आज के दिन बन रहा दुर्लभ संयोग एक साथ पड़ रहे कई पर्व अयोध्या के ज्योतिषी से ज

अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि सनातन धर्म में आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है. क्योंकि आज के दिन कई बड़े महत्वपूर्ण व्रत पर्व और त्योहार भी मनाई जा रहे हैं, जिसमें विश्वकर्मा पूजा, गणेश विसर्जन, अनंत चतुर्दशी और पितृपक्ष की शुरुआत भी हो रही है.

आज के दिन बन रहा दुर्लभ संयोग एक साथ पड़ रहे कई पर्व अयोध्या के ज्योतिषी से ज
अयोध्या: सनातन धर्म में आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण और पवित्र माना जा रहा है. क्योंकि आज 17 सितंबर है और ज्योतिषीय गणना के अनुसार आज के दिन कई दुर्लभ संयोग का निर्माण भी हो रहा है. साथ ही एक साथ कई पर्व भी आज के दिन मनाए जाएंगे. जिसमें अनंत चतुर्दशी के साथ विश्वकर्मा पूजा और पितृपक्ष की शुरुआत भी आज से शुरू हो रही है. दरअसल विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर यानी कि आज है और इसी दिन अनंत चतुर्दशी भी है. साथ ही 9 दिवसीय गणेश पूजा की समाप्ति यानी कि गणेश विसर्जन भी आज ही के दिन किया जाएगा. इन सब के बीच पितर पक्ष की शुरुआत भी आज ही के दिन होगी. बिहार के  गया में पितृपक्ष को लेकर बड़ी तैयारी भी की गई हैं और देश भर से आने वाले हिंदू श्रद्धालुओं के लिए आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण भी माना जा रहा है. दरअसल अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि सनातन धर्म में आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है. क्योंकि आज के दिन कई बड़े महत्वपूर्ण व्रत पर्व और त्योहार भी मनाई जा रहे हैं, जिसमें विश्वकर्मा पूजा, गणेश विसर्जन, अनंत चतुर्दशी और पितृपक्ष की शुरुआत भी हो रही है. विश्वकर्मा पूजा पूरे देश में धूमधाम के साथ आज विश्वकर्मा पूजा मनाया जा रहा है पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:30 से लेकर शाम 6:16 के बीच है विश्वकर्मा पूजा के दिन लोग अपने लोहे के सामानों की पूजा आराधना करते हैं इस दिन विधि विधानपुर भगवान विश्वकर्मा की पूजा आराधना की जाती है अनंत चतुर्दशी अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा आराधना की जाती है. पौराणिक मान्यता के अनुसार महाभारत के दौरान पांडवों ने राज्य वापसी के लिए आनंद की पूजा की थी, ऐसे में अगर आप भी अनंत चतुर्दशी की पूजा आराधना कर रहे हैं तो आपको अच्छे पुण्य की प्राप्ति भी होगी. साथ ही आनंद चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन भी किया जाता है. गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त दोपहर 3:19 से लेकर 4:51 तक है. पितृ पक्ष सनातन धर्म में पितृपक्ष बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. मान्यता के अनुसार पितृपक्ष में लोग अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए उनके निमित्त तर्पण पिंडदान और श्रद्धा जैसे कर्मकांड करते हैं. कहा जाता है कि  पितृपक्ष के दौरान पितृ धरती पर निवास करते हैं. ऐसी स्थिति में पितृ पक्ष में भूलकर भी पशु पक्षी को सताना नहीं चाहिए. उनका भोजन करना चाहिए. Tags: Hindi news, Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : September 17, 2024, 08:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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