CBSE और ICSE में क्या अंतर है बच्चे का एडमिशन करवाने से पहले समझें फर्क
CBSE और ICSE में क्या अंतर है बच्चे का एडमिशन करवाने से पहले समझें फर्क
CBSE vs ICSE Board: सीआईएससीई बोर्ड ने आज 10वीं आईसीएसई और 12वीं आईएससी रिजल्ट जारी कर दिया है. देशभर के स्टूडेंट्स की निगाहें अब सीबीएसई बोर्ड रिजल्ट 2024 पर टिकी हुई हैं. इसके साथ ही स्कूलों में एडमिशन की प्रक्रिया भी चल रही है. बच्चे का एडमिशन कहीं करवाने से पहले जानिए, सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड में क्या फर्क है.
नई दिल्ली (CBSE vs ICSE Board). सीबीएसई और सीआईएससीई बोर्ड काफी लोकप्रिय हैं. बड़ी संख्या में लोग इन दोनों बोर्ड के बीच का अंतर समझना चाहते हैं. दरअसल, बहुत लोग इन बोर्ड्स के बीच में कंफ्यूज्ड रहते हैं. इन दोनों ही बोर्ड से संबद्ध स्कूल देशभर में हैं. लेकिन दोनों बोर्ड के सिलेबस और स्टडी फॉर्मेट में काफी फर्क है. स्कूल में बच्चे का एडमिशन करवाने से पहले आपको इन दोनों बोर्ड के बारे में सबकुछ जरूर पता होना चाहिए.
देशभर में 70 से ज्यादा शिक्षा बोर्ड हैं (Education Boards in India). इनमें स्टेट, सेंट्रल और इंटरनेशनल बोर्ड शामिल हैं. यूपी, एमपी, बिहार, झारखंड जैसे स्टेट बोर्ड के अलावा सीबीएसई (CBSE Board) और सीआईएससीई बोर्ड (CISCE Board) भी काफी लोकप्रिय हैं. ट्रांसफरेबल जॉब वाले ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला सीबीएसई या सीआईएससीई (आईसीएसई ICSE, आईएससी ISC) बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में करवाते हैं.
CBSE Board: सीबीएसई बोर्ड क्या है?
सीबीएसई का फुल फॉर्म केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड है. देशभर के ज्यादातर निजी व सरकारी स्कूल सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध हैं (CBSE Schools). इसका मैनजमेंट केंद्र सरकार करती है. केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय जैसे टॉप सरकारी स्कूल इसी से संबद्ध हैं. सीबीएसई बोर्ड का मुख्य फोकस बच्चे की ओवरऑल पर्सनालिटी और इंटेलेक्ट के विकास पर रहता है. जेईई, नीट, सीयूईटी जैसी परीक्षाओं का सिलेबस सीबीएसई बोर्ड पर आधारित होता है. सीबीएसई बोर्ड सिलेबस NCERT द्वारा बनाया जाता है.
CISCE Board Schools: सीआईएससीई बोर्ड क्या है?
CISCE बोर्ड परीक्षा को 2 भागों में बांटा गया है- आईसीएसई (10वीं) और आईएससी (12वीं). ICSE का फुल फॉर्म इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकंडरी एजुकेशन है. इस प्राइवेट बोर्ड की स्थापना भारतीय बच्चों को हाई क्वॉलिटी शिक्षा प्रदान करने के लिए की गई थी. आईसीएसई बोर्ड सिलेबस में भाषा, आर्ट्स और साइंस को समान प्राथमिकता दी जाती है और प्रैक्टिकल्स पर ज्यादा फोकस किया जाता है. इस बोर्ड के सभी स्कूलों में इंग्लिश में पढ़ाई होने से IELTS व TOEFL की तैयारी करने में मदद मिलती है.
Difference between CBSE and ICSE: सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड में क्या अंतर है?
सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड में सबसे बड़ा फर्क उनके सिलेबस का है. सीबीएसई साइंस और मैथ्स पर ज्यादा फोकस करता है, जबकि आईसीएसई में भाषा, आर्ट्स और साइंस पर बराबर फोकस रखा जाता है. आईसीएसई का सिलेबस ज्यादा विस्तृत होता है. वहीं, सीबीएसई सिलेबस बच्चों को जेईई और नीट जैसी परीक्षाओं की तैयारी करवाने के हिसाब से बनाया जाता है. जानिए देश के दो बड़े बोर्ड के बीच क्या फर्क है-
1- CBSE vs ICSE: किस बोर्ड में ज्यादा स्टूडेंट्स हैं?
भारत में आईसीएसई बोर्ड से संबद्ध करीब 2700 स्कूल हैं, वहीं सीबीएसई के 27 हजार से ज्यादा हैं. सीबीएसई बोर्ड से पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा है. सीबीएसई नेटवर्क सभी केंद्रीय विद्यालयों, जवाहर नवोदय विद्यालय, अधिकतर सरकारी स्कूल व कई निजी स्कूलों को कवर करता है. आईसीएसई प्राइवेट बोर्ड है, जिसका फोकस सिर्फ अंग्रेजी पर रहता है. इस बोर्ड से संबद्ध स्कूल ग्रामीण इलाकों में नहीं हैं. ICSE स्कूल में पढ़कर विदेशी यूनिवर्सिटी में दाखिले की तैयारी करना आसान होता है.
2- CBSE vs ICSE: दोनों बोर्ड के सिलेबस में क्या अंतर है?
सीबीएसई सिलेबस में गणित और विज्ञान पर ज्यादा फोकस किया जाता है (CBSE Syllabus). इससे बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलती है. वहीं, आईसीएसई में इंग्लिश भाषा पर पकड़ और एनालिटिकल स्किल्स पर फोकस रहता है. इनका सिलेबस काफी विस्तृत होता है. यह इंटरनेशनल एजुकेशन स्टैंडर्ड को ध्यान में रखकर बनाया जाता है. सीबीएसई सिलेबस NCERT पर आधारित होता है, जिससे नीट और जेईई परीक्षा में अच्छे मार्क्स स्कोर करने में मदद मिलती है.
3- CBSE vs ICSE: भाषा के मामले में कौन ज्यादा फ्लेक्सिबल है?
सीबीएसई की तुलना में आईसीएसई का सिलेबस ज्यादा विस्तृत और कठिन होता है. इसमें बच्चों को अंग्रेजी भाषा की ट्रेनिंग दी जाती है. आईसीएसई व आईएससी बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूलों में मोड ऑफ कम्युनिकेशन सिर्फ इंग्लिश रहता है. वहीं, सीबीएसई बोर्ड के स्कूल इस मामले में काफी फ्लेक्सिबल हैं. यहां हिंदी व इंग्लिश, दोनों भाषाओं में पढ़ाई होती है. आईसीएसई बोर्ड की इंग्लिश सभी भारतीय बोर्ड्स की तुलना में सबसे कठिन होती है. आईसीएसई बोर्ड सिलेबस काफी चुनौतीपूर्ण माना जाता है.
4- CBSE vs ICSE: प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कौन सा बोर्ड बेहतर है?
भविष्य में जेईई (JEE) व नीट (NEET) जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स सीबीएसई बोर्ड में एडमिशन को प्राथमिकता देते हैं. दरअसल, नीट, सीयूईटी व जेईई परीक्षा का सिलेबस सीबीएसई पर आधारित होता है. वहीं, इंग्लिश पर फोकस करने वाले ICSE बोर्ड का सिलेबस प्रतियोगी परीक्षाओं कीन तैयारी के हिसाब से डिजाइन नहीं किया जाता है. उन्हें इन परीक्षाओं के लिए एक्सट्रा मेहनत करनी पड़ती है. हालांकि, लॉन्ग रन में आईसीएसई बोर्ड का सिलेबस ज्यादा काम आता है.
5- CBSE vs ICSE: किस बोर्ड से संबद्ध स्कूल की फीस ज्यादा है?
सीआईएससीई बोर्ड से संबद्ध स्कूलों की फीस ज्यादा होती है (School Fees). ये सभी प्राइवेट स्कूल होते हैं और इनके खर्च पर सरकार का खास नियंत्रण नहीं होता है. वहीं, सीबीएसई बोर्ड में सरकारी व प्राइवेट, दोनों स्कूल होते हैं. ऐसे में इनकी फीस आईसीएसई बोर्ड की तुलना में कम होती है. बता दें कि फीस शहर, लोकेशन और स्कूल की प्रतिष्ठा के स्तर जैसे फैक्टर्स पर भी निर्भर करती है. स्कूल एडमिशन के वक्त पेरेंट्स को अपने बजट का ख्याल जरूर रखना चाहिए.
CBSE Board Advantages and Disadvantages: सीबीएसई बोर्ड में पढ़ाई के फायदे और नुकसान
1- राष्ट्रीय स्तर: सीबीएसई देशभर में सबसे व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त बोर्ड है. ट्रांसफरेबल जॉब वाले अभिभावकों के लिए सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध स्कूल बेहतर रहते हैं.
2- प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी: जेईई, नीट और सीयूईटी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए इसका सिलेबस बेहतर है.
3- फ्लेक्सिबल पाठ्यक्रम (CBSE Board Syllabus): इस बोर्ड में इलेक्टिव विषयों की संख्या ज्यादा है. इससे बच्चों को उनकी रुचियों को एक्सप्लोर करने का अवसर मिलता है.
4- कम फीस (CBSE Board School Fees): आईसीएसई बोर्ड के स्कूलों की तुलना में सीबीएई बोर्ड के स्कूलों की फीस कम होती है.
5- कम व्यापक: आईसीएसई की तुलना में सीबीएसई का सिलेबस कम व्यापक होता है. इन स्कूलों में भाषा और कला के बजाय साइंस और मैथ्स को ज्यादा वरीयता दी जाती है.
6- भाषाई सीमा: सीबीएसई बोर्ड के ज्यादातर स्कूल हिंदी और इंग्लिश पर फोकस करते हैं. विदेशी भाषाओं या अंग्रेजी पर स्ट्रॉन्ग कमांड बना पाना आसान नहीं होता है.
ICSE Board Advantages and Disadvantages: आईसीएसई बोर्ड में पढ़ाई के फायदे और नुकसान
1- संतुलित पाठ्यक्रम (ICSE Board Syllabus): आईसीएसई बोर्ड से संबद्ध स्कूलों का सिलेबस काफी विस्तृत और संतुलित होता है. यहां भाषा, कला और विज्ञान पर बराबर फोकस किया जाता है.
2- अंग्रेजी पर कमांड: विदेश में पढ़ाई या नौकरी का सपना संजोने वालों के लिए इस स्कूल का मीडियम ऑफ एजुकेशन बेस्ट है.
3- स्किल डेवलपमेंट: आईसीएसई बोर्ड में एनालिटिकल थिंकिंग और हर विषय की विस्तृत अंडरस्टैंडिंग पर फोकस किया जाता है.
4- स्कूलों की संख्या (ICSE Board Schools): भारत में आईसीएसई बोर्ड से संबद्ध स्कूलों की संख्या कम है. ट्रांसफरेबल जॉब वालों के लिए यह समस्या रहती है. हालांकि जो अभिभावक भविष्य में विदेश शिफ्ट होना चाहते हों, उनके लिए ये स्कूल बेस्ट हैं.
5- प्रतियोगी परीक्षाओं पर कम फोकस: आईसीएसई बोर्ड सिलेबस से पढ़ाई करने पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में डबल मेहनत करनी पड़ती है.
6- पढ़ाई का प्रेशर: विस्तृत सिलेबस होने की वजह से आईसीएसई बोर्ड स्कूल के बच्चों पर पढ़ाई का लोड ज्यादा रहता है.
7- सबसे ज्यादा है फीस (ICSE Board School Fees): आईसीएसई और आईबी बोर्ड के स्कूलों की फीस सबसे ज्यादा होती है.
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Tags: Cbse board, Cbse news, CISCE, ICSE, ISC, School AdmissionFIRST PUBLISHED : May 6, 2024, 13:35 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed