मईया सम्मान योजना ने दिलाई इंडिया गठबंधन को जीत उलझनों में उलझी रही भाजपा
मईया सम्मान योजना ने दिलाई इंडिया गठबंधन को जीत उलझनों में उलझी रही भाजपा
Jharkhand Chunav Result: झारखंड चुनाव में झामुमो ने 34 विधानसभा सीट जीतीं, जबकि उसकी सहयोगी कांग्रेस ने 16, राजद ने चार और भाकपा (माले) लिबरेशन ने दो सीट जीतीं. दूसरी ओर, भाजपा ने 21 विधानसभा क्षेत्रों में जीत हासिल की और उसके सहयोगी लोजपा (रामविलास), जद (यू) और आजसू पार्टी ने एक-एक सीट हासिल की.
रमेश भगत
झारखंड में जिस तरह की जीत हेमंत सोरेन के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन को हासिल हुई है, वह खुद हेमंत सोरेन के लिए भी अकल्पनीय रही होगी. इंडिया गठबंधन ने 56 सीटों पर जीत हासिल किया और एनडीए 24 सीट पर ही सिमट गई. इस जीत का रुझान 23 नवंबर को ईवीएम की पेटी खुलने के साथ ही तय हो गया. सारे एक्जिट पोल के आंकड़े ध्वस्त हो गए. इस जीत के बाद पूरे झारखंड में चौक-चौराहों से लेकर सोशल मीडिया में किसी की चर्चा है तो सिर्फ कल्पना सोरेन, मुख्यमंत्री मईया सम्मान योजना, बिजली बिल माफी योजना की हो रही है.
झारखंड के जो हालात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल जाने से पहले था, वो उनके जेल जाने से बिल्कुल बदल गया. जेल जाने से पहले राज्य में भ्रष्टाचार, सरकारी योजनाओं की लूट, विधि-व्यवस्था की कमजोरी चर्चा का विषय थी. लेकिन जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जेल से लौटे और मुख्यमंत्री मईया सम्मान योजना की घोषणा की तो फिर पाशा ही पलट गया. एक के बाद एक की गई घोषणा से झारखंडवासियों को सीधा लाभ दिखाई देने लगा. चाहे वो एक-एक हजार रुपए के रूप में मुख्यमंत्री मईया सम्मान योजना हो, बिजली बिल माफी योजना हो, कृषि लोन माफी योजना हो या फिर अबुआ आवास योजना हो, सभी ने मिलकर भाजपा के बांग्लादेशी मुद्दे, डेमोग्राफी चेंज, लैंड जिहाद को रौंद दिया.
याद हो कि जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जेल में थे और देश में लोकसभा चुनाव की घोषणा हुई तो हेमंत सोरेन के घर से उनकी पत्नी कल्पना सोरेन बाहर निकली. उन्होंने पूरे राज्य में लोगों के बीच जाकर चुनावी सभाओं को संबोधित किया. उनकी भाषण शैली के लोग इतने कायल हुए कि लोग उन्हें सुनने और देखने के लिए दूर-दूर से आने लगे. इस दौरान कल्पना सोरेन एक बेहतर बहु की छवि के साथ मंच पर मौजूद बड़े नेताओं को प्रणाम करती, भाषण देने की परंपरागत शैली से हटते हुए बीच मंच पर टहलते हुए भाषण देती और भाषण में विपक्ष पर बोलने की बजाय अपने पार्टी के विचारों को, हेमंत सोरेन को जबरन जेल भेजने को प्रमुखता से रखती. उनकी शैली से मंत्रमुग्ध होकर लोग अपने-अपने घरों को लौटते थे. जिसके कारण इंडिया गठबंधन ने झारखंड की सभी पांच लोकसभा सीट पर कब्जा कर लिया. इंडिया गठबंधन को हुई इस जीत ने पूरे राज्य में कल्पना सोरेन को झामुमो के स्टार प्रचारक के रूप में स्थापित कर दिया.
जब झारखंड विधानसभा चुनाव की लड़ाई शुरू हुई तब हेमंत सोरेन की दूरदर्शी योजनाओं के साथ-साथ कल्पना सोरेन की स्टार प्रचारक की छवि ने ही इंडिया गठबंधन को प्रचंड बहुमत दिला दिया. झारखंड में यह पहली बार है कि सत्ता में रहते हुए किसी पार्टी-गठबंधन को बहुमत हासिल हुआ है.
झामुमो गठबंधन की जीत का एक प्रमुख कारण खुद भाजपा भी रही. प्रदेश भाजपा के नेताओं पर गौर करें तो पाते हैं कि साल 2000 में बाबूलाल मरांडी जो झारखंड के मुख्यमंत्री थे, वो साल 2024 में भी भाजपा के नेतृत्वकर्ता बने हुए थे. पार्टी के अंदर इतने विरोधी गुट मौजूद थे कि भाजपा को दूसरे राज्य से नेताओं को झारखंड में लाना पड़ा. वहीं दूसरे दलों के नेताओं को तोड़ कर भाजपा ने टिकट दिया, जिसका असर यह हुआ कि भाजपा के अंदर ही कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ गई. भाजपा से कई नेताओं ने पलायन कर लिया और जो बचे वो नाराजगी के कारण सुस्त रहे. पूरे चुनाव के दौरान भाजपा ने इंडिया गठबंधन से लड़ने के बजाय अपने नेताओं-कार्यकर्ताओं की उलझन को सुलझाने में रह गई और झारखंड का बहुमत अपने साथ झामुमो गठबंधन ले गई.
इस प्रचंड जीत को आंकड़ों की नजर से देखें तो पाते हैं कि साल 2019 के पिछले विधानसभा चुनाव में झामुमो ने 18.72 फीसदी वोट लाकर 30 सीट हासिल किया था वहीं इस बार 23.44 फीसदी वोट लाकर 34 सीट हासिल किया है. भाजपा पिछले चुनाव में 33.37 फीसदी वोट लाकर 25 सीट लाई थी वहीं इस बार 33.18 फीसदी वोट लाकर महज 21 सीट ही लाई है. इस चुनाव में कांग्रेस के वोट 1.68 फीसदी ज्यादा वोट लाकर पिछली बार की तरह 16 सीट ही ला पाई. वहीं इस बार राजद ने 4 सीट, लेफ्ट ने 2 सीट, एलजेपी ने 1 सीट, जयराम महतो की पार्टी ने एक सीट पर जीत हासिल किया वहीं आजसू घट कर एक सीट पर ही रह गई है.
(डिस्क्लेमर: रमेश भगत वरिष्ठ पत्रकार है और झारखंड की राजनीति को करीब से देखते आए हैं. लेख में प्रस्तुत विचार लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए jharkhabar.comHindi उत्तरदायी नहीं है.)
FIRST PUBLISHED : November 25, 2024, 19:06 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed