यूपी में यहां तैयार होता है मजबूत और टिकाउ नाव हर साल मिलते हैं लाखों के ऑडर
यूपी में यहां तैयार होता है मजबूत और टिकाउ नाव हर साल मिलते हैं लाखों के ऑडर
दुकानदार अलाउद्दीन ने बताया कि पांचाल घाट पर जो भी खरीदार आता है, वह पहले नाव के आकार के अनुसार ही ऑर्डर देते हैं. उन्होंने बताया कि 14 फीट का नाव बनाने का ऑर्डर देते हैं तो उसकी कीमत 16 हजार, 18 फीट वाले नाव की कीमत 25 हाजर और 22 फीट वाले नाव की कीमत 40 हजार तक होती है.
फर्रुखाबाद. देशभर में अपराकाशी के नाम से मशहूर पांचाल घाट वह स्थान है जो खुद मां गंगा की गोद में बसा हुआ है. यहां अविरल बहती मां गंगा के घाटों पर सैकड़ों बरसों से यूं ही निरंतर यहां पर तैयार की गई नौकाएं हजारों लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचाती है. वहीं फर्रुखाबाद को नाव बनाने और बिक्री करने के लिए जाना जाता है.
यहां के कारीगर नाव बनाने के लिए मजबूत और टिकाऊ लकड़ी का प्रयोग करते हैं. जो लंबे समय तक यूं ही पानी पर बनी रहती है और कोई भी अतिरिक्त प्रभाव नहीं पड़ता है. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से नाविक यहां आकर नाव खरीदते हैं.
बाढ़ प्रभावित इलाकों में नाव की अधिक डिमांड
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में जब सभी मार्ग बंद हो जाते हैं, तो एकमात्र सहारा नाव ही होती है. ऐसे समय पर आवागमन के लिए लोग नाव का प्रयोग करते हैं. यही कारण है कि यहां बनने वाले नाव की गुणवत्ता के चलते डिमांड बनी रहती है. नाव की ख्हांरीदारी के लिए कई जनपदों से ऑर्डर मिल चुका है. पहाड़ों पर हो रही लगातार भारी बारिश के कारण मैदानी इलाकों में नदियां उफान पर है. बाढ़ प्रभावित इलाकों में आवागमन और गृहस्थी के सामान को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है.
आकार के अनुसार तय होती है नाव की कीमत
दुकानदार अलाउद्दीन ने बताया कि नाव बनाने का काम चाचा से सीखा था. यह परंपरागत कार्य है और खुद से नाव तैयार करते हैं. यहां तैयार होने वाले नाव का प्रयोग विभिन्न जनपदों में हो रहा है. उन्होंने बताया कि पांचाल घाट पर जो भी खरीदार आता है, वह पहले नाव के आकार के अनुसार ही ऑर्डर देते हैं. उन्होंने बताया कि 14 फीट का नाव बनाने का ऑर्डर देते हैं तो उसकी कीमत 16 हजार, 18 फीट वाले नाव की कीमत 25 हाजर और 22 फीट वाले नाव की कीमत 40 हजार तक होती है. उन्होंने बताया कि यहां मजबूत और टिकाऊ नाव बनाते हैं. जिसमें आमतौर पर जमुना, नीम, बाबुल और चांदनी की लकड़ी का प्रयोग करते हैं.
मोटर बोट भी तैयार करते हैं कारीगर
बारिश के इस सीजन में ज्यादातर जिलों में बाढ़ का सितम देखने को मिल रहा है. ऐसे समय पर नाव ही एकमात्र साधन है, जो पानी के ऊपर से आसानी से गुजर कर हर किसी को अपनी मंजिल तक पहुंचाता है. फर्रुखाबाद में बनने वाले नाव को मजबूत और टिकाऊ माना जाता है. यही वजह है कि शाहजहांपुर, सीतापुर, बरेली, कानपुर, कन्नौज, हरदोई, शाहजहांपुर, पीलीभीत, लखीमपुर व बदायूं से आर्डर मिले हैं. वहीं दूसरे जिलों से लोग आकर ऑर्डर दे रहे हैं. कारीगर ऑर्डर को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. अब तक करीब 50 नाव तैयार कर शाहजहांपुर और पीलीभीत भेजा जा चुका है. यहां मोटर बोट भी तैयार होता है. जिसकी कीमत 2.5 लाख तक है.
Tags: Farrukhabad news, Local18, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : August 6, 2024, 13:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed