ब्रेस्ट कैंसर के खिलाफ अभियान गरीबों के लिए भगवान! कुछ ऐसी हैं ये डॉक्टर दीदी
ब्रेस्ट कैंसर के खिलाफ अभियान गरीबों के लिए भगवान! कुछ ऐसी हैं ये डॉक्टर दीदी
Women Health: गाजियाबाद में डॉक्टर दीदी के नाम से मशहूर वंदना अक्सर चर्चा में रहती हैं. क्योंकि, डॉक्टर वंदना वर्षों से महिलाओं के ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के लिए कार्य कर रही हैं और समाज में जागरूकता लाने के लिए महंगी जांच को भी कम दरों पर करती हैं.
विशाल झा /गाजियाबाद : गाजियाबाद की वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट उर्फ शहर की डॉक्टर ‘दीदी.’ जी, हां कुछ इसी नाम से ज्यादातर लोग डॉक्टर वंदना अग्रवाल को जानते हैं. ये पूरे शहर में महिलाओं के प्रति विशेष काम करने के लिए चर्चाओं में रहती हैं. डॉक्टर वंदना ने कई वर्षों से भारतीय महिलाओं में तेजी से पांव पसार रहे ब्रेस्ट कैंसर के खिलाफ जंग छेड़ रखी है. इस जंग में मरीजों का साथ देने के लिए डॉक्टर वंदना ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े कई बड़े और महंगे टेस्ट को काफी सामान्य दरों पर करती हैं.
डॉक्टर के बारे में कहा जाता है कि यह एक सेवा से जुड़ा पेशा होता है. लेकिन, जब वंदना ने पढ़ाई पूरी करके इस फील्ड में कदम ही रखा था. तब उनकी पहली प्रैक्टिस ही शिर्डी साईं बाबा संस्थान अस्पताल से शुरू हुई. तब मरीजों की सेवा के बारे में करीब से समझने का मौका मिला. रेडियोलॉजिस्ट वंदना ने वर्ष 1997 में मुंबई के लोकमान्य तिलक अस्पताल से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद रूरल मेडिकल कॉलेज शिर्डी से वर्ष 2007 में एमडी की पढ़ाई की. फिर 2009 में डीएनबी की पढ़ाई की. इसके बाद डॉक्टर वंदना नोएडा -गाजियाबाद के कई बड़े अस्पतालों में भी कार्यरत रहीं. तब मन में आया कि कुछ अपना करना चाहिए, जिससे मरीजों को सीधा फायदा मिल सके. इसको देखते हुए ही डॉक्टर वंदना ने इंदिरापुरम में एक छोटा क्लीनिक खोला, जिसमें केवल एक कमरा और अल्ट्रासाउंड की मशीन थी. आज वही एक कमरा एडवांस कंप्लीट डायग्नोस्टिक इवेलुएशन सेंटर में तब्दील हो गया है. इसमें सभी बड़ी जांच की जाती है.
महिलाओं के लिए हमेशा समर्पित रहती हैं वंदना
रेडियोलॉजिस्ट वंदना द्वारा संचालित इंदिरापुरम स्थित कृष्ण डायग्नोस्टिक एंड एमआरआई सेंटर में करीब 20 स्टाफ काम करते हैं. इसमें से अधिकतर एम्पलाई महिलाएं हैं. इसके अलावा वंदना ने वर्षों से ब्रेस्ट कैंसर फ्री इंडिया के लिए अभियान खोला हुआ है. दरअसल, ये एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जो दबे पांव तेजी से महिलाओं को परेशान कर रही है. शुरुआती स्तर पर महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर को परखने के लिए दो बड़ी जांच की जाती है. इसमें मैमोग्राफी और अल्ट्रासाउंड शामिल होता है. यह सभी जांच महिलाओं को अपने सेंटर पर डॉक्टर वंदना बाजारों से आधे दामों पर ही उपलब्ध कराती हैं.
टॉक फॉर ब्रेस्ट कैंसर जैसे अभियान से जागरूकता
इसके अलावा अगर कोई गरीब तबके की ऐसी महिला आती है, जिसको अपने लक्षणों पर शक है तो उस महिला की जांच निशुल्क की जाती है. डॉ वंदना बताती हैं कि जब कैंसर अवेयरनेस वीक आता है, तब वो गाजियाबाद की सोसाइटी,स्कूल- कॉलेज और सार्वजनिक स्थलों पर ‘टॉक फॉर ब्रेस्ट कैंसर’ जैसे अभियान चलाती हैं. इसमें महिलाओं को इस बीमारी के बारे में खुलकर बात करने के लिए प्रेरित किया जाता है. इसके अलावा इस पूरे हफ्ते के दौरान कई बड़ी जांचों को भारी डिस्काउंट के साथ दिया जाता है. ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं जांच शिविर में शामिल हो.
शर्म के कारण दर्द सहती रहती हैं महिलाएं
डॉ वंदना बताती हैं कि ब्रेस्ट कैंसर के मामले में सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि महिला इस पर खुलकर बात नहीं कर पाती. अपने परिवार के साथ करीबी लोगों को भी अपनी समस्या नहीं बता पाती. अगर स्तन पर कोई गांठ महसूस हो, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. क्योंकि, ब्रेस्ट कैंसर काफी तेजी से फैलता है. कई बार स्तन पर न होकर बगल में भी यह गांठ बन जाती है. इस गांठ में महिला को दर्द नहीं होता. लेकिन छूने पर उसे महसूस किया जा सकता है. जरूरी नहीं है कि हर गांठ का मतलब कैंसर ही हो, लेकिन उसे डायग्नोज करना जरूरी है.
जीन के जरिए फैलता है ब्रेस्ट कैंसर
ज्यादातर महिलाओं में यह जीन के जरिए फैलता है. अगर किसी की मां या फिर मौसी को ब्रेस्ट कैंसर है, तो ऐसे में चांसेस बढ़ जाते हैं. परिवार की अन्य महिलाओं को भी यह बीमारी हो सकती है. इसलिए जांच के माध्यम से इस बीमारी के बारे में पता किया जा सकता है.
Tags: Ghaziabad News, Local18, Medical18FIRST PUBLISHED : May 14, 2024, 09:59 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed