सिमडेगा में जब भी होता है खेल का आयोजन तो बच्चियों की पढ़ाई के साथ हो जाता है खेल

SS High Girls School: खेल विभाग ने खिलाड़ियों के रहने के लिए स्कूल परिसर स्थित हॉस्टल खाली कराने का आदेश दिया है. साथ ही स्कूल के बगल में कल्याण विभाग का बना हॉस्टल भी खिलाड़ियों के लिए आवंटित किया जा रहा है. इस हॉस्टल में स्कूल में पढ़ने वाली बच्चियां रहती हैं. अब अगर ये बच्चियां हॉस्टल छोड़कर घर जाएं तो पढ़ाई का नुकसान होगा और अगर क्लास करना चाहें तो रहने की समस्या होगी.

सिमडेगा में जब भी होता है खेल का आयोजन तो बच्चियों की पढ़ाई के साथ हो जाता है खेल
हाइलाइट्ससिमडेगा में 27 अगस्त से एसएस बालिका एस्ट्रोटर्फ में नेशनल मैच का आयोजन हो रहा है. इस आयोजन के दौरान आए खिलाड़ियों के रहने के लिए हॉस्टल कराया जा रहा है खाली. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि कोई न कोई उपाय निकाला जाएगा, रिपोर्ट मंगवा रहे. रांची. झारखंड की खेल नगरी सिमडेगा के एसएस उच्च बालिका विद्यालय में फिर से नेशनल स्तर का हॉकी टूर्नामेंट आयोजित हो रहा है. जाहिर है सिमडेगा जिले के लिए यह सौभाग्य की बात है. लेकिन इसी सौभाग्य के पलों में हर बार एसएस बालिका की बच्चियां दुर्भाग्य जीती हैं. इस स्कूल की बच्चियों की पढ़ाई बाधित हो जाती है. टूर्नामेंट के लिए उन्हें जो त्याग करना पड़ता है, वह नुकसानदायक है. इस तरफ भी सरकार को ध्यान देने की जरूरत है. बता दें कि इससे पहले भी यहां दो बार नेशनल आयोजन हुए. उस दौरान भी इस स्कूल की बच्चियों का पढ़ाई लगातार बाधित हुई. इसके आलावा बीच-बीच में बाहर से आने वाली टीमों की ट्रेनिंग और खिलाड़ियों का चयन भी इन बच्चियों की पढ़ाई बाधित करता रहा. इस बार फिर से 27 अगस्त से एसएस बालिका एस्ट्रोटर्फ में नेशनल मैच का आयोजन हो रहा है. जिसको लेकर खेल विभाग ने स्कूल परिसर स्थित हॉस्टल खाली कराने का आदेश दिया है. साथ ही स्कूल के बगल में कल्याण विभाग का बना हॉस्टल भी खिलाड़ियों के लिए आवंटित किया जा रहा है. इस हॉस्टल में इस स्कूल में पढ़ने वाली बच्चियां रहती हैं. अब सवाल उठता है कि अगर ये बच्चियां हॉस्टल छोड़कर घर जाएं तो पढ़ाई का नुकसान होगा और अगर क्लास करना चाहें तो रहने की समस्या होगी. एसएस बालिका विद्यालय परिसर स्थित एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम में जब-जब खेल का आयोजन हुआ है तब-तब स्कूल की बच्चियों के लिए बने बाथरूम गंदगी से भर जाते हैं. जिन्हें हर बार स्कूल प्रबंधक को साफ करवाना पड़ता है. एसएस बालिका के शिक्षकों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को खेल आयोजन से होने वाले नुकसान और पढ़ाई में आने वाली परेशानियों के संबध में आवेदन दिया है. जिसमें उन्होने हॉस्टल सहित विभिन्न परेशानियों का जिक्र करते हुए शिक्षा विभाग से खेल आयोजन के दौरान पढ़ाई सुचारू रूप से चलाने के लिए मार्गदर्शन मांगा है. शिक्षा विभाग को दिए आवेदन में शिक्षकों ने कहा कि इस तरह यहां बार-बार खेल का आयोजन होने से पढ़ाई के साथ मध्याह्न भोजन और छात्राओं की सुरक्षा पर भी प्रश्नचिह्न लग जाता है. स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि पूर्व के खेल आयोजन के दौरान विद्यालय के बच्चों को दूसरे स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया था. अचानक दूसरे स्कूल के माहौल से इस विद्यालय की छात्राओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा था. जिससे इनकी पढ़ाई में खासा असर पड़ा. शिक्षक कहते हैं कि यहां सिर्फ डे बोर्डिंग की बच्चियों के अभ्यास के लिए एस्ट्रोटर्फ बना था, न कि किसी आयोजन के लिए. उन्होंने कहा कि आखिर हर बार किसी भी आयोजन के लिए सिमडेगा एस्ट्रोटर्फ को ही क्यों चुना जाता है. राज्य में अन्य जिलों में भी एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम हैं, वहां आयोजन न कर हॉकी झारखंड हर बार सिमडेगा में क्यों आयोजन करता है. इस बारे में जिला शिक्षा पदाधिकारी मोहन झा ने संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा कि वे कल इस मामले का हल निकालेंगे. वे चाहते हैं कि बच्चियों की पढ़ाई बाधित न हो. इस मामले में न्यूज18 ने जब शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से सवाल किया कि आखिर क्यों हर आयोजन में लड़कियों को हॉस्टल खाली करना पड़ता है तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लिया. शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस मामले को लेकर हम रिपोर्ट मंगवाएंगे और आगे की कार्यवाही करेंगे. इस तरफ शिक्षा विभाग के साथ साथ सभी को सोचना होगा. क्योंकि यहां सवाल दोनों तरफ से देश के भविष्य का है. भारत में ट्राफी लाने के लिए खेल भी जरूरी है, तो भारत को आगे बढ़ाने के लिए देश के भविष्य सवांरने वाले बच्चों का पढ़ाई भी जरूरी है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Hockey, Jharkhand newsFIRST PUBLISHED : August 23, 2022, 22:58 IST