नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के डेटा से बजी खतरे की घंटी महिलाओं में बढ़ रहा मोटापा तमिलनाडु में सबसे ज्यादा

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के डेटा से पता चला है कि देश में महिलाओं के बीच मोटापा तेजी से घर करता जा रहा है. डेटा से ये भी सामने आया कि आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में महिलाएं राष्ट्रीय स्तर और पुरुषों, दोनों की तुलना में अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं.

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के डेटा से बजी खतरे की घंटी महिलाओं में बढ़ रहा मोटापा तमिलनाडु में सबसे ज्यादा
हाइलाइट्सNFHS के डेटा से पता चला है कि देश में महिलाओं के बीच मोटापा तेजी से घर करता जा रहा है.आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में ज्यादा महिलाएं मोटापे से ग्रस्त हैं. सभी दक्षिणी राज्यों में पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए मोटापे का स्तर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है. काकोली मुखर्जी नई दिल्ली. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के डेटा से पता चला है कि देश में महिलाओं के बीच मोटापा तेजी से घर करता जा रहा है. डेटा से ये भी सामने आया कि आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में महिलाएं राष्ट्रीय स्तर और पुरुषों, दोनों की तुलना में अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं. हालांकि कर्नाटक और तेलंगाना में ये समस्या मामूली रूप से कम है. लेकिन सभी दक्षिणी राज्यों में पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए मोटापे का स्तर राष्ट्रीय औसत से अधिक है. हैदराबाद में सामाजिक विकास परिषद द्वारा जारी बुलेटिन में शोधकर्ताओं ने अपने विश्लेषण के लिए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस)-5 (2019-2021) से हासिल बीएमआई डेटा का उपयोग किया था. यह अध्ययन दक्षिण भारत के 120 जिलों- तेलंगाना के 31 जिलों, कर्नाटक के 30 जिलों, आंध्र प्रदेश के 13 जिलों, केरल के 14 और तमिलनाडु के 32 जिलों की 15-49 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं के बीच किया गया था. रिसर्च पेपर से यह भी पता चला कि राष्ट्रीय स्तर पर अधिक वजन/मोटापे की समस्या ईसाई समुदाय में (31.2%) में अधिक है. यहां तक ​​कि मुस्लिम और हिंदू महिलाओं में भी मोटापे की समस्या एक चौथाई से अधिक या उसके आसपास है. हालांकि दक्षिणी राज्यों में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल और तेलंगाना में मुसलमानों में इसका प्रचलन अधिक है. जबकि जातीय समूहों में महिलाओं में अधिक वजन/मोटापे की समस्या अखिल भारतीय स्तर पर अन्य पिछड़ा वर्ग में 24.6%, अनुसूचित जाति में 21.6% और अनुसूचित जनजाति में 12.6% के बाद अन्य समूहों के बीच 29.6% देखी गई है. इसी तरह का पैटर्न दक्षिणी राज्यों में भी देखा जा सकता है. दक्षिणी राज्यों में शहरी महिलाओं में अधिक वजन/मोटापे के समस्या ज्यादा है. जो राष्ट्रीय स्तर की तुलना में बहुत अधिक है. वहां ग्रामीण इलाकों में भी मोटापे की समस्या राष्ट्रीय स्तर की तुलना में काफी अधिक है. कर्नाटक और तेलंगाना में सबसे धनी समूह की लगभग एक-चौथाई महिलाओं को अधिक वजन / मोटापे की समस्या है, जबकि यह दक्षिण के बाकी राज्य में एक तिहाई या उससे अधिक है. मौत की वजह बन सकता है मोटापे के प्रति आपका लापरवाह नजरिया, पढ़ें विशेष रिपोर्ट वेल्थ इंडेक्स से पता चलता है कि राष्ट्रीय स्तर पर सबसे धनी वर्ग में मोटापा (38.6%) अधिक है. इसके बाद आय के चौथे (30.5%) और मध्यम (23.7%) समूह हैं. दक्षिणी राज्यों में मोटापा खतरनाक रूप से अधिक है. वहां लगभग या आधी से अधिक महिलाएं मोटापे का शिकार हैं और तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों में सबसे अधिक मोटापा है. भारत में अधिक वजन और मोटापे की समस्या विश्व औसत की तुलना में तेजी से बढ़ रही है. 1998 से 2015 के बीच महिलाओं में अधिक वजन होने की दर 8.4% से बढ़कर 15.5% हो गई. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: India Women, National Family Health Survey, Obesity, South India, Tamil naduFIRST PUBLISHED : September 09, 2022, 14:05 IST