गोरखपुर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बोले-स्मार्ट थिंकिंग से बढ़ेगा हैप्पी इंडेक्स

DDUG गोरखपुर में nutraceutical एवं फंक्शनल फूड पर शोध करने वाले डॉक्टर अभय कुमार बताते हैं कि, वह पिछले एक दशक से स्मार्ट फूड और स्वास्थ्य पर शोध कर रहे हैं. डॉक्टर अभय कुमार ने शोध में पाया है कि, भोजन में देसी पदार्थ का प्रयोग करें तो मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहा जा सकता है. खिचड़ी जैसे फूड को हम इग्नोर करते हैं.

गोरखपुर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बोले-स्मार्ट थिंकिंग से बढ़ेगा हैप्पी इंडेक्स
रजत भटृ/गोरखपुर: ‘दीनदयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी गोरखपुर’ ( DDUG) के डिपार्टमेंट ऑफ बॉटनी के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अभय कुमार पिछले कई सालों से एक ऐसा रिसर्च कर रहे हैं. जिसके जरिए लोगों को खुश रखा जा सकता है. वह उनका हैप्पी इंडेक्स ऊपर जा सकेगा. प्रोफेसर ने बताया कि उनके पुराने सभ्यता संस्कृति में कई ऐसी चीज थी. जिसे हमारे पूर्वज निभाते चले आ रहे थे, लेकिन जैसे-जैसे जनरेशन आगे बढ़ा वैसे-वैसे उन्होंने पुरानी परंपराओं को छोड़कर नई चीजों को अपने जिंदगी में इंवॉल्व किया. एसोसिएट प्रोफेसर ने बताया कि इस वजह से उनके शरीर में एक बड़ा डिसऑर्डर देखने को मिल रहा है. जिससे लोगों का ‘हैप्पी इंडेक्स’ काफी नीचे गिर रहा है. वह हर वक्त स्ट्रेस में रहते हैं और कुछ ना कुछ सोचते रहते हैं. एसोसिएट प्रोफेसर ने बताया कि रिसर्च के जरिए स्मार्ट ईटिंग और स्मार्ट थिंकिंग को अपने लाइफ में इंवॉल्व करने के बाद लोगों के हैप्पी इंडेक्स को बढ़ाया जा सकता है. प्रोफेसर कर रहे शोध दीनदयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी गोरखपुर में Nutraceutical एवं फंक्शनल फूड पर शोध करने वाले एसोसिएट प्रोफेसर अभय कुमार बताते हैं कि वह पिछले एक दशक से स्मार्ट फूड और स्वास्थ्य पर शोध कर रहे हैं. एसोसिएट प्रोफेसर ने शोध में पाया कि भोजन में देशी पदार्थ का प्रयोग करें तो मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहा जा सकता है. खिचड़ी जैसे फूड को हम इग्नोर करते हैं. जबकि वह सबसे ज्यादा लाभदायक होता है. साथ में दही चूड़ा सबसे अच्छा प्रोबायोटिक्स (probiotics) है. जो किसी भी बाजार के प्रोडक्ट से सबसे बेहतर है. एसोसिएट प्रोफेसर ने बताया कि दही चूड़ा में पाए जाने वाला ‘lactobacilli’ बैक्टीरिया होता है जो हमारे शरीर के सेरोटोनिन हार्मोन को बढ़ा देता है और हमें दिन में खुश रखता है. जो ज्यादा स्मार्टफोन का इस्तेमाल करता है. उसे दूध के साथ अश्वगंधा लेना चाहिए जिससे अच्छी नींद आती है. जानें कैसे बढ़ेगा हैप्पी इंडेक्स प्रोफेसर डॉक्टर अभय कुमार ने बताया कि प्राकृतिक द्वारा दिए गए विभिन्न औषधीय एवं फल सब्जियां, जड़ी बूटी के ऊपर ‘टेलर एवं फ्रांसिस’ USA द्वारा प्रकाशित एक पुस्तक लिखी है, जिसमें प्रोफेसर ने सारी जड़ी बूटी एवं औषधीय के ऊपर वैज्ञानिक आधार के साथ संपूर्ण स्वास्थ्य के ऊपर अपने शोध को प्रकाशित किया है. प्रोफेसर ने बताया कि उदर पेट और मस्तिष्क आपस में जुड़े रहते हैं. इसीलिए स्वास्थ्य उदर ही स्वस्थ मस्तिष्क का कारण होता है. साथ ही सोसाइटी में हर व्यक्ति का हैप्पीनेस Index का कारण है कि सेरोटोनिन, डिपोमिन Oxytocin का खून में लेवल पॉजिटिव और सकारात्मक लोगों में ज्यादा पाया जाता है. हैप्पी मन हमेशा प्रगति और Creations करते हैं. इसी के जरिए लोगों के हैप्पी इंडेक्स का लेवल भी नापा जा सकता है. Tags: Gorakhpur city newsFIRST PUBLISHED : May 16, 2024, 18:04 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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