NCRB Data Report: आतंकियों की तुलना में वाम उग्रवादियों ने की दोगुने पुलिसकर्मियों की हत्या

NCRB Data Report: एनसीआरबी की रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2021 में जहां 18 पुलिसकर्मियों को आतंकवादियों या चरमपंथियों द्वारा मार दिया गया था. वहीं, वामपंथी उग्रवादियों ने 40 पुलिसकर्मियों की हत्या इस साल कर दी थी. केंद्र शासित प्रदेशों में 2021 में दिल्ली में सबसे अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए. यहां दंगों में 156, अपराधियों द्वारा 22 और दुर्घटनाओं में 17 पुलिसवाले घायल हुए.

NCRB Data Report: आतंकियों की तुलना में वाम उग्रवादियों ने की दोगुने पुलिसकर्मियों की हत्या
नई दिल्ली. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) की 2021 की रिपोर्ट में हत्याओं को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के वार्षिक ‘क्राइम इन इंडिया’ (Crime In India)के मुताबिक, साल 2021 में वामपंथी उग्रवादियों ने आतंकवादियों की तुलना में दोगुने पुलिसकर्मियों की हत्या की. रिपोर्ट के मुताबिक, वामपंथी चरमपंथियों (एलडब्ल्यूई) द्वारा हिंसा में मारे गए पुलिसकर्मियों की संख्या आतंकवादियों द्वारा मारे गए पुलिसकर्मियों की संख्या से दोगुनी थी. न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, एनसीआरबी की रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2021 में जहां 18 पुलिसकर्मियों को आतंकवादियों या चरमपंथियों द्वारा मार दिया गया था. वहीं, वामपंथी उग्रवादियों ने 40 पुलिसकर्मियों की हत्या इस साल कर दी थी. इस साल में सीमा पर हुई गोलीबारी में एक, दंगाई भीड़ में एक और अपराधियों द्वारा 11 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 7 पुलिसकर्मी दुर्घटनावश अपने ही हथियार से मारे गए, जबकि 339 पुलिसकर्मियों ने दुर्घटनाओं में जान गंवाई. ड्यूटी के दौरान सबसे ज्यादा कांस्टेबल रैंक के पुलिसकर्मियों की मौत रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ड्यूटी पर मारे गए कुल 427 पुलिसकर्मियों में सबसे अधिक पुलिसकर्मी कांस्टेबल रैंक के थे. इनकी संख्या 233 है. इसके बाद 88 हेड कांस्टेबल, 37 सहायक उप-निरीक्षक, 26 उप-निरीक्षक, चार निरीक्षक रैंक के पुलिसकर्मी और एक राजपत्रित अधिकारी और दो अन्य की मौत ड्यूटी के दौरान हुई. इसके अलावा साल 2021 में विभिन्न रैंकों में कुल 1632 पुलिस कर्मियों के घायल होने की सूचना है. इस राज्य में सबसे ज्यादा पुलिसवालों की मौत रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में तमिलनाडु में सबसे ज्यादा पुलिसवालों की मौत हुई है. तमिलनाडु में अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में 56 पुलिसकर्मियों की मौत हुई है. साथ ही दो पुलिसवालों को अपराधियों ने मार डाला था. पुलिसवालों की मौत के मामले में दूसरे नंबर पर छत्तीसगढ़ का नाम आता है. यहां वामपंथी उग्रवाद में 40 और सड़क हादसों में सात पुलिसकर्मियों की मौत हुई. इसके अलावा बिहार में सड़क हादसों में 38 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. यहां दंगाइयों ने एक पुलिसकर्मी को मार डाला. पुलिसवालों की मौत के मामले में जम्मू-कश्मीर टॉप पर वहीं, बात अगर केंद्र शासित प्रदेशों की करें तो 2021 में ऐसे प्रदेशों में जम्मू-कश्मीर टॉप पर रहा. यहां आतंकवादियों ने 18 पुलिसकर्मियों को मार डाला. इसके बाद दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं में दो पुलिसवालों की मौत हो गई. ओडिशा में सबसे ज्यादा पुलिसवाले हुए घायल एनसीआरबी ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बताया है कि 2021 में अपराधियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन के दौरान ओडिशा में सबसे अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए. यहां इस तरह के अभियानों में कुल 188 पुलिसकर्मी घायल हुए. इनमें से 176 पुलिसवाले अपराधियों द्वारा और 12 दंगाइयों द्वारा घायल हुए थे. वहीं, केंद्र शासित प्रदेशों में 2021 में दिल्ली में सबसे अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए. यहां दंगों में 156, अपराधियों द्वारा 22 और दुर्घटनाओं में 17 पुलिसवाले घायल हुए. केरल में 159 पुलिसकर्मियों को आईं चोटें केरल में कुल 159 पुलिसकर्मियों को चोटें आईं, जिनमें 90 अपराधियों द्वारा, 68 दंगाइयों द्वारा और एक पुलिसवाला सड़क दुर्घटना में घायल हुआ. इसी तरह, तमिलनाडु में कुल 133 पुलिसकर्मी साल 2021 में घायल हुए. इनमें 96 पुलिसवाले दुर्घटनाओं में, तीन दुर्घटनावश खुद के हथियार से और 30 को अपराधियों ने घायल कर दिया. वहीं, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) 2021 की रिपोर्ट में रिकॉर्ड किया गया है कि 2020 में ऐसी कोई गिरफ्तारी नहीं होने की तुलना में गुजरात में 12 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, 2020 में पुलिस द्वारा शारीरिक हमले के कारण पुलिस हिरासत के दौरान लगी चोटों के लिए किसी की भी मृत्यु नहीं हुई थी. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: NCRB, NCRB ReportFIRST PUBLISHED : August 30, 2022, 18:46 IST