आदर्श खंडेलवाल ने बताया कि आइवी लीग स्कूलों सहित लगभग 400 ग्रेजुएट छात्रों को इस समर इंटर्नशिप में कोई ऑफर नहीं मिले हैं. वैश्विक आर्थिक मंदी और चुनावी साल के दौरान स्थानीय छात्रों को काम पर रखने को प्राथमिकता देने वाली कंपनियां प्रमुख कारक हैं. इसके अलावा एसटीईएम यानी साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स के छात्रों को भी मुश्किल हो रही है, क्योंकि टेक्नोलॉजी और कंसल्टेंट कंपनियां नियुक्तियां बंद कर रही हैं. शिक्षा के लिए बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों के अमेरिका जाने के बावजूद नौकरी की संभावनाएं धूमिल बनी हुई हैं.
Tags: IIT MadrasFIRST PUBLISHED : May 23, 2024, 16:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed