श्मशान घाट में लग गई लाइन 20 दिनों में 300 से अधिक शवों का हुआ दाह संस्कार
श्मशान घाट में लग गई लाइन 20 दिनों में 300 से अधिक शवों का हुआ दाह संस्कार
नोएडा लोक मंच संस्था के एक्सक्यूटिव सेक्रेटरी आरएन श्रीवास्तव ने बताया कि जून महीने में अंतिम निवास में शव आने के आंकड़े में 40 से 45 प्रतिशत की बढोतरी आई है.
सुमित राजपूत/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे जनपद गौतमबुद्ध नगर में वैसे तो कई जगह श्मशान घाट हैं. लेकिन सबसे ज्यादा शवों का दाह संस्कार नोएडा सेक्टर 94 और उसके बाद ग्रेनो के सफीपुर गांव के पास मोक्ष धाम में किया जाता है. जून महीने में हमने यहां अज्ञात शवों के दाह संस्कार की पड़ताल की, तो जाना कि इस संख्या ने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड दिए हैं. लोक मंच संस्था अंतिम निवास का संचालन करती है. जिनके रिकॉर्ड के मुताबिक 1जून से लेकर 21 जून तक 69 अज्ञात शवों का यहां दाह संस्कार किया गया है. वहीं ग्रेनो में 3 अज्ञात शवों का दाह संस्कार किया गया. वही ज्ञात में ये संख्या साढ़े 300 के ऊपर पहुंचेगी.
बीते पांच महीने में नहीं जितने 20 दिन में आए अज्ञात शव
आपको बता दें कि वैसे हर साल एक आंकड़े के मुताबिक एवरेज 200 शवो का दाह संस्कार जिले में किया जाता है. उसी एवरेज से जनवरी 2024 से मई महीने तक अज्ञात शव अंतिम निवास में आ रहे थे. लेकिन जैसे ही जून माह आया तो अज्ञात शवों की लाइन लग गई और सभी रिकॉर्ड तोड दिए. 1 जून से लेकर 12 जून तक यहां 48 शवों का और ग्रेनो में 1 शव का जबकि 13 से 21 जून तक यहां 21 और ग्रेनो में 2 शवों का दाह संस्कार किया गया. जो कि कुल संख्या 72 होती है. जबकि जनवरी 2024 से मई तक 69 शव जिले में मिले थे. अगर इसी तरह रहा तो ये संख्या 100 से ऊपर इस महीने जा सकती है. वहीं ज्ञात शवांे की बात करें तो 21 जून तक साढ़े 300 शव यहां उनके परिजन द्वारा दाह संस्कार के लिए ला चुके हैं.
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से अज्ञात शवों की हो रही दुर्गति
नोएडा लोक मंच संस्था के एक्सक्यूटिव सेक्रेटरी आरएन श्रीवास्तव ने बताया कि जून महीने में अंतिम निवास में शव आने के आंकड़े में 40 से 45 प्रतिशत की बढोतरी आई है. वहीं पोस्टमार्टम हाउस स्वास्थ्य विभाग के अंडर में आता है और अंतिम निवास के बराबर में है, वहां सही से रखरखाव और अवश्यता अनुसार डीप फ्रीजर नहीं है. जिसके कारण जमीन पर पड़ी हुई डेडबॉडी सड़ती है और उनसे दुर्गंध आने लगती है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार स्थानीय प्रशासन को लावारिस शवो के दाह संस्कार के लिए रुपए देती है. लेकिन वो पैसा कहां जाता है, पता नहीं चलता. हमें आजतक एक रुपए नहीं दिया गया. आप हमें न दो लेकिन उस लावारिस पुण्य आत्मा की डेडबोडी का तो कम से कम सही से रख रखरखाव कर दो. ताकि लाश सड़े नहीं उससे दुर्गंध न आए.
Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : June 23, 2024, 13:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed