चुनाव MP का मगर निर्णायक होंगे MLAs! झारखंड में मोदी फैक्टर पर सबकी नजर

Jharkhand Lok Sabha Chunav 2024: देश में वैसे तो मौका सांसद चुनने का है, लेकिन सांसद के निर्वाचन में विधायकों की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. राजनीति के जानकार कहते हैं कि अगर विधानसभा क्षेत्र पर राजनीतिक दलों के वर्तमान विधायकों ने अगर वोटरों की गोलबंदी की तो लोकसभा सीटों की दृष्टि से राज्य की राजनीति का नया स्वरूप उभर सकता है.

चुनाव MP का मगर निर्णायक होंगे MLAs! झारखंड में मोदी फैक्टर पर सबकी नजर
हाइलाइट्स आगामी 13 मई को खूंटी, लोहरदगा, पलामू और सिंहभूम में मतदान. चुनाव सांसद का और निर्णायक सबकी निगाहें वर्तमान विधायकों पर. जानिये आखिर कैसे विधायकों से जुड़ा हुआ है जीत-हार का समीकरण. रांची. अब तक देश भर में तीन चरण के चुनाव हो चुके हैं. 13 मई होने वाले चौथे चरण के लोकसभा चुनाव में झारखंड की भी 4 सीटें शामिल हैं. 2019 के चुनाव में इन 4 सीट का परिणाम भाजपा के पक्ष में 3-1 का था. कांग्रेस की एक मात्र सांसद गीता कोड़ा ने भी चुनावी घोषणा से ठीक पहले पाला बदलते हुए बीजेपी का दामन थाम लिया. अब पहले चरण की 4 सीट को बीजेपी की सीट के लिहाज से देखा जा रहा है. वैसे ये थोड़ी जल्दबाजी होगी. जल्दबाजी इसलिए की सांसद चुनने की चुनावी जंग में वर्तमान विधायकों की बड़ी भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है. खूंटी, लोहरदगा, सिंहभूम और पलामू लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्र के विधायकों की सुस्ती और फुर्ती से परिणाम पर बहुत बड़ा असर पड़ने जा रहा है. राजनीति के जानकार कहते हैं कि अगर विधानसभा क्षेत्र पर राजनीतिक दलों के वर्तमान विधायकों ने अगर वोटरों की गोलबंदी की, तो उनके उम्मीदवार चुनाव जीत सकते हैं और अगर ऐसा नहीं हुआ तो परिणाम कुछ और होंगे. इस बात में कही कोई संदेह नहीं कि देश के अन्य राज्यों की तरह ही झारखंड के बीजेपी सांसद अपने काम के बजाय PM नरेंद्र मोदी के नाम के सहारे चुनावी मैदान में मजबूती से डटे हुए हैं. खैर जब बात विधायकों की हो रही है तब 4 लोकसभा के अधीन पड़ने वाले विधानसभा क्षेत्र को समझ लेना जरूरी है. खूंटी में कौन सा गठबंधन गाड़ पाएगा खूंटा? खूंटी लोकसभा क्षेत्र में इस बार भी मुकाबला बीजेपी के अर्जुन मुंडा और कांग्रेस के कालीचरण मुंडा के बीच है. पिछले चुनाव में महज 1400 वोट से ही केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा जीत की दहलीज को लांघ पाए थे. खूंटी संसदीय क्षेत्र के अधीन 6 विधानसभा क्षेत्र पड़ते हैं. खूंटी और तोरपा विधानसभा सीट बीजेपी के पास है, जबकि तमाड़ और खरसांवा सीट पर जेएमएम का कब्जा है. बाकी बची दो सीट सिमडेगा और कोलीबिरा पर कांग्रेस के विधायक है. मतलब NDA के पास दो विधानसभा सीट है, तो INDIA गठबंधन के पास 4 विधानसभा सीट है. अगर INDIA गठबंधन के विधायकों ने मतदाताओं के बीच पसीना बहाया और अपने क्षेत्र में बढ़त बनाई, तो बीजेपी के लिए जीत की डगर कठिन हो सकती है. पिछली बार कम अंतर से जीत की चर्चा भी इस बार के चुनाव में हर तरफ हो रही है. बीजेपी इस अंतर को बढ़ाने के जुगत में है जबकि कांग्रेस पिछली बार के मामूली अंतर को पाट कर बड़ी जीत की कोशिश में लगी है. लोहरदगा की लड़ाई में किसे मिलेगी जीत और किसे हार? लोहरदगा लोकसभा सीट पर इस बार मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है. बीजेपी के समीर उरांव और कांग्रेस के सुखदेव भगत के बीच जेएमएम के बागी विधायक चमरा लिंडा तीसरा कोण बनाने में जुटे हैं. वैसे चमरा लिंडा पहले भी चुनावी मैदान में उतर कर कांग्रेस उम्मीदवार का खेल बिगाड़ चुके हैं और ये बात मतदाता भी अच्छी तरह समझ चुके हैं. लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधानसभा क्षेत्र है. मांडर, सिसई, गुमला, लोहरदगा और बिशुनपुर पर इस वक्त INDIA गठबंधन का कब्जा है. मांडर और लोहरदगा विधानसभा सीट कांग्रेस के पास है, जबकि सिसई, गुमला और बिशुनपुर में जेएमएम के विधायक हैं. बिशुनपुर के ही जेएमएम विधायक चमरा लिंडा लोहरदगा के चुनावी मैदान में बागी ताल ठोक रहे हैं. लोहरदगा में भी पिछली बार बीजेपी महज 10 हजार वोट और उसके पहले 6 हजार वोट से जीती थी. यहां PM नरेंद्र मोदी के नाम पर ही बीजेपी चुनाव लड़ रही है. उसकी आस चमरा लिंडा को मिलने वाले वोट पर टिकी है. इधर, जेएमएम ने चमरा लिंडा को पार्टी से निलंबित कर दिया है. चमरा लिंडा को अगर जेएमएम विधायकों ने अंदर से किसी तरह की कोई मदद की तो कांग्रेस के लिए परेशानी बढ़ेगी. हालांकि, लगातार चुनाव लड़ कर चमरा लिंडा ने अपनी पकड़ खुद से कमजोर कर ली है. सिंहभूम की सियासत में भाजपा-कांग्रेस की अदावत और बीच में जेएमएम सिंहभूम लोकसभा सीट पर मुकाबला बीजेपी की गीता कोड़ा और जेएमएम की जोबा मांझी के बीच है. गीता कोड़ा लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले तक कांग्रेस की सांसद थी, फिर उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया. सिंहभूम एक मात्र राज्य की ऐसी लोकसभा सीट है जहां दो महिला उम्मीदवार के बीच सीधा मुकाबला होगा. सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र के अधीन 6 विधानसभा क्षेत्र पड़ता है. सरायकेला, चाईबासा, मनोहरपुर, मझगांव, चक्रधरपुर विधानसभा सीट पर जेएमएम का कब्जा है. जबकि एक सीट जगन्नाथपुर कांग्रेस के पास है. जगन्नाथपुर विधानसभा सीट से विधायक सोनाराम सिंकु भले ही कांग्रेस के विधायक हैं पर वो गीता कोड़ा के बेहद करीबी हैं. या फिर उन्हें गीता कोड़ा के खेमे का कहा जा सकता है. यहां भी लोहरदगा की तरह बीजेपी या NDA का कोई विधायक नहीं है. पलामू की पॉलिटिक्स में दमदार एनडीए, क्या आरजेडी दिखा पाएगी पॉवर? पलामू लोकसभा सीट पर बीजेपी के बीडी राम का मुकाबला राजद की ममता भुईया से है. झारखंड में राजद एक मात्र पलामू सीट से भाग्य आजमा रही है. वैसे तो बीजेपी उम्मीदवार बीडी राम का विरोध भी देखने को मिला है पर वो संगठन और PM नरेंद्र मोदी की चुनावी सभा के बदौलत मजबूती से चुनावी मैदान में है. पलामू लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 6 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. डाल्टेनगंज, विश्रामपुर, छतरपुर और भवनाथपुर की विधानसभा सीट बीजेपी के पास है. वहीं हुसैनाबाद सीट से NCP के विधायक है. जबकि एकमात्र सीट गढ़वा पर जेएमएम का कब्जा है. मतलब NDA के पास 5 विधानसभा की सीटें हैं, वहीं INDIA गठबंधन के पास एकमात्र सीट गढ़वा है. राजद चुनाव जरूर लड़ रही है पर उसके पास फिलहाल पलामू लोकसभा क्षेत्र में कोई भी विधायक नहीं है. विधायकों की साख बनाम मोदी फैक्टर पर नजर बहरहाल, इंतजार अब आगामी 13 मई का है जब खूंटी, लोहरदगा, सिंहभूम और पलामू की संसदीय सीटों पर मत डाले जाएंगे. मतदाता अभी भी अपना मन बनाने में लगे हुए हैं और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता उन्हें अपने पाले में करने की जुगत लगा रहे हैं. लेकिन, अगर हम विधायकों के संख्या बल के हिसाब से चुनावी नतीजों का आंकलन करें, तो परिणाम का के बारे में आप अंदाजा सहजता से लगा सकते हैं. लेकिन, इस आंकलन से पहले इस चुनाव को लोकसभा का चुनाव और PM नरेंद्र मोदी फैक्टर से जोड़ कर देखना जरूरी है. Tags: Jharkhand New, Jharkhand news, Loksabha Election 2024, Loksabha Elections, Ranchi newsFIRST PUBLISHED : May 8, 2024, 15:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed