केरल के अस्पताल का कमाल! हिर्शस्प्रुंग से पीड़ित 3 साल के बच्चे की सफल सर्जरी
केरल के अस्पताल का कमाल! हिर्शस्प्रुंग से पीड़ित 3 साल के बच्चे की सफल सर्जरी
हिर्शस्प्रुंग रोग बच्चो में एक जन्मजात बीमारी होती है, जिसमें बच्चे की आंतों में कम या पूरी तरह से तंत्रिका कोशिकाओं की अनुपस्थिति होती है. परिणामस्वरूप बच्चा मल त्याग करने में असफल होता है. जिससे बच्चे के पेट में सूजन होती है और बच्चे को उल्टी होती है.
हाइलाइट्सएक निजी अस्पताल ने हिर्शस्प्रुंग (Hirschsprung) नामक एक दुर्लभ जन्मजात बीमारी से पीड़ित तीन साल के बच्चे की जटिल सर्जरी करने का दावा किया है. मालूम हो कि हिर्शस्प्रुंग रोग बच्चो में एक जन्मजात बीमारी होती है.सर्जरी का सारा खर्चा अस्पताल ने उठाया है.
तिरुवनंतपुरम. केरल में तिरुवनंतपुरम के एक निजी अस्पताल ने हिर्शस्प्रुंग (Hirschsprung) नामक एक दुर्लभ जन्मजात बीमारी से पीड़ित तीन साल के बच्चे की जटिल सर्जरी करने का दावा किया है. मालूम हो कि हिर्शस्प्रुंग रोग बच्चों में एक जन्मजात बीमारी होती है. यह बीमारी आमतौर पर नवजात शिशु में उसके जन्म के कुछ दिनों के बाद ही देखी जाती है. अस्पताल के एक बयान में कहा गया है कि KIMS (केरल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) के बाल रोग विभाग के डॉक्टरों ने जन्म से ही खराब मल त्याग से पीड़ित बच्चे की जांच करने पर उसे बाल रोग सर्जन के पास रेफर कर दिया.
विशेषज्ञ ने कहा कि यह स्थिति कोलोन की मांसपेशियों में तंत्रिका कोशिकाओं के गायब होने के कारण पैदा हुई थी. इसके साथ ही गुदा के पास बायोप्सी के बाद हिर्शस्प्रुंग रोग की पुष्टि के बाद डॉक्टरों ने एक कीहोल सर्जरी का सुझाव दिया. अस्पताल को पता चला कि तमिलनाडु का यह मरीज मध्यमवर्गीय परिवार से आता है. मरीज के परिवार ने किसी भी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत अपना नामांकन नहीं कराया था. इसके साथ ही इस बड़ी बीमारी ने पहले ही उनके सारे पैसे खत्म करा दिए थे.
अस्पताल ने उठाया सारा खर्चा
बाद में अस्पताल के अधिकारियों ने मरीज के माता-पिता को सूचित किया कि अस्पताल उनकी क्षमता से अधिक मरीज के उपचार के खर्च को वहन करेगा. KIMS में मिनिमल एक्सेस सर्जन डॉ रेजू जोसेफ थॉमस के अनुसार सर्जरी सफल रही. डॉ रेजू जोसेफ थॉमस ने इस सर्जरी के बारे में आगे बताते हुए कहा कि अगले दिन एक अप्रत्याशित आपात स्थिति उत्पन्न हुई, जिसके कारण हमें एक और ऑपरेशन करना पड़ा. उन्होंने आगे कहा कि बच्चे के माता-पिता को राहत मिली है कि उनका बच्चा अब उस पीड़ा से मुक्त है, जिसे पिछले तीन वर्षों से झेल रहा है.
क्या होता है हिर्शस्प्रुंग रोग
यह समस्या आमतौर पर नवजात शिशु में उसके जन्म के कुछ दिनों के बाद ही देखी जा सकती है. यह एक गंभीर समस्या है, जिसमें बच्चे की आंतों में कम या पूरी तरह से तंत्रिका कोशिकाओं की अनुपस्थिति होती है. परिणामस्वरूप बच्चा मल त्याग करने में असफल होता है, जिससे बच्चे के पेट में सूजन होती है और बच्चे को उल्टी होती है. कई बार ऐसे मामलों में मल के साथ रक्त भी आता है.
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Tags: Health, Health News, KeralaFIRST PUBLISHED : August 06, 2022, 15:13 IST