Naga Peace Talks: केंद्र सरकार और NSCN-IM की अनौपचारिक बैठक नगा शांति वार्ता फिर से हो सकती है शुरू
Naga Peace Talks: केंद्र सरकार और NSCN-IM की अनौपचारिक बैठक नगा शांति वार्ता फिर से हो सकती है शुरू
Naga Peace Talks: नगा शांति वार्ता के लिए केंद्र के दूत और इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व अतिरिक्त निदेशक, एके मिश्रा ने मंगलवार को नई दिल्ली में नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालिम (NSCN-IM) के इसाक-मुइवा गुट के साथ दशकों से गतिरोध को तोड़ने के लिए एक अनौपचारिक बैठक की.
हाइलाइट्सनगा शांति वार्ता के लिए इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व अतिरिक्त निदेशक एके मिश्रा ने संगठन के साथ बैठक की.संगठन ने कथित तौर पर इस मामले पर चर्चा के लिए गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की इच्छा व्यक्त की है. नागा ध्वज और संविधान पर आम सहमति की कमी के कारण वार्ता रुकी हुई है.
नई दिल्ली. केंद्र सरकार और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड- इसाक मुइवा के बीच मंगलवार को दिल्ली में अनौपचारिक बैठक की गई. नगा शांति वार्ता के लिए केंद्र के दूत और इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व अतिरिक्त निदेशक, एके मिश्रा ने मंगलवार को नई दिल्ली में नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालिम (NSCN-IM) के इसाक-मुइवा गुट के साथ दशकों से गतिरोध को तोड़ने के लिए एक अनौपचारिक बैठक की. केंद्र सरकार और नगा संगठन के बीच अगले कुछ दिनों में आधिकारिक वार्ता होने की संभावना है. लोगों ने कहा कि संगठन ने कथित तौर पर इस मामले पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की इच्छा व्यक्त की है.
एनएससीएन-आईएम का सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल, जो कि सबसे बड़ा नगा विद्रोही समूह है. वह शांति वार्ता को फिर से शुरू करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के दौरे पर है. जो कुछ प्रमुख मुद्दों पर जैसे कि नागा ध्वज और संविधान पर आम सहमति की कमी के कारण रुकी हुई थी. हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस बीच, संगठन ने कहा कि समय आ गया है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी केंद्र और एनएससीएन (आईएम) के बीच 3 अगस्त 2015 के फ्रेमवर्क समझौते (एफए) के अनुसार नागा लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करें. मंगलवार को जारी अपने मासिक बुलेटिन में एक संपादकीय में, एनएससीएन (आईएम) ने लिखा कि कि कैसे सात साल पहले, मोदी ने यह घोषणा करके आशा पैदा की थी कि “उन्होंने दक्षिण पूर्व एशिया में सबसे लंबे विद्रोह आंदोलन को हल कर लिया है”.
संपादकीय में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने इस दिन को एक नए युग की शुरुआत के रूप में घोषित किया था. संपादकीय में कहा गया है, “उन्होंने (पीएम मोदी) एफए को लाने में जो श्रेय लिया है, उसकी व्याख्या नागा मुद्दे को सुलझाने में आगे बढ़ने के लिए की जानी चाहिए. एफए पर एनएससीएन के रुख को बार-बार स्पष्ट रूप से बताया गया है. नागा राजनीतिक समाधान के नाम पर भगवान द्वारा दिए गए नागा राष्ट्र ध्वज के प्रतीक वन पीपल वन नेशन का एकीकृत सिद्धांत गैर-परक्राम्य है.”
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Tags: NagalandFIRST PUBLISHED : September 21, 2022, 02:59 IST