श्रीलंका को और आर्थिक सहायता पैकेज नहीं देगा भारत जानें सरकार ने क्यों लिया ये फैसला
श्रीलंका को और आर्थिक सहायता पैकेज नहीं देगा भारत जानें सरकार ने क्यों लिया ये फैसला
Srilanka Economic Crisis: भारत इस साल अपने दक्षिणी पड़ोसी देश का सबसे बड़ा सहायता प्रदाता रहा है. श्रीलंका अपने सात दशकों से अधिक समय में अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है और आयात के लिए भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रहा है. आईएमएफ द्वारा मदद मिलने पर अब स्थिति मई और जुलाई के बीच की तुलना से कम गंभीर है, इसलिए भारत अब श्रीलंका को वित्तीय सहायता नहीं देगा.
नई दिल्ली. आर्थिक संकट की मार झेल रहे श्रीलंका की स्थिति अब धीरे-धीरे सुधरने लगी है. आईएमएफ के साथ प्रारंभिक ऋण समझौते के बाद श्रीलंका की पस्त अर्थव्यवस्था अब स्थिर होने लगी है. जिसे देखते हुए भारत ने अब फैसला किया है कि वह श्रीलंका को अब वित्तीय मदद नहीं देगा. आपको बता दें कि श्रीलंका के सबसे बुरे वक्त में भारत ने उसे वित्तीय सहायता दी है, उसके साथ हमेशा खड़ा रहा है.
रॉयटर्स के रिपोर्ट के मुताबिक भारत इस साल अपने दक्षिणी पड़ोसी देश का सबसे बड़ा सहायता प्रदाता रहा है. श्रीलंका अपने सात दशकों से अधिक समय में अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है, आयात के लिए भुगतान करने के लिए संघर्ष कर रहा है. आईएमएफ द्वारा मदद मिलने पर अब स्थिति मई और जुलाई के बीच की तुलना से कम गंभीर है, इसलिए भारत अब श्रीलंका को वित्तीय सहायता नहीं देगा.
रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने पहले ही श्रीलंका को संकट से निपटने के लिए 3.8 अरब डॉलर की सहायता दी है. IMF के बेलआउट पैकेज के बाद भारत सहायता देना जारी नहीं रख सकता. श्रीलंकाई सरकार के एक सूत्र के मुताबिक भारत का निर्णय कोई आश्चर्य की बात नहीं है और नई दिल्ली से कुछ महीने पहले उन्हें संकेत दिया था कि आगे बड़े पैमाने पर समर्थन मिलने वाला है. हालांकि, सूत्र ने कहा कि भारत को एक दाता सम्मेलन में आमंत्रित किया जाएगा जिसे श्रीलंका इस साल के अंत में जापान, चीन और संभवतः दक्षिण कोरिया के साथ आयोजित करने की योजना बना रहा है.
श्रीलंका और आईएमएफ ने सितंबर की शुरुआत में लगभग 2.9 बिलियन डॉलर के ऋण के लिए एक प्रारंभिक समझौता किया, जो देश पर आधिकारिक लेनदारों से वित्तीय आश्वासन प्राप्त करने और निजी लेनदारों के साथ बातचीत पर निर्भर है. श्रीलंका आईएमएफ कार्यक्रम को आगे बढ़ाने और खुद को इस झंझट से बाहर निकालने पर अधिक जोर दे रहा है.
श्रीलंका की राह पर चीन! ग्रोथ रुकी, भारी बिजली संकट और दिवालिया होते बैंक दे रहे खतरे के संकेत
आपको बता दें कि 22 मिलियन लोगों का यह देश ईंधन, भोजन और दवाओं सहित आवश्यक वस्तुओं की कमी से जूझ रहा है. श्रीलंका के विदेशी मुद्रा भंडार में रिकॉर्ड गिरावट,आयात ठप और राजनीतिक अस्थिरता होने बाद से पूरा देश कंगाल हो गया है जिसके बाद से गुस्साए लोगों ने संसद और राष्ट्रपति भवन में घुसकर अपना आंदोलन किया.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी |
Tags: Economic crisis, IMF, India, Sri lankaFIRST PUBLISHED : September 15, 2022, 18:03 IST