सोलर एनर्जी से चलेगी कार 11 साल की मेहनत के बाद कश्मीर के युवक ने की तैयार सड़क पर फर्राटे से दौड़ रही
सोलर एनर्जी से चलेगी कार 11 साल की मेहनत के बाद कश्मीर के युवक ने की तैयार सड़क पर फर्राटे से दौड़ रही
बिलाल कहते हैं, मेरी योजना इकोनॉमिकल कार बनाने की थी. ऐसे में मैंने मोनो सोलर का प्रयोग किया है. यह कम डायमेंशन में ज्यादा पॉवर जेनरेट करता है. सूर्य की रोशनी की दिशा के लिए इसमें रिमोट से ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया गया है. ताकि सोलर पैनल की दिशा बदली जा सके.
रिपोर्ट- शब्बीर अहमद
श्रीनगर : पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं. इनसे चलने वाली गाड़ियों का प्रदूषण भी हमारे लिए लगातार खतरा बढ़ाता जा रहा है. ऐसे में कश्मीर के एक शख्स ने सोलर+इलेक्ट्रिकल कार तैयार की है. यह कार 40% एनर्जी सोलर एनर्जी से लेगी और 60% इलेक्ट्रिक से. खास बात है कि ये कार आम आदमी को देखते हुए बनाई गई है. इसकी कीमत भी ज्यादा नहीं आने वाली है. शख्स का दावा है कि अभी तक आपने जो इलेक्ट्रिक या सोलर कार देखी होंगी या यूनिवर्सिटीज के रिसर्चर्स ने प्रेजेंटेशन दिए हैं वे सब प्रोटोटाइप हैं. लेकिन, उनकी कार ऑन रोड है और वह पिछले दो साल से उसे चला भी रहे हैं.
कार बनाने वाले शख्स का नाम बिलाल अहमद है. उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग की है और एक प्राइवेट कॉलेज में लेक्चरर हैं. लेकिन, वह कारों पर 2008 से काम कर रहे हैं. उनका दावा है कि उन्होंने सबसे पहले 2008 में एक हाइड्रोजन कार बनाने का निर्णय लिया. लेकिन, वह सफल नहीं हो पाए. इसके एक साल बाद उन्होंने सोलर कार बनाने का निर्णय लिया और करीब 11 साल की मेहनत के बाद अब कार ऑन रोड है. वह कार पिछले दो साल से चला रहे हैं और उसमें लगातार मोडिफिकेशन करते जा रहे हैं. अब उनकी कार फाइनल स्टेज में है.
1950 के बाद बनी हर गाड़ी पर की रिसर्च
बिलाल कश्मीर के लाल चौक से 6 किमी दूर संतनगर के रहने वाले हैं. उनका दावा है कि उन्होंने 1950 के बाद से दुनिया में तैयार हुई लगभग हर तरह की लग्जरी गाड़ी पर रिसर्च कर चुके हैं. न्यूज 18 से बात करते हुए वह कहते हैं, मैंने ढेरों रिसर्च पेपर पढ़ें. वीडियोज देखें. उसके बाद मैंने स्टेप-बाई- स्टेप अपने प्रोजेक्ट पर काम किया. मैं हाइड्रोजन कार बनाने में असफल हो चुका था, लेकिन इसके लिए मैंने पूरा समय लिया और इसे तैयार कर दिया.
सोलर एनर्जी फ्री होने से ये इकोनॉमिकल है
न्यूज 18 से वह कहते हैं, हाइड्रोजन कार बनाने में कई दिक्कतें आई थीं. इसी दौरान मुझे सोलर एनर्जी से चलने वाली कार के बारे में जानकारी हुई और मैंने इस पर रिसर्च शुरू किया. सोलर एनर्जी एक फ्री एनर्जी है. ऐसे में ये लोगों के लिए इकोनॉमिकल है. हालांकि, कार का सर्फेस एरिया कम होता है. उस पर सोलर पैनल लगवाना आसान काम नहीं था. ये मुझे लगातार परेशान कर रहा था, क्योंकि कार के मोटर के लिए ज्यादा पॉवर की जरूरत होती है और ज्यादा पॉवर के लिए सोलर एनर्जी की ज्यादा जरूरत है.
मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल देता है ज्यादा एनर्जी
इसी दौरान मैंने सोलर पैनल पर रिसर्च की. मुझे दिखा कि पॉलिक्रिस्टलाइन सोलर पैनल ज्यादा स्पेस लेता है. लेकिन मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल कम स्पेस लेता है और ज्यादा एनर्जी देता है. यहां मेरा काम आसान होता गया. क्योंकि कार के लिए मुझे कम सर्फेस एरिया घेरने वाला सोलर पैनल चाहिए था. मैं यहां कामयाब रहा. हालांकि, इसमें मैंने पॉवर का डिस्ट्रिब्यूशन कर दिया. सोलर पैनल से 40% ऊर्जा तो इलेक्ट्रिलक पैनल से 60% ऊर्जा लेने की व्यवस्था की और इसमें कामयाब भी रहा.
वह बताते हैं कि उन्होंने ऑटोमैटिक कार को इलेक्ट्रिक कार में कन्वर्ट किया है. ऑटोमैटिक कार में गेयर रेशियो मैनुअल की तुलना में ज्यादा बेहतर होता है. मैनुअल कार को मोडिफाई करने में इंजन सीज होने का खतरा होता है, जो इसमें नहीं है. ये ऑटोमैटिक चलता है. इसमें कार्बोरेटर भी नहीं है. इसमें एक कंट्रोलर लगा हुआ है, जिससे पूरी जानकारी ड्राइविंग सीट पर बैठे शख्स को होती है.
आम लोग अफॉर्ड कर सकते हैं ये कार
वह कहते हैं, चूंकि मेरी योजना इकोनॉमिकल कार बनाने की थी. ऐसे में मैंने मोनो सोलर का प्रयोग किया है. इसमें कम डायमेंशन की जरूरत होती है और ज्यादा पॉवर जेनरेट करता है. सूर्य की रोशनी की दिशा के लिए इसमें रिमोट से ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया गया है. ताकि सोलर पैनल की दिशा बदली जा सके. ये रिमोट एक किमी से ज्यादा दूरी से कंट्रोल हो सकता है. इसकी सहायता से पैनल दोनों तरफ खुल सकता है. इसकी कॉस्ट भी बेसिक कार की तुलना में लगभग बराबर होगी, जिससे आम लोग भी इसे अफॉर्ड कर सकें.
11 साल की मेहनत और लगातार मोडिफिकेशन
वह कहते हैं, मैंने इस पूरे प्रोजेक्ट पर आईआईटी श्रीनगर के दो प्रोफेसरों से भी डिस्कशन किया है. उन्होंने इसकी तारीफ की है और कहा है कि और भी दूसरी जगह इसे बनाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन प्रोटोटाइप ही है. ये नहीं कहा जा सकता है कि वह चलेगा या नहीं. लेकिन, आप इसे चला रहे हैं. यह एकदम फिनिश मोड में है. 11 साल की मेहनत है और लगातार मोडिफिकेशन है. वह कहते हैं कि ऐसे प्रदेश या इलाके जो ठंडे रहते हैं. सूर्य कम निकलता है उसके लिए भी मोनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल काफी उपयोगी है. कार के दरवाजों पर कम रोशनी पड़ती है, इसलिए उसे ऊपर की तरफ खोला गया है. इस पर भी सोलर पैनल लगे हुए हैं. ये सूरज की दिशा की तरफ स्थिति बदल सकते हैं.
वह कहते हैं, कार इकोनॉमिकल है. इसमें चार लोग आराम से बैठ सकते हैं. कार में एसिड बैट्री का इस्तेमाल किया गया है. हालांकि, इसमें लिथियम बैट्री भी इस्तेमाल की जा सकती है. बस इसके लिए अतिरिक्त प्रोटेक्शन सर्किट तैयार करना होगा. इसकी कीमत भी आम कारों के बराबर है. हालांकि, वह कहते हैं कि अभी किसी बड़ी कंपनी या प्रोजेक्ट से उन्हें ऑफर नहीं आया है, लेकिन उन्हें लगता है कि उनका ये प्रोजेक्ट काफी सक्सेसफुल होने वाला है.
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Tags: Electric Car, Made in India, up24x7news.com Hindi Originals, Solar systemFIRST PUBLISHED : June 21, 2022, 15:34 IST