नोएडा में होगी कुत्तों की जनगणना 5 महीने में 61 हजार से ज्यादा लोगों को काटा
नोएडा में होगी कुत्तों की जनगणना 5 महीने में 61 हजार से ज्यादा लोगों को काटा
Noida: आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने के उद्देश्य से नोएडा प्रशासन अक्टूबर में पहली बार कुत्तों की जनगणना करने जा रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य है शहर में आवारा कुत्तों की संख्या का पता लगाना.
नोएडा: आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या के कारण नोएडा प्रशासन एक्शन में नजर आ रहा है. प्रशासन अक्टूबर में पहली बार आवारा कुत्तों की जनगणना करने जा रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य शहर में आवारा कुत्तों की सही संख्या और उनकी नस्लों के बारे में जानकारी इकट्ठा करना है. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि नसबंदी और टीकाकरण के लिए सही दिशा-निर्देश और नीतियां बनाई जा सके.
पॉश इलाकों और हाईराइज सोसाइटी का दौरा
कुत्तों की जनगणना के लिए पशुपालन विभाग की टीमें नोएडा के अलग-अलग हिस्सों, खासकर बड़ी-बड़ी सोसायटियों का दौरा करेंगी. टीमें मोबाइल और वेब एप्लिकेशन का इस्तेमाल करते हुए कुत्तों की नस्ल-विशिष्ट जानकारी इकट्ठा करेंगी. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. विपिन कुमार अग्रवाल ने लोकल 18 से खास बातचीत में बताया कि कुत्तों की जनसंख्या पर अब तक कोई ठोस डेटा उपलब्ध नहीं था. इसके चलते प्रशासन के लिए उनकी संख्या को नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती बना हुआ था. इस जनगणना के साथ यह स्थिति बदलने की उम्मीद है.
पांच महीने में 61 हजार से ज्यादा डॉग बाइट के मामले
जनवरी 2024 से मई के बीच नोएडा के सरकारी अस्पतालों और रेबीज केंद्रों में कुत्तों के काटने के 61,232 मामले दर्ज किए गए हैं. इन आंकड़ों ने प्रशासन को कुत्तों की जनसंख्या नियंत्रण पर ध्यान देने के लिए प्रेरित किया है. खासतौर पर भंगेल, सेक्टर 130, सेक्टर 45, जेजे कॉलोनी और खोड़ा जैसे क्षेत्रों को हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित किया गया है, जहां से सबसे ज्यादा कुत्तों के काटने के मामले सामने आए हैं.
जनगणना का महत्व
डॉ. विपिन कुमार अग्रवाल के मुताबिक, शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को लेकर ज्यादा जानकारी न होने के कारण उनकी गिनती करना चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है. इस जनगणना के लिए 80 लोगों की एक खास टीम बनाई गई है, जो शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों दोनों में काम करेगी. इनकी जिम्मेदारी ऊंची इमारतों और अन्य इलाकों में कुत्तों की सटीक संख्या और नस्लों की जानकारी एकत्र करना है. जनगणना का डेटा दिसंबर के अंत तक संकलित किया जाएगा और इसका उपयोग आवारा कुत्तों की नसबंदी, टीकाकरण और उनके लिए बेहतर नीतियों को तैयार करने में किया जाएगा. बता दें कि, पिछले आंकड़ों के अनुसार, 2019 में नोएडा में 3.79 लाख मवेशी दर्ज किए गए थे, जबकि 2007 में यह संख्या 3.44 लाख थी.
Tags: Local18, Noida news, UP newsFIRST PUBLISHED : September 23, 2024, 15:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed