1670000000 रुपये 48 कंपनी 948 करोड़ का बिल मुजफ्फरनगर में क्या हो रहा था

एसपी देहात आदित्य बंशल ने जानकारी देते हुए बताया कि जांच में नाम आने के बाद अजीम और उसके साथियों तसलीम, आस मोहम्मद, सेठी,  आसिफ और मोईन को हिरासत में ले लिया. हालांकि इनका एक अन्य साथी वहादत हाथ नहीं आ सका.

1670000000 रुपये 48 कंपनी 948 करोड़ का बिल मुजफ्फरनगर में क्या हो रहा था
मुज़फ्फरनगरः उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में पुलिस ने 48 फर्जी कंपनियां बनाकर महज  6 महीने के अंदर  925 करोड़ रुपये की फर्जी बिलिंग के जरिए सरकार को करीब  167 करोड़ का चूना लगाने का सनसनीखेज भंड़ाफोड़ किया है. पुलिस ने कंप्यूटर से बी.टेक पासआउट करने वाले शातिर गिरोह के मास्टर माइंड अज़ीम समेत कुल  7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से मिली जानकारी ने पुलिस और जीएसटी विभाग को हिलाकर रख दिया. हवाला के जरिए दिसंबर से अब तक आए एक करोड़ 90 लाख रुपये के स्क्रीनशॉट्स आरोपियों के मोबाइल से बरामद हुए है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनका नेटवर्क दिल्ली-नोएडा समेत पूरे देश में फैला हुआ है. 257 करोड़ रुपये खाते में आए तो मामले की शुरू हुई जांच दरअसल , पिछले दिनों मुजफ्फरनगर जिले के रतनपुरी थाना इलाका निवासी एक ग्रामीण के खाते में अचानक से आए  257 करोड़ रुपये और फिर अचानक से दूसरे खातों में ट्रांसफर होने का मामला सामने आया था. मामला पुलिस तक पहुंचा और पुलिस ने गहनता से पड़ताल शुरू की तो परत-दर-परत खुलती चली गई. पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि ये सब फर्जी कंपनी और जीएसटी चोरी का मामला है और इसके पीछे कोई बड़ा गिरोह काम कर रहा है. एक आरोपी अब भी है फरार कड़ी से कड़ी जोड़ी गई तो पुलिस के सामने मुजफ्फरनगर के ही बुढ़ाना कस्बा निवासी अज़ीम का नाम सामने आया , जो बी.टेक कंम्यूटर से पासआउट है. एसपी देहात आदित्य बंशल ने जानकारी देते हुए बताया कि जांच में नाम आने के बाद अजीम और उसके साथियों तसलीम , आस मोहम्मद , सेठी ,  आसिफ और मोईन को हिरासत में ले लिया. हालांकि इनका एक अन्य साथी वहादत हाथ नहीं आ सका. 48 फर्जी कंपनी बनाकर 925 करोड़ रुपये का बनाया फेक बिल पूछताछ में आरोपियों ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि उन लोगों ने 48 फर्जी कंपनियां बनाई हुई है. जिनके जरिए उन्होंने 5-6 महीनों के अंदर करीब  925 करोड़ रुपये के फर्जी बिल बनाकर करीब  167 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की. एसएसपी ने बताया कि इन लोगों का नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है. ये लोग जिस राज्य में भी जिस कंपनी को फर्जी बिल चाहिए होते हैं , उपलब्ध करा देते हैं और उसकी एवज में मोटी रकम हवाला के जरिए प्राप्त करते हैं. हवाला के जरिए लेते थे पैसे इन फर्जी बिलों से व्यापारी  18 प्रतिशत जीएसटी बचाते हैं और इन लोगों को  2 से  3 प्रतिशत के हिसाब से पेमेंट कर देते हैं. आरोपियों ने ये भी खुलासा किया कि जितने भी फर्जी बिल तैयार किए गए हैं और उनका जो भी जीएसटी बनता है , उसमें से एक भी रुपया इन लोगों ने जमा नहीं कराया. पूरे फ्रॉड में अजीम मास्टर माइंड है , जबकि तसलीम , आस मोहम्मद और सेठी मिडिल मैन का कार्य करते हैं. इसी तरह से अन्य साथियों का भी अलग-अलग काम है. 1 करोड़ 90 लाख रुपये अबतक आए पुलिस लाइन स्थित सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान एसएसपी अभिषेक सिंह और एसपी देहात अतुल श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से जानकारी देते हुए बताया कि सेठी के मोबाइल पर व्हाट्सअप चैटिंग के जरिए पता चला है कि दिसंबर 2023 से अब तक उनके पास एक करोड़  90 लाख रुपये हवाला के जरिए आए हैं. इतना ही नहीं भारत में ऑनलाइन गेमिंग का काम कर रही विदेशी गेमिंग कंपनी के लिए भी अजीम वर्चुअल नंबर से काम कर रहा था और उसका पैसा क्रिप्टो करेंसी को बाइनेंस के जरिए से प्राप्त कर रहा था. पिछले 5-6 साल से चल रहा गैंग पूरे गिरोह में सबसे ज्यादा पढ़ा लिखा अजीम ही है और वो ही पूरा गैंग ऑपरेट कर रहा था. एसएसपी अभीषेक ने बताया कि इन लोगों ने ये काम दिल्ली निवासी गुरू साबिर मलिक , अंकित , अनुभव और शिवम से सीखा है. वो लोग भी इसी तरह से अपना अलग गैंग चलाकर जीएसटी का बड़ा फ्रॉड कर रहे हैं. इन लोगों ने पूछताछ में ये भी बताया कि ये लोग ये काम पिछले 5-6 सालों से कर रहे हैं. पहले गरीब और भोले-भाले लोगों को अपने झांसे में लेकर उनका आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज ले लेते है और फिर उनके नाम पर फर्जी कंपनी रजिस्टर्ड कराकर बैंक खाता भी खुलवा लेते हैं. खाते के बदले देते थे 15-20 हजार रुपये इसकी एवज में वो उन लोगों को कुछ 15-20 हजार रुपये दे देते थे और उसके बाद अपना गौरखधंधा उस कंपनी के नाम पर करना शुरू कर देते थे. पुलिस ने फिलहाल गिरफ्तार सभी आरोपियों को जेल भेज दिया है। साथ ही साथ पूरे मामले में संबंधित विभागों से संपर्क कर जानकारी जुटाते हुए आगे की कार्रवाई में जुट गई है. Tags: Muzaffarnagar newsFIRST PUBLISHED : September 25, 2024, 12:10 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed