Breaking News: ISRO का Mission PSLV-C54 का काउंटडाउन शुरु Space में 9 सैटेलाइट लेकर जाएगा Rocket
Breaking News: ISRO का Mission PSLV-C54 का काउंटडाउन शुरु Space में 9 सैटेलाइट लेकर जाएगा Rocket
Breaking News: ISRO आज अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और इतिहास रचने वाला है. आज सुबह 11 बजकर 56 मिनट पर Oceansat-3 और 8 नैनो सैटेलाइट के साथ PSLV - C 54 EOS-6 मिशन लॉन्च करने वाला है.
हाइलाइट्स देश का संविधान वो नींव है, जिस पर एक अरब से ज्यादा लोगों ने अपनी पहचान बनाई है. संविधान उस नजरिये को पेश करता है, जो आजादी के लिए लड़ने वालों ने एक आजाद देश के लिए देखी थी.2015 में भारत सरकार ने हर साल 26 नवंबर को 'संविधान दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया.
नई दिल्ली. भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है. इसने देश के सर्वोच्च कानून को निर्धारित किया है और यह भारत की सच्ची भावना का प्रतीक है. भारत का संविधान उस नींव के रूप में कार्य करता है, जिस पर एक अरब से ज्यादा लोगों ने अपनी पहचान बनाई है. संविधान में निहित शब्द उस दृष्टि को पेश करते हैं, जो आजादी के लिए लड़ने वालों ने एक आजाद देश के लिए देखी थी. 2015 से हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है.
19 नवंबर, 2015 को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने कहा था कि भारत सरकार ने हर साल 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है. संविधान दिवस पर नागरिकों को शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 4 नवंबर 1948 को संविधान सभा में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के भाषण का एक हिस्सा साझा किया था. जिसमें उन्होंने संविधान के मसौदे को अपनाने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था
संविधान दिवस: इतिहास
26 नवंबर, 1949 को, संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया. ये संविधान सभा देश के सर्वोच्च कानून को तैयार करने के लिए जिम्मेदार थी. यह लगभग दो साल तक चलने वाली एक लंबी प्रक्रिया का समापन था. विभिन्न समुदायों और विचारधाराओं का प्रतिनिधित्व करते हुए जीवन के सभी क्षेत्रों के नेता, मसौदा समिति के अध्यक्ष डॉ. बीआर अंबेडकर के निर्देशन में संविधान का मसौदा तैयार करने, विचार-विमर्श करने, जांचने और पारित करने के लिए एक साथ आए थे
संविधान दिवस: महत्व
भारतीय संविधान कठोर होते हुए भी लचीला और कई देशों के संविधान से प्रेरित होते हुए भी मौलिक है. भारत का संविधान राज्य के नागरिकों के अधिकारों के लिए वैधता का स्रोत है. इस दस्तावेज से हर न्यायाधीश और जूरी अपनी शक्ति हासिल करते हैं. यहीं से हर सरकार- संघ, राज्य या स्थानीय- का अधिकार तय होता है. भारत का संविधान इस देश की बुनियाद है.
संविधान का स्मरण करना उस विरासत को श्रद्धांजलि देना है, जिसने इसे जन्म दिया और उस दृष्टि के लिए प्रतिबद्धता को दोहराता है जिसने इसे बनाया है. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि इस दिन को मनाना देश के इस बुनियादी दस्तावेज के बारे में जागरूकता पैदा करने में योगदान देता है. इस पहल के माध्यम से लोगों के अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जानकारी और उनके राष्ट्र के कामकाज के बारे में जानकारी का प्रसार किया जाता है.
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संविधान दिवस: समारोह
संविधान की प्रस्तावना पढ़ना इन समारोहों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. प्रस्तावना, जो संविधान के सारांश के रूप में कार्य करती है, शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी कार्यालयों और नागरिकों के समूहों के बीच पढ़ी जाती है. इसके अलावा इस दिन क्विज, पोस्टर-मेकिंग, वाद-विवाद और ऐसी अन्य प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं. इस दिन को मनाने के लिए जागरूकता अभियान भी आयोजित किए जाते हैं. इस साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुप्रीम कोर्ट में समारोह में हिस्सा लेने जा रहे हैं. वह ई-कोर्ट परियोजना के तहत कई नई पहल शुरू करने के लिए तैयार हैं.
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Tags: Constitution, Constitution Day, Constitution of India, IndiaFIRST PUBLISHED : November 26, 2022, 09:06 IST